चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो या जॉब का ,आज के दौर में हर कोई औरो से आगे निकलने के लिए तेज दिमाग चाहता है मगर पर्यावरण और अन्य कारकों के प्रभाव के कारण हमारी यादगार शक्ति कमज़ोर होती जाती है, हर कोई चाहता है कि वो हर काम आसानी से करले चाहे कोई खेल हो या नई भाषा और नई टेक्नॉलॉजि को भी आसानी से ऑपरेट कर ले, जैसा कि आप सभी आइंस्टाइन न्यूटन और चाणक्य आदि को जानते होंगे पर यह लोग कोई विशेष दिमाग लेकर नहीं आये थे, बस उनमें और साधारण मानव में इतना अंतर था कि वे अपने दिमाग को अन्य मनुष्यों से ज्यादा इस्तेमाल करना जानते थे.
हम आपको आइंस्टाइन न्यूटन और चाणक्य जैसी क्षमता तो नहीं दे सकते मगर आपको कुछ ऐसे तरीके बता सकते हैं जिनसे आप उस दिशा में अपनी यादगार शक्ति को बढ़ा सकें.
यादगार शक्ति बढ़ाने के लिए आवश्यक है उचित आहार और पोषक तत्वों की शरीर में संतुलित प्रचुरता दिमाग को रीकॉल प्रोसेस के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है.
दिमाग को तेज़ बनाने के लिये उपाय:
सोया के आटे में फायटोस्ट्रोजेन नामक प्लांट हार्मोन और विटामिन B अच्छी मात्रा में होता है जो दिमाग के लिए बहुत उपयोगी है.
लॉफबोरो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि सोया से बना आटा डिमेंशिया जैसे रोगों से बचाव में मदद करता है.
शोधकर्ता एफ हॉजरवस्ट के अनुसार, अपने अध्ययन में हमने पाया कि बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त संबंधी समस्याओं से जुड़ रहे लोगों के लिए सोया आटे का सेवन काफी फायदेमंद है, फिलहाल हमने यह शोध चूहों पर किया है, यह चबाने में फायदेमंद है लेकिन फ्लूएड के रूप में इसका सेवन कितना फायदेमंद है, इस पर अभी अध्ययन चल ही रहा है.
10 बादाम रात को पानी में भिगो दें, सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें और अब एक गिलास गर्म दूध में बादाम का पेस्ट घोल कर इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें, दूध जब हल्का गर्म हो तब पिएं, यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न खाएं.
ब्राह्मी स्मरण शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है, रोज इसका एक चम्मच रस और याददाश्त बेहतर बनाने में मदद करता है.
रोज सेब का सेवन करना भी स्मरण शक्ति के लिए बहुत फायदेमंद है.
एक गाजर और पत्ता गोभी के 10-12 पत्ते काट लें, इस पर हरा धनिया काटकर डाल दें, फिर उसमें सेंधा नमक, काली मिर्च का पावडर और नीबू का रस मिलाकर खूब चबा-चबाकर खाया करें.
भोजन के साथ एक गिलास छाछ भी पिया करें.
विद्यार्थियों के लिए विशेष:
रात को पढ़ाई करते समय आधे-आधे घंटे के अंतर पर आधा गिलास ठंडा पानी पीते रहें, इससे जागरण के कारण होने वाला प्रकोप नहीं होगा, वैसे 11 बजे से पहले सो जाना ही ठीक होता है.
लेटकर या झुककर नहीं पढ़ना चाहिए, रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर बैठना चाहिए, इससे आलस्य या नींद का असर नहीं होगा और स्फूर्ति भी रहेगी.
सुस्ती महसूस हो तो थोड़ी चहल-पहेल कर लिया करें, नींद भगाने के लिए चाय या धूम्रपान का सेवन ना करें.
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