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जाने किस प्रकार आप अपनी प्रेग्नेंट वाइफ का रख सकते हैं ख्याल

गर्भावस्था धारण करना हर महिला का सपना होता हैं ये एक बेहद सुखद एहसास होता हैं. जो हर विवाहित दम्पती का सबसे बड़ा सपना होता हैं. गर्भावस्था धारण करना यूँ तो एक अत्यंत हे आनंदमय और जीवन का सबसे सुखद लम्हा होता है, लेकिन यह आसान नहीं होता. कुछ महिलाओ के लिए गर्भावस्था आसान होती हैं लेकिन कुछ महिलाओ के लिए ये अत्यंत पीड़ादायक अनुभव हो जाता हैं. गर्भावस्था कई प्रकार की होती हैं जो की इस प्रकार से हैं

माँ बनना एक बहुत ही सुखद एहसास है| लेकिन कोई भी महिला इस सुखद और सुंदर पहलू का आनंद तभी उठा सकती हैं जब गर्भावस्था के दौरान वो खुद और उसका बच्चा स्वस्थ रहे, ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब गर्भवती महिला अपना अच्छे से ख्याल रखे, और उसका पति इस दौरान उसका पूरा साथ दें और उसे खुश रखे.

गर्भावस्था के शुरू के तीन महीनों में महिलाओ की स्तिथि बहुत ज़्यादा तकलीफदेह होती हैं इस कारण इस दौरान उसे अपना ख्याल अच्छे से रखना ज़रूरी होता हैं ,कई महिलाओं को जी मचलाने या उल्टी आने की शिकायत होती है, इसके कुछ महिलाये इन दिनों काफी बीमार भी पड़ जाती हैं, लेकिन होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है की उसकी माँ भी स्वस्थ रहे. इसलिए ऐसे में जरुरी है की पति अपनी पत्नी का ख्याल रखे.

क्योंकि जब भी किसी लड़की को पता चलता है कि वह मां बनने वाली है तो वह इस बात को सबसे पहले अपने पति के साथ शेयर करना चा‍हती है और वो करती भी क्योंकि यह बात पति-पत्नी के लिए बहुत ज़्यादा ख़ुशी का लम्हा होता हैं, और इसी के साथ पति की ज़िम्मेदारियाँ भी बढ़ जाती हैं. उन्हें अपनी पत्नी का ख्याल पूरी तरह से रखना होता हैं.

जाने उनके अंदर होने वाले परिवर्तन को:

कई पति अपनी पत्नी के माँ बनने के बाद ऐसे मौकों पर जिम्मेदारियों से घबरा जाते हैं और परेशान होने लग जाते हैं, क्योकि गर्भवती महिला कई बार उदास होने लगती है, कभीउन्हें बहुत गुस्सा आता हैं और कभी उनका मूड बेहद खराब हो जाता हैं , ऐसे माँ आपको ध्यान रखना होगा की उनके अंदर कई प्रकार के हार्मोनल चेंजेस होते हैं जिसके कारण वो इस तरह के बर्ताव करती हैं.

तो आपको यह समझना बेहद ज़रूरी हैं की गर्भावस्था के दौरान मां कैसा महसूस करती है यह बात भी बहुत मायने रखती है, क्योंकि इससे होने वाले बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान आप अपनी पत्नी का अच्छे से ख्याल रखे, इनसे मां और बच्चे दोनों को फायदा होता हैऔर आप अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से निभा पाएंगे.

एडजस्ट करे खुद को:

गर्भावस्था के दौरान आपकी पत्नी सारे काम टाइम पर नहीं कर सकती हैं जिसके कारण आपके दैनिक कार्यों पर बहुत असर पड़ता हैं ऐसे में आपको कोशिश करनी चाहिए के आप किस प्रकार उनका हाथ बटा सकते हैं या आपको अपने कामो की ज़िम्मेदारी अब खुद उठानी होगी इससे होने काफी हेल्प भी मिलेगी. जितना हो सके आपको होने वाली मां के कम्फर्ट का ध्यान रखना है, यदि आपको ब्रेकफास्ट नहीं मिल रहा है तो कुछ दिन बाहर ही नाश्ता कर ले.

पत्नी को प्यार दें:

गर्भवती होने के बाद महिला के अंदर बहुत चेंजेस आते हैं जिसके कारण उन्हें लगता हैं की वो बदसूरत हो गयी हैं और आप अब उनसे प्यार नहीं करते हैं, तो आप उन्हें बताये के वो अभी भी उतनी ही सुंदर हैं और आप उन्हें अभी भी उतना ही प्यार करते हैं.

उनके चेकअप्स का ध्यान रखे:

आपकी पत्नी का कब चेकअप होना हैं या उन्हें कब डॉक्टर के पास ले कर जाना हैं इन बातों का ध्यान आपको ही रखना होगा. इसके अतिरिक्त यदि आपकी पत्नी को किसी चीज से एलर्जी है तो आपको इसका भी ध्यान रखना होगा.

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पत्नी के कामो में हाथ बताये:

इस दौरान आप अपनी पत्नी के कामो में हाथ बटाकर आप उनका ख्याल रख सकते हैं जितना हो सके उन्हें आराम करने दें और इस प्राकार आप अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में कामयाब हो पाएंगे.

उसके खान पान का ख्याल रखे:

देखा गया है की ज्यादातर महिलाएं इन दिनों में अपने खान-पान का विशेष ध्यान नहीं रख पातीं है, क्योंकि इन दिनों महिलाओ की खाने में रूचि कम हो जाती हैं वो उन चीज़ों से परहेज़ करती हैं जो उनके लिए स्वास्थ्यवर्धक होती हैं , जिसे चलते उनके शरीर में लौह तत्व की कमी से एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए अपनी पत्नी के खान पान का भी ख्याल रखे और आप यह पता करे की इन दिनों क्या खाना चाहिए क्या नहीं , चाहे तो कुछ दिन के लिए अपने किसी रिस्तेदार को मदद के लिए बुलाले, नहीं तो आप उनका प्रेगनेंसी डाइट चार्ट डॉक्टर से लिखवा लें.

गर्भावस्था में स्त्री को हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दाल, अंकुरित अनाज, प्रचुर मात्रा में दूध आदि अवश्य लेना चाहिए.

इन विशेष बातो का भी रखे ध्यान:

गर्भावस्था के दौरान अपनी पत्नी के साथ रेगुलर चेकअप पर जाएं उन्हें डॉक्टर के पास खुद ले कर जाए, अल्‍ट्रासाउंड रूम में भी साथ रहें और बच्चे की हरकत को पेट छूकर महसूस करे.

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कमर में भयानक दर्द होता है, इसलिए ऐसे में उन पर अधिक काम का बोझ न लादें बल्कि उनके कामो में हाथ लगाए.

अपनी पत्नी की भी बात सुनें, उनसे पूछें की उन्हें क्या अच्छा लगता है क्या नहीं, उनका ख्‍याल रखने के साथ साथ अधिकतर समय उनके साथ बिताएं ताकि आप उनका ख्याल अच्छे रख पाए.

रोमेंटिक बातों के लिए टाइम निकाले, क्योकि कुछ समय बाद आप दोनों अकेले नहीं रह जाएंगे, फिर शायद नन्हे को सँभालने के चक्कर में आप एक दूसरे को ज्यादा वक्त नहीं दे पाए.

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