कई बार ऐसा होता हैं की जब लोग जिम करते हैं या ज़ीना उतरने चढ़ने समय और तेज़ चलते समय उनकी सांस फूलने लगती हैं, सांस फूलना कई बार किसी एलर्जी, संक्रमण, या छोटी के कारण भी होता हैं, सांस तब फूलती है जब मस्तिष्क के संकेत फेफड़ों को सांस की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश देते हैं. लोगो में किसीं प्रकार की फेफड़ो की कोई बिमारी हो तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होती  हैं या उनकी सांस बहुत तेज़ी से फूलने लगती हैं.

सांस फूलने की बिमारी अस्थमा के मरीज़ों में भी देखी जाती हैं, ज़्यादा काम करने से या ज़्यादा धूल धक्कड़ भरे माहौल में जाने से इस तरह के मरीज़ों की सांस फूलने लगती हैं या सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं. फेपड़ों पे सूजन होना भी सांस फूलने की बिमारी से सम्बंधित हो सकती हैं.

सांस फूलने के कारण:
  • फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन होना सांस फूलने का मुख्या कारण होता हैं.
  • अस्थमा होना , अस्थमा के मरीज़ों में सांस फूलना आम होता हैं, श्वास नालियां सांस को अंदर वा बहार करने का काम करती हैं अस्थमा के मरीज़ों में इन नलियों में सूजन आजाती हैं जिसके कारण अस्थमा के मरीज़ों को सांस लेने में दिक्कत होती हैं.
  • किसी प्रकार की एलर्जी या संक्रमण का शिकार होना
  • बहुत ज़्यादा धूम्रपान करना, इसके कारण भी लोगो को सांस लेने में कठिनाई होती हैं.

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उपाय:
  • वसायुक्त वा कार्बोहैड्रेट वाले भोजन का उपयोग ना करे.
  • चिकने खाने से दूर रहे, जिनसे एसिड बनता हो.
  • अस्थमा का अटैक आने पर तुरंत कॉफ़ी पीने से आराम मिलता हैं.
  • यूकेलिप्‍टस का तेल सांस फूलने की बिमारी से आपको निजात दिल सकता हैं, यूकेलिप्‍टस का तेल सूखने से सांस फूलना बंद हो जाती हैं.
  • तुलसी की पत्ती और शहद का रस पीने से अस्थमा के रोगियों को आराम मिलता हैं.
  • जिनको सांस की दिक्कत होती हैं वो जब ठन्डे में जाते हैं तो उन्हें यह दिक्कत बढ़ जाती हैं, तो उस समय गरम जगह पर जाए.
  • धूल भरी जगह पर ना जाए, ऐसे माहौल से दूर रहे.
  • सांस फूलने पर शहद वाले पानी से भाप लेने से पर जल्द ही समस्या से राहत मिलती है. इसके अलावा दिन में तीन बार एक ग्‍लास पानी के साथ शहद मिला कर पीने से सांस फूलने की बीमारी से रहत मिलती हैं.
  • व्यायाम करे, योग वा मैडिटेशन करके खुद को शांत रखने का प्रयास करे.
  • घर को साफ़ रखे, ताकि घर में धूल धक्कड़ ना हो.
  • इन्हेलर का प्रयोग करे जब सांस ज़्यादा फूले. ठण्ड के मौसम में सचेत रहे.

अन्य नुस्खा:
गरम पानी से भरे कटोरे को लें.
उसमे कुछ बूंदे यूकेलिप्टिस या पेपरमिंट आयल की डाले.
अपने मुह को उस कटोरे के ऊपर रखे और एक तौलिया को अपने सर पर धक् कर
उसकी स्टीम लें
इससे सांस फूलने की बिमारी में ज़रूर फायदा मिलेगा.

Shortness of breathe is not good for your health, you should know the reason behind this problem, and have proper treatment to live healthy, in this article we are talking all about this problem.


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