सोरायसिस त्वचा संबंधी रोग होता हैं, इसके होने पर त्वचा की कोशिकाएं मर जाती हैं और बॉडी पर सफ़ेद वा लाल धब्बे हो जाते हैं, लोग इस बिमारी को छुआछूत मानते हैं लेकिन यह छुआछूत की बिमारी नहीं होती हैं, यह इम्यून सिस्टम और जेनेटिक से सम्बंधित बिमारी हैं ना की छुआछूत की, यह बिमारी किसी को भी हो सकती हैं चाहे वो महिला हो या पुरुष लेकिन अगर यह बिमारी किसी को एक बार हो जायेगी तो यह ज़िन्दगी भर के लिए हो जाती हैं. यहाँ जाने इस बिमारी के लक्षण वा उपचार.
सोरायसिस रोग के कारण:
यह रोग मुख्यता दो ही कारणों से होता हैं, एक तो आनुवंशिक दूसरा पर्यावरण के कारण हैं.
आनुवांशिक:
डॉक्टर मानते हैं कि सोरायसिस आनुवांशिक कारणों से भी आ सकता है. अगर आपकी फैमिली में किसी को यह रोग हो चुका होता हैं तो आपको भी यह रोग हो सकता हैं.
पर्यावरण:
लगातार कैमिक्लस और प्रदूषण के संपर्क में रहने कारण भी सोरायसिस हो सकता है, यह बिमारी सर्दियों में अधिक होती है. ज्यादा देर धूप में रहने के कारण भी यह बिमारी हो सकती है, जो की बहुत खतरनाक होती हैं इसका इलाज पूरी तरह से नहीं हो सकता हैं.
सोरायसिस के लक्षण:
आंखों में जलन होना.
चलने-फिरने में दिक्कत हो जाना.
जोड़ों में दर्द बने रहना.
शरीर में लाल रंग के चकत्ते दिखाई देने लगते हैं.
और सफ़ेद रंग के दाग हो जाना.
सोरायसिस के उपचार:
सोरायसिस से बचाव और उपचार का पहला चरण होता हैं सफाई करना, सोरायसिस होने पर निम्न उपाय भी फायदेमंद होते हैं जो की इस प्रकार हैं.
सोरायसिस के लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लें तथा उसके बताए निर्देशों का पालन करें, इसके लिए नियमित तौर पर दवा करनी रहती हैं.
सोरायसिस के रोगियों को तनावमुक्त रहना बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि तनाव सीधे-सीधे सोरायसिस को प्रभावित कर रोग के लक्षणों में वृद्धि करता है.
त्वचा को अधिक खुश्क होने से भी बचाएँ ताकि खुजली ना हो. खुजली होने से रोगी को बहुत तकलीफ होती हैं.
रोग के गंभीर ना होने पर साधारणत इस तरह उपचार किया जा सकता हैं.
क्रीम इत्यादि से ही रोग नियंत्रण में रहता है, लेकिन इसका प्रयोग नियमित रूप से होता हैं, लेकिन कभी-कभी मुँह से ली जाने वाली एंटीसोरिक और सिमटोमेटिक औषधियों का प्रयोग आवश्यक हो जाता है.
आजकल अल्ट्रावायलेट लाइट से उपचार की विधि भी अत्यधिक उपयोगी और लाभदायक हो रही है, जो की इस रोग में सहायक होती जा रही हैं.
सोरायसिस के लिए घरेलू उपचार:
गुनगुने पानी में तेल, ओटमील, सेंधा नमक गुनगुने पानी में मिला कर बाथ टब में कुछ देर के लिए बैठ जाते इससे निकलने के बाद पूरे बदन में मॉस्चराइजर लगा ले.
सोरायसिस में अनार भी फायदेमंद होता हैं इसके लिए अनार के पत्तों को पीसकर लगाने काफी आराम मिलता है.
खुजली से निजात पाने के लिए, केले में नींबू का रस मिला लगाने से खुजलाहट कम होती है. इससे आपको आराम मिलेगा.
इस चार्म रोग में हल्दी का लेप भी बहुत कारगर होता हैं.
सोरायसिस रोगियों को, रोज सुबह नीम के पत्तों का रस पीना चाहिए या नीम का पत्ता कच्चा चबा कर खाना चाहिए. इससे खून साफ रहता है, और इसमें आराम भी मिलता हैं
नीम के पत्ती को दही के साथ पीसकर लगाने काफी फायदा होता है, इस प्रकार आपको इस रोग से आराम मिलेगा.
this skin disease is so dangerous and not be totally curable, you can control it by these methods which has been given in this article
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