विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है की भारत में आने वाले सालो में शुगर ऐसी बीमारी बन जाएगी जो लोगो की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण होगी. अनियमित रहन सहन और असंतुलित खान पान कई बार सेहत के लिए बहुत परेशानी पैदा कर देता है. हमारी ख़राब जीवनशैली जैसे की अनियमित व्यायाम व बढ़ रहे मोटापे को अनदेखा करना, कई बीमारियों का कारण बन सकता है. इनमे मधुमेह भी ऐसी ही बीमारी है.
डायबिटीज़ या चीनी की बीमारी ऐसी बीमारी हैं जो ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से होती हैं. आजकल की जीवनशैली के कारण ये बिमारी लोगो में तेज़ी से फैलती जा रही हैं. ये बिमारी खतरनाक होती हैं डायबिटीज़ के मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता हैं.
मधुमेह होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है. पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है, ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते.
क्योकि मधुमेह जीवन भर साथ चलने वाली बीमारी है इसलिए इसको नियंत्रण में रखने के लिए कुछ खास बातो का ध्यान रखना आवश्यक है. इनमे सबसे जरुरी है आपकी डाईट. मधुमेह में सही डाइट का चुनाव बेहद जरुरी है.
डायबिटीज के कारण जोड़ो में दर्द :
डायबिटीज के कारण कई प्रकार के और रोग भी लग जाते हैं जिसके कारण हमे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं, अब तक तो आप जानते होंगे की डायबिटीज के कारण दिल की बीमारियां, किडनी डैमेज और स्ट्रोक जैसी समस्याएं होती हैं, आप ये तो जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है, कि डायबिटीज की वजह से आपके जोड़ों को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता है. जी हां अगर आप इस रोग से ग्रस्त हैं तो यह आपके जोड़ो को भी कई प्रकार से नुक्सान पहुँचा कर उन्हें कमज़ोर बना सकता हैं.
डॉक्टर्स के मुताबिक डायबिटीज मस्को-स्केलेटल सिस्टम को कई तरीकों से प्रभावित करता है, जिसके कारण इसके मरीज़ जोड़ो में दर्द की शिकायत करते हैं, डायबिटीज के मरीजों में जोड़ों से जुड़ी सबसे आम समस्या नर्व डैमेज या न्यूरोपैथी के रूप में सामने आती है.
टाइप 1 डायबिटीज:
यह तब होता है जब आपकी बॉडी इन्सुलि बनाना बंद कर देती है. ऐसे में मरीज को बाहर से इंसुलिन देनी पड़ती है . इसे IDDM भी कहते हैं. डायबिटीज स्टिफ हैंड सिंड्रोम या लिमिटेड जॉइंट मोबिलिटी सिंड्रोम की समस्या (हाथों की कार्यक्षमता घटाने वाला डिसऑर्डर) टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 8-50 फीसदी मरीजों में देखने को मिली. जो जोड़ो के दर्द का मुख्या कारण हो सकती हैं.
टाइप 2 डायबिटीज:
ह तब होता है जब आपके सेल्स प्रोड्स हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते. इसे नॉन-इन्सुलिन-डिपेन्डेन्ट डायबिटीज मेल्लिटस , NIDDM भी कहते हैं. इस प्रकार जोड़ो की समस्या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में भी दिखी, वहीं डायबिटीज के 20 फीसदी मरीजों में कारपल टनल सिंड्रोम की समस्या देखने को मिली जोकि मेडियन नर्व में संकुचन के कारण होती है, साथ ही डायबिटीज के मरीजों में कंधों की जकड़न की समस्या भी सामने आई हैं.
उपाय:
सर्दियों में खाने का खास ख्याल रखें.
फाइबर की एक संतुलित मात्रा भोजन में होनी चाहिए.
3 बार भारी भोजन करने की बजाय 4-5 बार हल्का खाना खाएं.
जंक फूड बिल्कुल न खाएं.
सोने से करीब दो घंटे पहले कुछ न खाएंमधुमह को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और खासतौर से सर्दियों में समय समय पर शुगर लेवल का चेकअप करवाते रहें. थोड़ी सी सावधानी आपको सर्दियों में डायबिटीज की पीड़ा से दूर रख सकती है.
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