अपेंडिक्स छोटी आंतों और बड़ी आंतों के बीच की कड़ी है, जो शहतूत के आकार की होती है यह आंतों से बाहर की ओर निकली रहती है और पहले इसकी उपयोगियता या अनुपयोगियता के बारे में जानकारी नहीं थी इसीलिए अक्सर चिकित्सक पेट दर्द होने पर अपेंडिक्स को हटा देने में ही भलाई समझते थे, इससे मरीजो को कोई समस्या नहीं भी होती थी लेकिन इस तरह से जरा से पेट के दर्द में इस तरह बॉडी के किसी पार्ट को निकाल कर फेक देना अच्छी बात नहीं हैं.
क्या कहता हैं शोध:
चिकित्सकों ने अपेंडिक्स पर शोध के बाद पाया कि एक स्वस्थ्य शरीर के लिए इसका होना जरूरी हैइसका मतलब यह हमारा बहुत बड़ा मिथ था की यह किसी काम का नहीं हैं. डॉक्टर्स ने कहा इसमें मनुष्य के पाचन प्रणाली के लिए अच्छे वाले बैक्टेरिया को जमा करके रखने वाली थैली होती है. जिसके कारण जब हमारे शरीर के बैक्टेरिया में लम्बे समय से रोगों की वजह से कमी हो जाती है तो अपेंडिक्स का काम पाचन प्रणाली को सुदृढ़ वा अच्छा बनाये रखने का कार्य करता हैं.
अपेंडिक्स के मुख्य कारण:
लम्बे समय तक कब्ज़ का रहना.
पेट में पलने वाला परजीवी व आंतों के रोग.
आदि इसके लक्षण हैं अपेंडिक्स की नाली में रुकावट आ जाती है. ऐसे भोजन का सेवन करना जिसमें रेशा बहुत ही कम या बिल्कुल ना हो, भी इस समस्या को निमंत्रण दे सकता है. जब यह अपेंडिक्स में लगातार रुकावट की स्थिति बनी रहे तो सूजन और संक्रमण के बाद यह फटने की स्थिति में हो जाती है फिर तो यह बहुत ही भयावह हो सकता है.
अपेंडिक्स के लक्षण:
यहा हम अपेंडिक्स के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, अगर आप इन लक्षणों को देखे तो डॉक्टर् को तुरंत कंसल्ट करे.
नाभि के आसपास तेज दर्द होना.
जी मचलाना या हर वक़्त जी मिचलाते रहना.
उल्टी आना या होना.
भूख कम लगना.
जीभ के ऊपर सफ़ेद आवरण का होना.
हल्का बुखार बने रहना.
यह दर्द पेट के दाएं भाग में नीचे की तरफ होता है, इस स्थान पर छूने से रोगी को तीव्र दर्द होता है.
यहां तक की दायां पैर आगे बढ़ाने तक से रोगी का दर्द बढ़ सकता है.
ऐसे में रोगी की नब्ज तेज चलती है और उसे तेज बुखार भी हो सकता है.
ऐसी स्थिति में अगर उचित उपचार ना मिले तो पेट के दाएं भाग में गोला बन सकता है अथवा अपेंडिक्स फट भी सकता है जिसके कारण मरीज़ को भारी कीमत चुकानी पद सकती हैं. पेट में बना हुआ गोला तो तीन-चार सप्ताह से सामान्य हो जाता है परन्तु अपेंडिक्स फटने से पेट की झिल्ली भी संक्रमित हो जाती है, जो कि एक गंभीर स्थिति है.
अपेंडिक्स का इलाज:
निम्न लक्षणों से आप इसका उपाय कर सकते हैं.
लहसुन:
रोजाना खाली पेट 2 से 3 कच्ची लहसुन का सेवन करें इसके अलावा आप खाना पकाते वक्त भी लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं दूसरा ऑपशन यह हैं है कि आप डॉक्टर की सलाह से गार्लिक कैप्सूल का सेवन भी कर सकते हैं.
अदरक:
अदरक दर्द और सूजन को दूर करने में सहायक है यह किसी भी प्रकार के दर्द में काम आती हैं. रोजाना अदरक की चाय 2 से 3 बार पियें। अदरक की चाय बनाने के लिये 1 कप उबलते हुए पानी में 1 छोटा चम्मच घिसा अदरक डाल कर 10 मिनट उबालें. इसका दूसरा तरीका है कि अपने पेडु को अदरक के तेल से दिन में कई बार मसाज करें.
मेथी दाना:
1 कप पानी में 2 छोटे चम्मच मेथी के दाने डाल कर पानी को उबालें. इसके बाद इस पानी को दिन में एक बार पियेंइसको पीने से आपको पेट दर्द में लाभ मिलेगा. खाने में भी मेथी दाने का प्रयोग करें इससे सूजन गायब हो जाती हैं .
नींबू:
नींबू दर्द, अपच और कब्ज से राहत दिलाता है. यह विटामिन सी से भरपूर है इसलिये यह इम्मयूनिटी भी बढाता है, इसका सेवन करने के लिये एक नींबू निचोड़ कर उसमें कच्ची शहद मिलाइये और इस मिश्रण को दिन में कई बार लीजिये. ऐसा कुछ हफ्तों तक लगातार करें इससे आपको फायद नज़र आने लगेगा.
तुलसी:
यदि अपेंडिक्स रोगी को हल्का बुखार भी आता है तो तुलसी उसे कम कर सकती है यह किसी दवा से कम नहीं हैं साथ ही यह अपच और गैस को कम करती है.
बुखार को दूर करने के लिये 1 मुठ्ठी तुलसी, 1 छोटा चम्मच अदरक और 1 कप पानी को आधा होने तक धीमी आंच पर उबालिये और इस चाय को दिन में दो बार कई दिनों तक पीजिये. अपेंडिक्स के अन्य लक्षणों को दूर करने के लिये आप रोजाना तुलसी की 3 से 4 पत्तियों को चबा सकते हैं इससे आपको लाभ मिलेगा.
पुदीना:
यह अंदर की गैस, मतली और चक्कर जैसे लक्षणों को दूर करता है और यह अपेंडिक्स के दर्द को भी ठीक करता है. इसका सेवन करने के लिये पुदीने की चाय तैयार करें इसके लिए आपको 1 चम्मच ताजी पुदीने की पत्तियों को 1 कप खौलते पानी में 10 मिनट तक उबालें और इसे छान कर इसमें कच्ची शहद मिलाएं फिर इसे हफ्तेभर दो या तीन पर रोजाना पियें.
राई :
पेट के निचले भाग में दायीं ओर राई पीसकर लेप करने से दर्द दूर होता है राई पेट दर्द में बहुत फायदेमंद होती हैं और यह दर्दो को कम करने के लिए बेहतरीन मानी जाती हैं मगर ध्यान रहे कि एक घंटे से ज्यादा देर तक लेप लगा नहीं रहना चाहिए. वरना छाले भी पड़ सकते हैं
तरल पदार्थ:
खूब सारा तरल पदार्थ पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है, जिससे अपेंडिक्स भी जल्द ठीक हो जाता है अगर कब्ज़ से परेशान हैं तो आपको खूब सारा पानी पीना चाहिए. इससे शरीर की गंदगी भी दूर होती है और आप पानी के अलावा फ्रूट जूस वो भी बिना शक्कर के पी सकते हैं.
हो सके तो ठोस आहार कम कर दें और ढेर सारा तरल पदार्थ ही पियें इसके अलावा शराब और कैफीन का सेवन बिलकुल भी ना करें, नहीं तो आप डीहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं.
फाइबर युक्त आहार:
आहार में लो फाइबर अपेंडिक्स को दावत दे सकता है इसलिये आपको हाई फाइबर वाले आहार जैसे, बींस, खीरा, टमाटर, चुकंदर, गाजर, ब्रॉक्ली, मटर, ब्राउन राइस, मुनक्का, वीट जर्म, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज और अन्य ताजे फल तथा सब्जियां खाने की ज़रूरत हैं.
कुछ टिप्स:
रोजाना नमक मिला कर छाछ पियें इससे कब्ज से दूरी बनाएं क्योंकि इससे कंडीशन और भी खराब हो सकती है.
एक अच्छी डाइट लें, जिसमें ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होंआ उर हाई फाइबर युक्त खाना खाए डेयरी प्रोडक्ट्स, मीट और रिफाइंड शुगर ना खाएं.
विटामिन बी, सी और ई का सप्पलीमेंट लीजिये.
कोई भी सप्पलीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूरे करे.
थकान होने पर हमेशा आराम करें और अच्छी नींद लें और अपनी नींद को पूरा करे.
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