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    Categories: Health

सिर्फ सिगरेट ही नहीं, इन कारणों से भी होता हैं फेफड़ो में कैंसर

कैंसर एक घातक बिमारी हैं जो किसी की भी जान ले सकती हैं, इसके मरीज़ आज दुनिया में बहुत तेज़ी से फ़ैल रहे हैं जिसके कारण मौतों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ रहा हैं, इन्ही में से एक हैं लंग कैंसर यानी की फेफड़ो का कैंसर इसके मरीज़ों की तादाद भी बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं, इसका मुख्य कारण सिगरेट, धूम्रपान करना हैं लेकिन यह सिर्फ एक कारण नहीं हैं फेफड़ो के कैंसर होने का इसके और भी बहुत सारे कारण होते हैं, आज यहाँ हम आपको बताएंगे की किस प्रकार फेफड़ो का कैंसर होता हैं.

मानव शरीर में फेफड़ो का कार्य हवा से ऑक्सीजन को विसर्जित कर के रक्त तक पहुँचाना हैं, हमारे शरीर से कार्बन डाई-आक्साइड उत्सर्जित होता है, जो फेफड़े बाहर निकालते हैं, लेकिन कई बार हमारे फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है और ये ठीक से काम नहीं करते। यही समस्‍या बढ़कर कई बार कैंसर का रूप ले लेती है. इसके कारण कारण बहुत सारे होते नहीं, जिनका जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी होता हैं आईये जानते हैं क्या हैं वो कारण जिनसे होता हैं फेफड़ो का कैंसर.

फेफड़ो में कैंसर होने का कारण:

सिर्फ सिगरेट ही नहीं फेफड़ो में कैंसर होने के और भी हैं कई कारण जिनमे से कुछ इस प्रकार से दिए गए हैं.

धूम्रपान करने से:

धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम कारण है, धूम्रपान कैंसर की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है. और यह सही भी हैं. धूम्रपान ना केवल सिगरेट पीने वालों, बल्कि धुएं के संपर्क में आने वाले अन्‍य व्‍यक्तियों को भी प्रभावित बहुत ज़्यादा प्रभावित करता हैं. इसीलिए अगर आप भी धूम्रपान करते हैं तो यह आपके लिए भी जानलेवा हो सकता हैं.

बहुत ज़्यादा शराब:

धूम्रपान की तरह शराब भी बहुत ज़्यादा घातक साबित हो सकता हैं, शराब पीने से पेट का कारण तो होता ही हैं साथ यह आपके फेफड़ो के कैंसर का भी कारण बन सकता हैं, शराब के साथ सिगरेट पीने की आदत तो फेफड़े के कैंसर की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है, लोग इसे नार्मल समझते हैं और इसकी तरफ ध्यान नही देते हैं लेकिन आपको पता भी नहीं चलता की यह कब आपके लिए जानलेवा बन जाती हैं.

एस्बेस्टोस में काम करने पर:

एस्बेस्टोस में काम करने वाले कर्मचारियों में फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना बहुत ज्‍यादा होती है, क्योंकि यहाँ पर बहुत ज़्यादा कैमिकल्स का उत्सर्जन होता हैं जो हमारी सास द्वारा हमारे फेफड़ो में पहुँच कर उसे संक्रमित कर सकते हैं. जिसका कारण कैंसर होने का खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ रहा है.

अन्य खतरे फेफड़ो में कैंसर होने के:

मज़दूरों में ज्‍यादातर कैंसर के होने की संभावना रहती है, खासकर उन श्रमिकों में जो लंबे समय से किसी कारखाने में काम कर रहे है, जैसे- कोयला, आर्सेनिक, अखबार मुद्रण, सरसों गैस इत्‍यादि में, और यहां तक कि सोने की खान में काम करने वाले श्रमिकों में कैसर होने का जोखिम ज्‍यादा होता हैं, ऐसे लोगो बहुत ज़्यादा चान्सेस होते हैं की उन्हें लंग कैंसर हो जाए इसके अलावा ए.सी बनाने वाले कर्मचारियों में भी इसके होने के चान्सेस बहुत ज़्यादा होते हैं.

परमाणु विस्फोट के कारण:

जिस जगह किसी प्रकार का परमाणु विस्फोट हुआ होता हैं, वहाँ के लोगो में यह बिमारी होना आम होता हैं, इसके कारण वह के लोग बहुत बुरी तरह से अनेक बीमारियों से ग्रसित होते हैं यह तक की पैदा हुए बच्चो में भी कुछ ना कुछ कमी होती हैं.

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फेफड़ो के कैंसर के लक्षण:

इसके लक्षण इस प्रकार से हैं.

फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों में 3 सप्ताह तक लगातार खांसी आना लाल या थूक के साथ रक्त आना.

सीने में दर्द होना या हर समय दर्द बने रहना.

शारीरिक व्यायाम के साथ सांस और अक्सर घरघराहट होना.

छाती में किसी प्रकार संक्रमण जो की लंबे समय से हो.

रक्त वाहिकाओं पर ट्यूमर के दबाव के असर से चेहरे और गर्दन में सूजन होना.

नसों में दर्द या उस तरफ हाथ में कमजोरी आना.

वजन में अचानक से कमज़ोरी आना.

हर वक़्त थकान लगते रहना.

भूख में कमी या भूख ना लगना.

यह लक्षण लंग कैंसर वाले मरीज़ों में पाए जाते हैं.

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