इस मौसम में होने वाले अलग-अलग प्रकार के इन्फेक्शन आजकल सुर्ख़ियों में है, जैसे डेंगू, चिकेनगुनिया और मलेरिया आज कल लोगो को इन घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
यह इनके कुछ सामान्य लक्षण है जैसे बुखार ,जोड़ो में दर्द और शरीर में दर्द, यह बीमारिया व्यक्ति को तकलीफ देने के साथ साथ उसके स्वस्थ पर भी बुरी तरह प्रभाव डालती है ,इन सब में त्वचा पे रैशेज होना आम बात है.
चिकित्सा विशेषज्ञओ के अनुसार किसी भी वायरल इंफेक्शन में त्वचा पर रैशेज होना एक बेहद आम समस्या है लगभग 80 फ़ीसदी रोगियों में यह समस्या पाई जाती है. इस तरह के रैशेज आम तौर पर दो दिन के तेज़ बुखार से आ जाते है और 5 -8 दिन तक उसमे खुजली की समस्या बनी रहती है.
चिकेनगुनिया हीपैरपिग्मेंटेशन का एक बड़ा कारण है ज़ीका वायरस के रैशेज भी उभरे हुए दानो एक ही तरह के होते है जो खुद ही 2- 3 दिन में ठीक हो जाते है. वही दूसरी ओर चिकनगुनिया की वजह से होने वाले रैशेज हाथ, पैर, गर्दन, कान पर होते है जबकि डेंगू में होने वाले रैशेज चेचक की तरह होते हैं.
उपाय
- जितना हो सके धूप में जाने से बचे और अगर धूप में जाना ही हो तो किसी अच्छी क्वालिटी के सन क्रीम का इस्तमाल करे
- किसी भी प्रकार के साइट्रस युक्त फल या खाद्य पदार्थ का सेवन न करें
- एंटी एलर्जिक दवाओं का प्रयोग करें इससे आपको त्वचा की रैशेज तथा खुजली से राहत मिलेगी
- ओट्स में पाए जाने वाले पदार्थ रैशेज की समस्या से मुक्ति दिलाने में बहुत कारगर होते हैं
- ओट्स में गरम पानी मिला कर पेस्ट बनाएं तथा इसे कम से कम 15 मिनट तक रैशेज पर लगा कर छोड़ दें इससे आपको काफी आराम मिलेगा
- आप एलोवेरा का प्रयोग भी कर सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद तत्व जलन
- सूजन से राहत देने के साथ ही हमारी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं
- एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल को शहद के साथ मिला कर लगाने से त्वचा को नमी मिलती है
इन उपायों के साथ कुछ महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, जैसे अपने आस-पास सफाई रखें, कहीं भी पानी इकठ्ठा ना होने दें तथा रोग के लक्षणों को अनदेखा ना करें और फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.