डायबिटीज़ या चीनी की बीमारी ऐसी बीमारी हैं जो ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से होती हैं. आजकल की जीवनशैली के कारण ये बिमारी लोगो में तेज़ी से फैलती जा रही हैं. ये बिमारी खतरनाक होती हैं डायबिटीज़ के मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता हैं,
मधुमेह होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है. पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है, ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते.
डायबिटीज़ के प्रकार:ये कई प्रकार की होती हैं जो इस प्रकार हैं.
टाइप 1 डायबिटीज:यह तब होता है जब आपकी body insulin बनाना बंद कर देती है. ऐसे में मरीज को बाहर से इंसुलिन देनी पड़ती है . इसे insulin-dependent diabetes mellitus, IDDM भी कहते हैं.
टाइप 2 डायबिटीज:यह तब होता है जब आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते. इसे non-insulin-dependent diabetes mellitus, NIDDM भी कहते हैं.
जेस्टेशनल डायबिटीज:ये ऐसी महिलाओं को होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी मदुमेह ना हुआ हो.ऐसा प्रेगनेंसी के दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता हैं.
मधुमेह होने के कारण:
दरअसल मधुमेह लाइफस्टाइल संबंधी या आनुवंशिक बिमारी है. जब शरीर में पैंक्रियाज नामक ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है तब मधुमेह की समस्या होती है. इंसुलिन ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करता है.
आपके परिवार में किसी अन्य सदस्य को भी मधुमेह की समस्या रही हो तब भी आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यह एक आनुवांशिक बिमारी है.
मधुमेह होने के कुछ अन्य कारण:
- हाई कोलेस्ट्रॉल.
- हाई ब्लड प्रेशर.
- तनाव में रहने से.
- शारीरिक काम की कमी.
- ड्रग्स लेना या स्मोक करना.
मधुमेह होने के लक्षण:
मधुमेह होने पर इसके शुरुआती दिनों में आपको सारा दिन थकान महसूस होगी.
हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है.शरीर में थकान सी महसूस होना.
लगातार पेशाब लगना
मधुमेह होने पर पेशाब बहुत ज़्यादा और बार-बार लगता हैं. जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है.
बहुत ज़्यादा प्यास लगना
मधुमेह होने पर मरीज़ों को प्यास बहुत ज़्यादा लगता हैं. क्योंकि पेशाब के ज़रिये शरीर का पानी वा शुगर निकल जाता हैं इस कारण मरीज़ों को बार-बार प्यास लगती हैं.
आँखों का कमज़ोर होना
मधुमेह के रोगियों की आँखे कमज़ोर होने लगती हैं, उनकी आँखों की रौशनी धीमे-धीमे काम होने लगती हैं उन्हें धुन्दला दिखने लगता हैं.
वज़न का काम होना
मधुमेह के रोगियों का वज़न अचानक से काम होने लगता हैं.
बार-बार भूक लगना
मधुमेह के रोगियों को थोड़ी-थोड़ी देर में भूक लगती ही रहती उनकी भूक काम नहीं होती. पहले की तुलना में इन रोगियों की भूक अचानक से बढ़ जाती हैं.
घाव का जल्दी न भरना
मधुमेह के रोगियों को यदि कोई चोट लग जाती हैं तो उनके घाव जल्दी नहीं भरते हैं. घावों को भरने में समय लगता हैं.
तबियत खराब रहना
मधुमेह के रोगियों के शरीर में किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी से ठीक नही होता है. अगर आपको वायरल, खॉसी-जुकाम या कोई भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो आपको राहत नहीं मिलेगी. छोटे-छोटे संक्रमण जो आसानी से खुद ठीक हो जाते हैं बढे घाव बन जाते हैं.
त्वचा के रोग होना
मधुमेह के रोगियों को कई प्रकार के त्वचा के रोग हो जाते हैं.
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कुछ घरेलू उपाय:
करेला: करेले में ग्लूकोस की मात्रा ना के बराबर होती हैं. मधुमेह के रोगियों के लिए करेला कहना या करेले का जूस पीना बहुत फायदेमंद होता हैं. करेला इन्सुलिन की मात्रा को बढाता हैं और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता हैं
आम: आम के १०-१२ पत्तो को रात में पानी में भिगो कर रख दे और सुबह उठ कर इसे छान के खाली पेट पी लें. आम भी मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता करता हैं
तुलसी: तुलसी में ब्लड शुगर को काम करने की क्षमता होती हैं इसलके रास को निकाल ले और सुबह निहार मुह इसके सेवन करने से ब्लड में शुगर काम होता हैं
नीम: 50 ग्राम नीम की पत्ती को लेकर उसे 100ml पानी के साथ पीस ले और इसे रोज़ सुबह निहारमुह पीने से मधुमेह नियंत्रित होती हैं. नीम ब्लड को साफ़ करने के लिए अत्यंत उपयुक्त मानी जाती हैं
मधुमेह के कुछ अन्य लाभदायक उपाय इस प्रकार हैं:
- सर्दियों में सैर पर अवश्य जाएं, लेकिन अत्यधिक ठंड में न जायें. डायबिटीज रोगी नंगे पैर कभी न चलें
- डायबिटीज नियंत्रित करें, आंखों के डॉक्टर को दिखाएं, रेटिना की जांच से पता चलेगा कि रेटिनोपैथी तो नहीं है. ये सारी समस्याएं डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के कारण हो सकती हैं.
- सिर्फ योग से काम नहीं चलेगा, रोज व्यायाम के साथ दवा जरूरी है. डायबिटीज के मरीज को उपवास नहीं रखना चाहिए.
- शुगर फ्री मिठाइयां, आलू, चावल के मोह से बचें. उनके सेवन से उतनी ही कैलोरी और शुगर बढ़ती ह. इस तरह के गलत प्रचार के छलावे में न आएं.
- सर्दियों में खाने का खास ख्याल रखें.
- फाइबर की एक संतुलित मात्रा भोजन में होनी चाहिए.
- 3 बार भारी भोजन करने की बजाय 4-5 बार हल्का खाना खाएं.
- जंक फूड बिल्कुल न खाएं.
- सोने से करीब दो घंटे पहले कुछ न खाएं.
मधुमह को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और खासतौर से सर्दियों में समय समय पर शुगर लेवल का चेकअप करवाते रहें. थोड़ी सी सावधानी आपको सर्दियों में डायबिटीज की पीड़ा से दूर रख सकती है.
Web-Title: Diabetes is no more dangerous with these home remedies.
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