आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में ये समस्या आम सी हो गयी हैं, और एलोपैथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, और आराम कोई नहीं थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है.
थॉयराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है यह ग्रंथि उर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि है.
यह एक तरह के मास्टर लीवर की तरह है जो ऐसे जीन्स का स्राव करती है जिससे कोशिकाएं अपना कार्य ठीक प्रकार से करती हैं इस ग्रंथि के सही तरीके से काम न कर पाने के कारण कई तरह की समस्यायें होती हैं
आखिर क्या कारण हो सकते है जिनसे थायराइड होता है
थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है.
इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है.
कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं.
थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती.
भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है.
सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण.
जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है. यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है.
यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है. यह थायराइड का सबसे अहम कारण है.
ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है. इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है. ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है.
थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है.
रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है जो कई बार थायराइड की वजह बनती है.
थायराइड के लक्षण
कब्ज:
थाइराइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है खाना पचाने में दिक्कत होती है साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतरता शरीर के वजन पर भी असर पड़ता है.
हाथ-पैर ठंडे रहना:
थाइराइड होने पर आदमी के हाथ पैर हमेशा ठंडे रहते है मानव शरीर का तापमान सामान्य यानी 98.4 डिग्री फॉरनहाइट 37 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन फिर भी उसका शरीर और हाथ-पैर ठंडे रहते हैं
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना:
थाइराइड होने पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम़जोर हो जाती है इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं.
थकान:
थाइराइड की समस्या से ग्रस्त आदमी को जल्द थकान होने लगती है उसका शरीर सुस्त रहता है वह आलसी हो जाता है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है.
त्वचा का सूखना या ड्राई होना:
थाइराइड से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है त्वचा में रूखापन आ जाता है त्वचा के ऊपरी हिस्से के सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी-रूखी हो जाती है
जुकाम होना:
थाइराइड होने पर आदमी को जुकाम होने लगता है यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक नहीं होता है.
डिप्रेशन:
थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है.
बाल झड़ना
थाइराइड होने पर आदमी के बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है साथ ही साथ उसके भौहों के बाल भी झड़ने लगते है.
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और साथ ही साथ कमजोरी का होना भी थायराइड की समस्या के लक्षण हो सकते है.
शारीरिक व मानसिक विकास
थाइराइड की समस्या होने पर शारीरिक व मानसिक विकास धीमा हो जाता है.
अति असरदार घरेलू उपाय:
सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिए, घर में ही गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पिए, इसके बाद एक गिलास पानी में हर रोज़ ३० मिली एलो वेरा जूस और २ बूँद तुलसी की डाल कर पिए, एलो वेरा जूस आपको किसी बढ़िया कंपनी का यूज़ करना होगा.
जिसमे फाइबर ज़्यादा हो, सिर्फ कोरा पानी ना हो बाजार से आज कल पांच तुलसी बहुत आ रही हैं, किसी बढ़िया कंपनी की आर्गेनिक पांच तुलसी ले ये सब करने के आधे घंटे तक कुछ भी न खाए पिए, इस समय में आप प्राणायाम करे.
अखरोट और बादाम है फायदेमंद :
अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है 1 आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है.
अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्म थॉयराइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना में करता है.
इसके साथ में रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे इसके साथ प्राणायाम करना हैं, जिसे उज्जायी प्राणायाम बोलते हैं इस प्राणायाम में गले को संकुचित करते हुए पुरे ज़ोर से ऊपर से श्वांस खींचनी हैं.
सफ़ेद नमक है बहुत हानिकारक:
आज कल जो बाज़ार में सफ़ेद नमक हमको आयोडीन के नाम से खिलाया जा रहा है, चाहे वो कितनी भी बड़ी कंपनी हो, सिर्फ आम जन को मुर्ख बनाने के लिए है नमक सिर्फ सेंधा या काला ही इस्तेमाल करें.
काली मिर्च:
थाइरोइड के लिए काली मिर्च का उपयोग बहुत ही फायदेमंद साबित होता है काली मिर्च का यथा संभव नियमित उपयोग चाहे वो किसी भी प्रकार से हो, थाइरोइड के लिए बहुत ही उपयोगी है.
आपकी सालो पुरानी बीमारी से आपको 1 महीने में इतना आराम मिलेगा के आप सोच भी नहीं सकते.
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