ayurvedic treatment for unwanted facial hair

शरीर में कई कारणों से बाल बढ़ जाते हैं लेकिन हममें से ज्यादातर सैलून जाकर शरीर के इन अतिरिक्त बालों से निजात पा लेते हैं यही नहीं इसके लिए काफी कुछ सहना भी पड़ता है जैसे दर्द से भरे वैक्स और थ्रेडिंग और जेब पर भारी खर्च आदि.

क्या आपको पता है कि शरीर के अतिरिक्त बालों से निजात पाने के लिए आर्युवेदिक उपचार भी है. आयुर्वेदिक उपचार के जरिये आप शरीर के अतिरिक्त बालों से ना सिर्फ निजात पा सकते हैं बल्कि दमकती त्वचा भी हासिल कर सकते हैं आइये इन उपचारों पर गौर करें जिनसे आप हमेशा के लिए अनचाहे बालो से निजात पा सकती हैं.

हल्दी और काले चने का पाउडर

हल्दी को प्राकृतिक हेयर रिमूवर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यदि इसे काले चने के साथ मिला दिया जाए तो यह ज्यादा असरकारक हो जाता है. इसके लिए आपको हल्दी और काले चने के पाउडर का पेस्ट बनाना है.

इसके लिए गुलाब जल का इस्तेमाल करें. इस पेस्ट को शरीर के हर उस अंग में लगाएं जहां के आप बाल निकालना चाहते हैं. इस पेस्ट को 30 मिनट तक रखें और इसके बाद धोने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें. ऐसा प्रत्येक तीन माह तक करना चाहिए. जिनकी त्वचा रूखी है, वे इस पेस्ट में दही भी मिला सकती हैं इससे त्वचा नरम होगी.

ठनका पाउडर

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ठनका पाउडर ठनका पेड़ से बनाया जाता है. यह पेड़ म्यांमार में पाया जाता है और इसे भी आयुर्वेदिक प्राकृतिक हेयर रिमूवर के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा ठनका पाउडर का इस्तेमाल त्वचा को गोरा बनाने के लिए भी किया जाता है. यही नहीं इसके इस्तेमाल से दमकती त्वचा भी हासिल की जा सकती है.

साथ ही त्वचा मुलायम भी बनती है और शरीर से निकलने वाले अतिरिक्त तेल की मात्रा में भी कमी आती है, ठनका पाउडर का इस्तेमाल करने हेतु इसका गुलाब जल से पेस्ट बनाएं। सूखने तक जरूरी शरीर के अंगों में लगाकर रखें. इसके बाद हल्के गुनगुन पानी से धो लें इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा.

thanka powder

कुसुम तेल

यह काफी हद तक सूरजमुखी जैसा होता है. इसमें असंख्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं इसका इस्तेमाल खाना बनाने में भी किया जा सकता है. इसके अलावा सलाद पर भी इसे छिड़का जा सकता है. यही नहीं यह एक प्रकार की हर्बल कास्मेटिक प्रक्रिया में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

कुसुम तेल की एक विशेष खासियत यह है कि स्थायी परिणाम के लिए इसका इस्तेमाल उपयुक्त होता है. कुसुम तेल का उपयोग वैसे ही किया जाता है जैसे शेविंग या वैक्सिंग आदि क्रीमों को होता है. इसका इस्तेमाल रात को करें मतलब यह कि रात को लगाकर रखें लेकिन इसे अधिकतम 3 से 4 घंटे बाद अंग को गुनगुने पानी से धो दें.

हर्बल घी

सामान्यतः इस घी को चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिनमें हारमोन सम्बंधी समस्याएं होती हैं, वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा स्त्रीरोग में भी इसका उपयोग उपयुक्त माना जाता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक हर्बल घी सुबह एक बार और शाम को एक बार लेना चाहिए.

हल्दी और चंदन

जैसा कि पहले ही जिक्र किया जा चुका है कि हल्दी एक प्राकृतिक हेयर रिमूवर है और यह रीमोवर एजेंट की तरह जाना जाता हैं. इसी तरह चंदन को आयुर्वेद में औषधि समान माना गया है. चंदन को त्वचा के लिए बेहतरीन उत्पाद माना जाता है.

हल्दी के साथ यदि चंदन को मिला दिया जाए तो न सिर्फ शरीर से अतिरिक्त बालों से निजात मिलता है बल्कि त्वचा दमकती हुई बन जाती है. इसे भी पेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

इसके लिए आप गुलाब जल की जगह दूध का उपयोग भी कर सकते हैं. इस पेस्ट को शरीर में कुछ घंटों के लिए रखें. अंततः गुनगुने पानी में धो दें, इसे प्रत्येक माह आजमाएं.

सावधानी:

इनमे से अगर आपको किसी भी चीज़ से एलर्जी हैं तो इसे तुरंत साफ़ कर लें और पैच टेस्ट लेना ना भूले.

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