पाइल्स की बिमारी ऐसी होती हैं, जिसके बारे में मरीज़ बात करने में हिचकिचाता हैं और वो इस बिमारी को छुपाने की कोशिश करता रहता हैं, जिसके कारण उसे इसका सही इलाज नहीं मिल पाता हैं जिसके कारण यह बिमारी भयावाह रूप भी ले सकती हैं. यह एक बिमारी हैं जो किसी को भी हो सकती हैं.
इसके लिए शर्माने की ज़रूरत नहीं हैं, आपको अपनी इस बिमारी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और इसके इलाज को जानना होगा ताकि यह आगे जा कर भयावाह रूप ना धारण कर सके, इस लेख में पाइल्स के आयुर्वेदिक इलाज को बताया गया हैं जो की पूरी तरह से इस बीमार को सही करने का दावा रखता हैं इस इलाज को करते वक़्त आपको संयम रखने की बहुत आवश्यकता पड़ेगी.
पाइल्स के कारण:
आनुवंशिकता के कारण भी होती हैं पाइल्स की बिमारी.
खराब खानपान भी कहैं एक कारण.
फायबर की कमी से भी होती हैं पाइल्स की बिमारी.
गूदे की कैविटी में असामन्या बढ़ोत्तरी से होती हैं यह बिमारी.
लंबे समय तक बैठे रहना.
कब्ज़ की शिकायत होना.
पाइल्स के लिए आयुर्वेदिक इलाज:
नीबू का नुस्खा:
डेढ़ से दो कागज़ी नीबू का रस एनिमा के साधन से गुदा में लें, फिर दस पंद्रह संकोचन कर के थोड़ी देर लेते रहे, इसके बाद शौच जाए. यह प्रयोग ४-५ बाद दिन भर में करे, इसको तीन बार करने से हई बवासीर में लाभ मिलेगा.
जमीकंद से इलाज:
जमीकंद को उबालकर वा सुखा कर इसका चूर्ण बना लें, इस चूर्ण का ३२ तोला
16 तोला चित्रक.
4 तोला सोंठ.
2 तोला काली मिर्च
107 तोला गुड़
इन सबको मिलाकर छोटी- छोटी गोलियां बना लें बेर के साइज़ की, इन गोलियों को सुबह शाम खाने में पाइल्स से लाभ मिलता हैं
छाछ का नुस्खा:
दो लीटर छाछ लेकर उसमे लगभग 40 ग्राम जीरा पीसकर और थोडा नमक मिलाकर रख दें जब भी प्यास लगे यह पिए पानी की जगह इसका सेवन करे, पूरे दिन यह प्रक्रिया अपनाए लगभग 4 से 5 दिन तक यह नुस्खा अपनाए इससे मस्से ठीक हो जायेंगे बेहतर परिणामो के लिए यह नुस्खा 7 दिन तक जारी रखे.
दूसरा नुस्खा:
इसके अलावा छाछ में सोंन्थ का चूर्ण वा सेंध नमक और पिसा जीरा वा ज़रा सी हींग डालकार इस पेय का उपयोग करे इससे इस बिमारी में बहुत फायद मिलेगा.
खुनी बवासीर:
खुनी बवासीर तो और भी ज्यादा खतनाक होती हैं इसके कारण व्यक्ति को मल त्यागने में वा उठने बैठने में भी बहुत ज्यदा तकलीफ होती हैं जिसे कारण मनुष्य एक डीएम बेहाल हो जाता हैं यहाँ हम आपको बतायेंगे.
खुनी नुस्खे को दूर कने का तरीका:
जीरा:
जीरा का लेप अर्श पर करने से और 2 से 4 ग्राम उतने ही घी मिलाकर खाने से और गर्म आहार का सेवन बंद करने से खुनी पाइल्स में आराम मिलता हैं.
बड का दूध:
बड के दूध के सेवन से रक्तप्रदर वा खुनी बवासीर का रक्त स्राव बंद होता हैं जिससे आपको बहुत ज्यादा लाभ पहुचता हैं.
अनार का उपयोग:
अनार हुमैर सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हैं ठीक इसी प्रकार यह पाइल्स में भी फायदा करता हैं, अनार के छिलके का नागकेशर के साथ मिलाकर देने से बवासीर में लाभ मिलता हैं इससे रक्तस्राव बंद हो जाता हैं.
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