गर्भावस्था धारण करना हर महिला का सपना होता हैं ये एक बेहद सुखद एहसास होता हैं. जो हर विवाहित दम्पती का सबसे बड़ा सपना होता हैं. गर्भावस्था धारण करना यूँ तो एक अत्यंत हे आनंदमय और जीवन का सबसे सुखद लम्हा होता है, लेकिन यह आसान नहीं होता. कुछ महिलाओ के लिए गर्भावस्था आसान होती हैं लेकिन कुछ महिलाओ के लिए ये अत्यंत पीड़ादायक अनुभव हो जाता हैं. गर्भावस्था कई प्रकार की होती हैं जो की इस प्रकार से हैं:

एक्टोपिक या अस्थानिक गर्भावस्था:
इस प्रकार की गर्भावस्था किसी भी प्रकार से सामान्य नहीं होती हैं, इसमें भूर्ण का विकास गर्भाशय के अंदर होने के बजाए फेलोपियन ट्यूब में होता हैं, यह एक सामान्य स्थिति नहीं होती इसमें जो निषेचित अंडा होता हैं वो किसी कारण या फेलोपिन ट्यूब में कमज़ोरी होने के कारण ये गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता हैं, जो की अत्यंत जटिल स्तिथि होती हैं. इसमें महिला की जान को खतरा होता हैं और फेलोपिन ट्यूब के फटने का भी खतरा बना रहता हैं

इसमें भ्रूण का विकास फेलोपिन ट्यूब में ही होना शुरू हो जाता है, ये अत्यंत पीड़ादायक वा जटिल स्तिथि होती हैं. इस स्तिथि में गर्भपात होना निश्चित हैं.

फैंटम गर्भावस्था:
जो महिलाये गर्भावस्था धारण करने के लिए अत्यंत उत्साहित होती हैं उन्हें फैंटम गर्भावस्था का अनुभव होता हैं.

ऐसी महिलाये जो कई बार गर्भधारण करने का प्रयास करती रहती हैं उन्हें फाल्स प्रेगनेंसी का अनुभव होता हैं. ये एक प्रकार की मनोदशा होती हैं, जिसमे महिलाओ को ये लगता हैं के वो गर्भावस्था में हैं किन्तु ये सिर्फ दिमाग का वहम होता हैं और कुछ नहीं ऐसी महिलाओ को गर्भावस्था के लक्षण का भी अनुभव होने लगता हैं.
फैंटम गर्भावस्था को प्रेत गर्भावस्था या फाल्स प्रेगनेंसी भी कहते हैं.

मोलर गर्भधारण:
यह समस्या गर्भाधान के दौरान निषेचन में किसी प्रकार की गलती या कमी रह जाने के कारण उत्पन्न होती है, जिस कारण से नाल का निर्माण करने वाली कोशिकाओं में खराबी आ जाती हैं. इस प्रकार के गर्भधारण में महिला का कोई क्रोमोसोम निषेचित अंडे में मौजूद नहीं होता और पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या अधिक होने से क्रामोसोम की संख्या दुगुनी हो जाती है. इसके शरुआती लक्षण सामान्य होते हैं लेकिन कुछ दिनों के बाद रक्तस्त्राव होने लगता हैं
ये अत्यंत ही दुर्लभ स्तिथि होती हैं. जिसमे महिला वा भूर्ण दोनों की जान को खतरा होता हैं.

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इंट्रा-ऐब्डामनल गर्भावस्था:
इंट्रा-ऐब्डामनल गर्भावस्था को ट्यूबल प्रेग्नेंसी भी कहते हैं, यह एक्टोपिक गर्भावस्था के सामान ही होती हैं, इस प्रकार की गर्भवस्था में भूर्ण गर्भाशय में विकसित होने के बजाए ऐब्डामनल कैविटी में विकसित होने लगता हैं अंडे गर्भाशय की बजाय गर्भाशय की नली से जुड़ जाते हैं. इस तरह की जटिल स्तिथि में डॉक्टर्स तुरंत गर्भपात की सलाह देते हैं. इस प्रकार की स्तिथि में गर्भपात होना निश्चित होता हैं.

Web-Title: Pregnancy a beautiful moment for women.

Key-Words: pregnancy, types, Intra-abdominal, Molar Pregnancy, phantom pregnancy

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