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माहिलाओ में होता हैं ज़्यादा अवसाद होने का खतरा, जाने इसके कारण और लक्षण

आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी अवसाद का शिकार होता जा रहा है. अवसाद कई बार थोड़े समय के लिए ही रहता है, अवसाद होने के कई कारण होते हैं ,अवसाद किसी को भी हो सकता हैं चाहे वा पुरुष हो या महिला लेकिन यह बात सच हैं की पुरुषो के मुकाबले महिलाओ में ज़्यादा अवसाद की बिमारी होती हैं , और कभी यही अवसाद भयानक रूप ले लेता है.

जब कोई व्यक्ति अवसाद संबंधी विकार से पीड़ित होता है, तो यह विकार उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन और उसके सामान्य कामकाज में बाधा डालता है तथा उस व्यक्ति और उसके परिवारजनों के दुखों का कारण बन जाता है, अधिकतर मामलों में अवसाद से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज भी इलाज से बेहतर हो सकते हैं. महिलाओ को कई वजाहो से अवसाद हो जाता हैं, जो की इस प्रकार से हैं.

महिलाओ में अवसाद होने की वजह:

अवसाद की स्तिथि तब आती हैं जब कोई महिला अपनी ज़िन्दगी के हर पहलु को नकारात्मक रूप से लेने लगती हैं, यह किसी ना किसी प्रकार के दिमागी विकार के कारण होती हैं. कभी-कभी महिलाये हर बात को कुछ ज़्यादा ही गहराई से सोच लेती हैं वो भी उसके नकारात्मक पहलु को ले कर, जिसके कारण वो पूरे टाइम तनाव में रहती हैं आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी अवसाद का शिकार हो जाता जा रहा है.

अवसाद कई बार थोड़े समय के लिए ही रहता है, कभी यही अवसाद भयानक रूप ले लेता है। जब कोई व्यक्ति अवसाद संबंधी विकार से पीड़ित होता है, तो यह विकार उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन और उसके सामान्य कामकाज में बाधा डालता है तथा उस व्यक्ति और उसके परिवारजनों के दुखों का कारण बन जाता है. अधिकतर मामलों में अवसाद से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज भी इलाज से बेहतर हो सकते हैं, लेकिन उसके लिए पहले यह धयान रखना होगा की किस बात के लिए वो हैं अवसाद की शिकार.

यौन शोषण भी हो सकती हैं एक वजह:
पुरुषो के मुकाबले महिलाओ का यौन शोषण ज़्यादा होता हैं जिसके बारे में वो किसी को भी बता नहीं पाती हैं.
जिसके कारण वो अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं और अवसाद का शिकार हो जाती हैं. क्योंकि किसी भी प्रकार का यौन शोषण महिलाओ को अंदर से बहुत ज़्यादा आघात पहुँचाता हैं.

बायोलॉजिकल परिवर्तन के कारण भी होता हैं तनाव के कारण:
महिलाओ में होने वाला बायोलॉजिकल परिवर्तन के कारण यह तनाव का कारण बन जाता हैं जिससे महिलाओ में घबराहट, बेचैनी, और उलझन होने के कारण वो बहुत ज़्यादा सोचने लगती हैं जिसके कारण वो तनाव में आजाती हैं और अवसाद का शिका हो जाती हैं,

सी सेक्शन सर्जरी होने के बाद हो जाता हैं तनाव:
बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओ अपने शरीर को ले कर तनाव हो जाता हैं जिसके कारण वो अवसाद का शिकार हो जाती हैं, इस प्रकार के तनाव को पोस्‍टपार्टम डिस्‍ऑर्डर कहते हैं.

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महिलाओ में होता हैं खाने का डिसऑर्डर:
महिलाओं में पुरूषाें की अपेक्षा खाने का डिस्‍ऑर्डर भी ज्‍यादा होता है, हालांकि, महिलाओ को अपने फिगर और वजन की बहुत ज़्यादा फिक्र होती है लेकिन फिर भी वो हमेशा खाने-पीने की चीजों को देखकर खुद को रोक नहीं पाती है. और खाने पर टूट पड़ती हैं.

तनाव डिसऑर्डर भी हैं एक वजह:
जो महिलाएं तनाव डिस्‍ऑर्डर से ग्रसित होती हैं उन्‍हें फालतू की बातों की चिंता होती है, डर लगता है या वो रोती ही रहती हैं, उन्हें हर वक़्त यह अंदेशा रहता हैं की कोई दुर्घटना होने वाली हैं या फिर कुछ बुरा होने वाला हैं उन्हें इसी बात का तनाव हर वक़्त बना रहता हैं जिसके कारण वो अवसाद से ग्रस्त हो जाती हैं.

पीरियड्स के दिनों में, मेनोपॉज के दौरान हो जाता हैं तनाव:
इन दिनों कई प्रकार के हार्मोनल चेंजेस होते हैं जिसके कारण न अजीब सा बना रहता हैं मूड खराब रहता हैं बेवाजह की बातो पर गुस्सा आता हैं या फिर हर वक़्त नेगेटिव ख़याल दिमाग में आते रहते हैं, इसी प्रकार इन दिनों महिलाये तनाव से पीड़ित हो जाती हैं.

बना रहता हैं खतरा पार्टनर से सेपेरेशन का:
महिलाओ को इस बात का खतरा या तनाव बहुत ज़्यादा होता हैं की कही उनका पार्टनर उनसे बेवाफ़ाई ना करे या उनसे अलग ना हो जाए इस बात की चिंता से उन्हें पहले तो शक़ होता हैं फिर वो धीमे-धीमे अवसाद से पीड़ित हो जाती हैं.

girls are more sensitive than boys that is why they think every single problem so deeply, sometimes thinking so much in a negative sense causes depression

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