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क्यों होता हैं सर्वाइकल पेन , जाने इसके लक्षण, कारण वा घरेलू उपाय

सर्वाइकल की बिमारी वैसे तो बूढ़े लोगो को होती हैं लेकिन हमारी दिनचर्या और मिलावटी खानपान के कारण यह बिमारी आजकल हर उम्र के लोगो को हो रही हैं, सर्वाइकल की बिमारी तब होती हैं जब स्पाइन की हड्डियों की असामान्य बढ़ोत्तरी और वर्टेब के बीच के कुशन में कैल्शियम के डी-जेनरेशन, बहिःक्षेपण और अपने स्थान से सरकने की वजह से होता है, जिसके कारण इस प्रकार का गर्दन का दर्द उठता हैं.

स्पॉन्डिलाइटिस, आर्थराइटिस का ही एक रूप है जिसका दर्द गर्दन से ले कर पीठ की स्पाइन तक में उठता हैं. सर्वाइकल स्पॉन्डलाइसिस के अन्य दूसरे नाम सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस, नेक आर्थराइटिस और क्रॉनिक नेक पेन के नाम से भी जाना जाता है.

स्पॉन्डिलाइटिस के प्रकार: यह तीन प्रकार का होता हैं जो इस प्रकार होता हैं,

सरवाइकल स्पोंडिलोसिस:
इसमें गर्दन में दर्द उठता हैं, यह दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन और कंधों के जोड़ तक पहुंच जाता है. इससे गर्दन घुमाने में परेशानी होती है और कमजोर मांसपेशियों के कारण बांहों को हिलाना भी मुश्किल होता है. इसके कारण सर में तेज़ दर्द उठता हैं वा गार्डन झुकाने में भी परेशानी होती हैं.

लम्बर स्पोंडिलोसिस:
इसमें स्पाइन के कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है, इस कारण व्यक्ति को उठने बैठने में परेशानी होती हैं.

एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस:
यह बिमारी जोड़ो को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं. इसमें रीढ़ की हड्डी के अलावा कंधों और कूल्हों के जोड़ इससे प्रभावित होते हैं, एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस होने पर स्पाइन, घुटने, एड़ियां, कूल्हे, कंधे, गर्दन और जबड़े कड़े हो जाते हैं. जिसके कारण रोगी को बहुत ज़्यादा दिक्कत होती हैं.

स्पॉन्डिलाइटिस सर्वाइकल कारण:
आमतौर पर इसके शिकार 40 साल के ऊपर के लोग होते हैं, आज की जीवनशैली में बदलाव के कारण युवावस्था में ही लोग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं.

कैल्शियम की कमी से यह बिमारी होती हैं.

पानी कम पीने से पानी की कमी हो जाती हैं जो डिस्क को सूखा और बाद में कमजोर बनाता है.

डिस्क के बीच की जगह गड़बड़ हो जाना और डिस्क की ऊंचाई में कमी होना भी इसका कारण होती है.

कोई गम्भीर चोट या सदमा गर्दन के दर्द को बढ़ा सकता है.

धूम्रपान करना भी इसका एक मुख्या कारण हो सकता हैं.

निराश या चिंता, तनाव इसका कारण हो सकते हैं.

अगर आप ऐसा कोई काम करते है जिसमे आपको गर्दन या सिर को बारबार घुमाना पड़ता हो या फिर गर्दन को झुकाने से भी इसकी प्रॉब्लम हो जाती हैं.

स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण: इसके लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं

अगर स्पाइनल कोर्ड दब गई है तो ब्लेडर पर नियंत्रण खत्म हो सकता है, जिसके कारण तीव्र दर्द उठता हैं.

इस रोग में दर्द हाथ की उँगलियों से लेकर सर तक उठता हैं.

कंधे, कमर के निचले हिस्से और पैरों के ऊपरी हिस्से में कमजोरी और कड़ापन आ जाता है, जिससे चलने फिरने में आप खुद को असमर्थ महसूस करते हो.

रात में या खड़े होने के बाद या बैठने के बाद,खांसते, छींकते या हंसते समय और कुछ दूर चलने के बाद या जब आप गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ते हैं तो दर्द में वृद्धि हो जाना.

गर्दन से कंधों और वहां से होता हुआ यह दर्द हाथों, सिर के निचले हिस्से और पीठ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच सकता है.

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शारिरिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाना.

स्पोंडिलोसिस की समस्या होने पर यह सिर्फ जोड़ो तक या गर्दन के दर्द तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि समस्या गंभीर होने पर बुखार, थकान, उल्टी होना, चक्कर आना और भूख की कमी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जो की घम्भीर हो सकते हैं, अगर इस प्रकार के लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.

स्पोंडिलोसिस की समस्या से बचने के उपाय:
इस प्रकार की बिमारी व्यायाम आपको बहुत जल्दी असर करता हैं यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं इसीलिए रोज़ सुबह जल्दी उठने की आदत डालिये और व्यायाम करना शुरू करिये , अगर आप नियमित रुप से गर्दन और बांह की कसरत करते रहें तो स्पांडलाइसिस के दर्द से आऱाम मिलेगा, अपने सिर को दाएं-बांए और उपर-नीचे घुमाते रहें, अपने गर्दन को दाएं और बांए कंधे पर बारी-बारी से झुकाएं .दस मिनट तक यह व्यायाम रोजाना 2 से 3 बार करें क्योंकि अगर गार्डन या आपके कंधो में इस प्रकार मूवमेंट होता रहा तो यह आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के सतह-साथ आपको इस दर्द से आराम भी दिलाएंगे.

सेंधा नमक की पट्टी वा स्नान करे:
अगर आप स्पांडलाइसिस से पीड़ित हैं तो यह आपको बहुत फायदा पहुचायेगा इसके लिए आप गरम पानी में एक चम्मच सेंधा नमक मिलाये और इसकी प्रभावित छेत्र पर पट्टी करे इससे आपको बहुत आराम मिलेगा सेंधा नमक में मैग्नीशियम की मात्रा बहुत ज़्यादा होती हैं जो की पीएच स्तर को नियंत्रित करता है, और गर्दन के या प्रभावित क्षेत्र के कड़ेपन को कम करता हैं जिससे आपको बहुत आराम मिलेगा. इस नुस्खे का उपयोग आप नियमित तौर पर कर सकते हैं.

करे गर्म और ठन्डे पानी की पट्टी:
स्पोंडोलाइटिस के दर्द में आपको यह नुस्खा बहुत असरदार साबित हो सकता हैं, इसके लिए पहले प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी की पार्टी करे फिर उसके बाद ठन्डे पानी की पट्टी करने से आपको बेहद आराम मिलेगा , अगर आप चले गर्म पट्टी करते हैं तो इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और इसके बाद अगर आप ठन्डे पानी की पट्टी करते हैं तो यह आपकी सूजन को कम करेगा, इस प्रकार यह आ[पको बहुत राहत पहुचाने का कार्य कर सकता हैं. गर्म पानी की पट्टी 2 से 3 मिनट तक रखें और ठंडे पानी की पट्टी 1 मिनट तक रखे , इसे 15 मिनट पर दोबारा करें. इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा

लहसुन:
इसको तेल में गरम करके गर्दन में लगाने से आराम मिलता हैं अथवा लहसुन की चार काली को खा कर पानी पिए इससे आपको बहुत आराम मिलेगा.

हल्दी:
इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट दर्द को कम करने में सहायक होता हैं, इतना ही नहीं यह मांसपेशियों के खिचांव को भी ठीक करता है, एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी डाल कर पीएं, दर्द से निजात मिलेगी और गर्दन की अकड़ भी कम होगी, इस नुस्खे का उपयोग आप नियमित तौर पर सकते हैं.

कुछ अन्य टिप्स जो दूर करेगा स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द:

अच्छी वा चैन की नींद लें प्रयाप्त नींद लें , बहुत ज़्यादा नींद ना लें इससे भी दर्द उठता हैं.

नियमित तौर पर व्यायाम करे, योग करे.

तला-भुना और मसालेदार खानों से परहेज करें.

सलाद और हरी सब्ज़ियों का सेवन ज़रूर करे.

सर्वाइकल कॉलर गर्दन में लगा कर ऑफिस या दुकान जाएं.

शराब और धूम्रपान को बाय-बाय करें, क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं.

विटामिन्स और कैल्शियमयुक्त भोजन का सेवन अवश्या करे.

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