शरीर में कपकपाहट होने के कई कारण होते हैं, बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो इस बिमारी से किसी ना किसी प्रकार से ग्रसित होते हैं. शरीर में या हाथ-पैर में कम्पन एक दिमाग का रोग है जो लम्बे समय दिमाग में पल रहा होता है, इस रोग का प्रभाव धीरे-धीरे होता है. पता भी नहीं चलता की कब आप इस रोग से ग्रस्त हो गए हैं.
अनेक सप्ताहों व महीनों के बाद जब लक्षणों की तीव्रता बढ जाती है तब अहसास होता है कि कुछ गड़बड़ है. हमेशा शरीर में कम्पन बने रहने के कारण आपको कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. इसके कारण रोगी को घबराहट होने के साथ भय का भी एहसास होता हैं अगर रोगी कोई काम लिखने वाला करता हैं तो उसे लिखने में भी बहुत ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इसके अलावा भी कई प्रकार की दिक्कते होती नहीं जिनसे उनका दैनिक जीवन बहुत बुरी तरह से प्रभावित होता हैं.
शरीरं में कम्पन्न होने के कारण:
शरीर में कम्पन्न होने के कारण निम्न प्रकार से दिए गए हैं, शरीर में कम्पन्न कई कारणों से होता हैं जिनका पता आपको आगे इस लेख में बताया जा रहा हैं.
अधिक धूम्रपान करने के कारण शरीर में कापं उठती हैं.
तम्बाकू का सेवन करने के कारण भी ऐसे होता हैं.
बहुत ज़्यादा फास्ट-फूड का सेवन करने से भी यह स्तिथि आजाती हैं.
शराब, प्रदूषण तथा नशीली दवाईयों का सेवन करने के कारण भी यह रोग हो जाता है.
शरीर में विटामिन `ई´ की कमी हो जाने के कारण भी ऐसा होता हैं.
तरह -तरह के इन्फेक्शन जैसे मस्तिष्क में वायरस के इन्फेक्शन (एन्सेफेलाइटिस) होने पर.
मस्तिष्क तक ख़ून पहुंचाने वाले नलियों का अवरुद्ध होना या सही से ना पहुँचने के कारण.
मैंगनीज की विषाक्तता भी हैं एक कारण.
शरीर में कम्पन्न को दूर करने के उपाय:
यहाँ हम आपको कुछ इफेक्टिव होम रेमेडीज बातएंगे जिसके द्वारा आप इस रोग से मुक्ति पाने में सफल हो सकेंगे.
फलो व सब्ज़ियों का रस पिए:
फलो वा सब्ज़ियों के रस पीने से आपको इस रोग में बहुत ज़्यादा फायदा पहुँचेगा , इसके कारण आपमें आयी विटामिन ई की कमी दूर होगी, इसके अलावा रोगी को दस दिनों तक बिना पका हगा भोजन खाना चाहिए. इसके अलावा रोगी को हरे पत्ते दर सब्ज़ियों का सेवन भी करना चाहिए.
दूध का सेवन:
दूध के सेवन इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता हैं लेकिन इसके लिए आपको इसका सेवन इस प्रकार से करना होगा, सोयाबीन को दूध में मिलाकर, तिलों को दूध में मिलाकर या बकरी के दूध का अधिक सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है. इससे आपको ककह सप्ताह में आराम मिल जाएगा.
विटामिन डी ले इस प्रकार:
विटामिन डी कमी से भी यह रोग हो जाता हैं इसके लिए आपको इसकी कमी को दूर करना बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता हैं. सूरज की किरणें विटामिन डी का बड़ा स्रोत हैं. बहुत ही कम ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें विटामिन डी पाया जाता है. यदि शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होती है तो उससे हड्डियों में कमोजरी, कैंसर, दिल की बीमारियों और डायबिटीज हो सकती है, लेकिन अब विटामिन डी की कमी से आप शरीर में कम्पन्न के रोगी भी हो सकते हैं.
विटामिन ई:
रोगी व्यक्ति को जिन पदार्थो में विटामिन `ई´ की मात्रा अधिक हो भोजन के रूप में उन पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए, जैसे मछली, दूध, अंडा, मक्खन, नारियल आदि. इससे आपको इस रोग में काफी फायदा पहुँचेगा.
निकोटिन का सेवन न करे:
रोगी व्यक्ति को कॉफी, चाय, नशीली चीज़ें, नमक, चीनी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, निकोटिन की अधिकता से भी यह रोग हो सकता हैं.
व्यायम करे:
प्रतिदिन कुछ हल्के व्यायाम करने से यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है, आप चाहे तो योग वा मेडिडेशन भी कर सकते हैं, जब ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा तो आपको इस रोग में फायदा पहुँचेगा.
बी पॉजिटिव:
कम्पन्न से पीड़ित रोगी को अपने विचारों को हमेशा सकरात्मक रखने चाहिए तथा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए. इसीलिए आपको सकारात्मक रहन एकी बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती हैं.
नीबू का रस पिए:
इसको ठीक करने के लिए 4-5 दिनों तक पानी में नीबू का रस मिलाकर पीना चाहिए. इसके अलावा इस रोग में नारियल का पानी पीना भी बहुत लाभदायक होता है. इससे आपकी यह समस्या खत्म हो जायेगी.
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