मीठा खाना लगभग हर किसी को पसंद होता हैं, और इसके बगैर तो कोई भी शुभ काम पूरा होता ही नहीं होता हैं चाहे शादी हो या कोई भी छोटा फंक्शन हो उसमे मीठे के बगैर काम कहलता ही नहीं हैं हर किसी को चाहे बच्चे हो या जवान या बूढा की भी हो उसे मीठा ज़रूर पसंद होता हैं.

हम सबको मीठी चीजें खाना अच्छा लगता है, बल्कि सभी को मीठा पसंद होता हैं, एक बार मीठी चीज मुंह में डालने के बाद और ज्यादा उसे खाने की इच्छा होने लगती है और हम उसे और ज्यादा खाने का मोह त्याग नहीं पाते हैं कुछ लोगो को तो मीठा खाये बगैर नींद ही नहीं आती हैं.

जिस तरह से अति हर चीज की बुरी होती है मीठी चीजों के बारे में भी ऐसी ही है, बहुत ज़्यादा मीठा आपको नुक्सान नहीं करता हैं, इसके भी बहुत नुकसान होते हैं. आइये जानें कि मीठा खाने से हमारे शरीर को कौन-कौन से नुकसान होते हैं.

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बहुत ज़्यादा मीठा खाने से नुक्सान:

मोटापा:

मोटापा यानी ओबेसिटी एक जटिल समस्या है, जो दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है इससे कई प्रकार की बिमारियां भी हो जाती हैं, कई अध्ययनों में पाया गया है कि शहरी युवा इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं. इसकी मुख्य वजह हैं कोल्ड ड्रिंक, पेस्ट्री, केक, चॉकलेट व कैंडी जैसे मीठे पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना जिससे मोटापा बढ़ता हैं.

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डायबिटीज:

मीठे यानी शुगर का सेवन करने से ब्‍लड में शुगर की मात्रा बढ़ती है और इसके कारण डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए मीठा खाने से डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. जिन लोगों को डायबिटीज होता है उनको मीठा से परहेज करने की हिदायत दी जाती है. इसीलिए डायबिटीज के
मरीज़ों को सख्ती से मना किया जाता हैं.

कॉलेस्टेरोल:

इसी प्रकार मीठे से और भी कई प्रकार की बिमारी होती हैं जैसे कॉलेस्टेरोल की बिमारी भी होती हैं , चीनी की बहुत ज्यादा मात्रा बुरे कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देती है, जो दिक् के लिए आफ हानिकारक होती हैं.

हार्ट अटैक:

ऊपर आप देख चुके हैं की मीठा खाने से कितनी बिमारियां हो जाती हैं, कॉलेस्टेरोल, डायबिटीज और मोटापा यह तीन ही ह्रदय घात को बुलावा देती हैं, इससे हार्ट अटैक का ख़तरा बहुत ज़ायद बढ़ जाता हैं.

हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि एक व्यक्ति जो 2,200 कैलोरी एक दिन में लेता है, उसे एक दिन में 36 ग्राम (लगभग 9 टी स्पून) से ज्यादा अतिरिक्त चीनी का इस्तेमाल अपने भोजन में नहीं करना चाहिए, यानी हमारे कुल कैलोरी की मात्रा में अतिरिक्त चीनी की मात्रा केवल 7 प्रतिशत तक ही होनी चाहिए. जो लोग इस मापदंड को तोड़ते हैं उन्हें इस प्रकार की समस्या हो सकती हैं.

अल्जाइमर:

अल्जाइमर ऐसी बिमारी हैं जिसमे व्यक्ति की याददाश्त लगभग खत्म हो जाती हैं, नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और चीनी वाला भोजन करने वाले बुजुर्गों में अल्जाइमर्स होने का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. जो की एक खतरनाक बात हैं.

दांतो को होता हैं नुक्सान:

मीठा खाने का ये नुकसान आप बचपन से ही सुनते आए होंगे, दरअसलस, ज्यादा मीठा भोजन दांतों के सड़ने का कारण बनता है. जो लोग बहुत मीठा खाते हैं उनको अक्सर दांतों की समस्या रहती है, इसलिए अपने दांतों को स्‍वस्‍थ और मजबूत रखने के लिए मीठे और मीठे से बने आहार से बचने की कोशिश कीजिए. इसीलिए बच्चो को मीठा खाने के लिए मना किया जाता हैं, इसे बच्चो के दांतो में कीड़े लग जाते हैं.

ब्लड प्रेशर:

आमतौर पर भोजन से संबंधित दुष्प्रभावों में सोडियम या नमक की ज्यादा मात्रा को हाइपरटेंशन के लिए जिम्मेदार माना जाता है, वर्ष 2011 के एक अध्ययन में यह सामने आया है कि जो लोग अपने भोजन में चीनी की मात्रा कम करके केवल एक मीठा पेय तक सीमित कर पाए, उनमें रक्तचाप का खतरा अपेक्षाकृत कम पाया गया. इसीलिए अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको मीठा खाना कम करना होगा.

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