जैसे-जैसे उम्र बढ़ती हैं गठिया की बीमारी लगभग सभी को अपने चपेट में ले लेती हैं . पहले तो ये बीमारी केवल ज़्यादा उम्र के लोगो को होती थी लेकिन आजकल ये बीमारी 30 साल के उम्र वालो को भी अपना शिकार बना रही हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण हैं हमारा आजकल का लाइफस्टाइल.
गठिया का दर्द बड़ा ही जानलेवा होता है और सबसे बुरी बात तो यह है कि इसके दर्द का कोई परमानेन्‍ट इलाज नहीं है. गठिया रोग को आमवात, संधिवात आदि नामों से भी जाना जाता है. इस रोग में सबसे पहले शरीर में निर्बलता और भारीपन के लक्षण दिखाई देते हैं.

गठिया के कारण :

उम्र बढ़ने पर अक्‍सर लोगों को गठिया की शिकायत होने लगती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बॉडी में यूरिक एसिड की अधिकता होना होता है. जब बॉडी में यूरिक एसिड ज्‍यादा हो जाता है तो वह शरीर के जोड़ों में छोटे- छोटे क्रिस्‍टल के रूप में जमा होने लगता है इसी कारण जोड़ों में दर्द और ऐंठन होती है. गठिया को कई स्‍थानों पर आमवत भी कहा जाता है.

गठिया के लक्षण:
  • शरीर के तमाम जोड़ों में इतना दर्द होता है कि उन्हें हिलाने पर ही चीख निकल जाए, खासकर सुबह के समय.
  • इसके अलावा शरीर गर्म हो जाता है, लाल चकत्ते पड़ जाते हैं और जलन की शिकायत भी होती है.
  • जोड़ों में जहां-जहां दर्द होता है, वहां सूजन आना भी इस बीमारी में आम है.
  • जोड़ों के इर्द-गिर्द सख्त गोलाकार गांठें जैसी उभर आती हैं, जो हाथ पैर हिलाने पर चटकती भी हैं.
  • शरीर के किसी भी अंग को हिलाने पर दर्द, जलन और सूजन की तकलीफ         झेलनी पड़ती है.
  • यदि आप अपने शरीर को हिलाना-डुलाना बंद कर देगे तो गठिया रोग       आपको खा जाएगा इसलिये यह बहुत जरुरी है कि आप कुछ योगा आसन करें, गठिया  के दर्द से राहत पाएं.

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गठिया का बेहतरीन इलाज हैं योग में:

वैसे तो गठिया के इलाज में लोग हज़ारो रुपया फेक देते हैं. लेकिन एक सस्ता और आंच इलाज हैं योग करना वैसे तो योग और भी कई बीमारियों के अत्यंत लाभदायक होता हैं. इसी प्रयक यदि आप नियमित रूप से योग करेंगे तो आपको गठिया के साथ- साथ और भी बीमारियों में आराम मिलेगा और आप स्वस्थ हो जाएंगे . यहाँ कुछ आसन बताये जा रहे हैं जिनको करने से आपको अत्यंत लाभ पहुँचेगा.

सूर्य नमस्‍कार
सूर्य नमस्‍कार शरीर के समग्र लचीलेपन के लिए अच्छा है. इस बहुमुखी योग आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों को ढीला कर देता है जिसके बाद आपको व्‍यायाम शुरु करना चाहिये. यह घुटनों के लिए विशेष रूप से अच्छा है.

वज्रासन
वज्रासन सबसे सरल आसन है, बस पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठना है. पैरों के अँगूठे एक-दूसरे के ऊपर रहेंगे, एड़ियों को बाहर की ओर फैलाकर बैठने के लिए जगह बना लेंगे. हाथों को घुटनों पर रखेंगे, इसको करने से घुटनों का दर्द कम होता है. यही एक ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है.

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ताड़ासन
ताड़ एक पेड़ का नाम है ताड़ की तरह पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचना ही ताड़ासन कहलाता है, इससे पीठ पर जोर पड़ता है और दर्द गायब होता है. पैरों की अंगुलियों के साथ-साथ टखने भी मज़बूत बनते हैं. ये आसन रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है. फलस्वरूप शरीर का क़द बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है तथा स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती. कंधों के जोड़ मज़बूत बनते हैं और गहरी सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया में सुधार होता है.

विपरीतकर्णी
आसन इससे उदर, लीवर, किडनी, पैनक्रियाज, अग्नाशय, मूत्राशय और बेरिकेस वेंस रोगों में लाभ मिलता है। इससे रक्त की शुद्धता बढ़ती है और सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते है.

सेतुबंध आसन
सेतुबंध आसन रीढ़ की सभी कशेरुकाओं को अपने सही स्थान पर स्थापित करने में सहायक है. ये आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है , पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आँतों में खिंचाव आता है. कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी खुलकर लगती है।

सुखआसन
इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुडते हैं, जिससे उन्‍हें दर्द से आराम मिलता है. यह आसान प्रणायाम करने से पहले किया जाता है.

वीरभद्र आसन
इस योग का अभ्यास खड़े होकर किया जाता है. इस योग में मूल रूप से पैर, टखना, कंधा और बाजू मूल रूप से भाग लेते हैं, छाती के लिए भी यह अच्छा व्यायाम होता है. अभ्यास के दौरान कमर को सीधा रखना चाहिए पिछले पैर के हिप्स आगे की ओर नहीं घुमे इसका ख्याल रखना चाहिए, बाजू, कंधा, हिप्स और पैर एक सीध में होने चाहिए.

गठिया का घरेलू उपचार:

शहद : रोज़ाना एक बड़े चम्मच के शहद में एक छोटी चम्मच दालचीनी मिलाकर गरम करे. और इसे रोज़ सुबह पिए हफ्ते में 3 से 3 बार ये अपनाये इससे गठिया से छुटकारा मिलेगा.

लहसुन: लहसुन की दस कली ले और उसे गाय के दूध में डाल कर १५ मिनट तक उबाले और इसका रोज़ाना सेवन करे इससे आराम मिलेगा.

पानी: पानी लगभग हमारी सभी बिमारियों में कारगर हैं रोज़ाना ३ से ४ लीटर पानी पीने से इस रोग में आराम मिलेगा.

तेल और लहसुन: तेल में लहसुन दाल दें और इसे अच्छे से गरम कर दें और इसे अपने जोड़ो पर लगाए इससे जोड़ो के दर्द में फायदा मिलेगा.

  • नारियल का पानी पिए.
  • धुप में बैठे.
  • नियमित रूप से सब्ज़ी का रस पिए.
  • नीबू और संतरे का जूस पिए.

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