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जानिये किस प्रकार थायरॉयड हो सकता हैं जानलेवा प्रेगनेंसी के लिए हैं

गर्भावस्था धारण करना हर महिला का सपना होता हैं ये एक बेहद सुखद एहसास होता हैं. जो हर विवाहित दम्पती का सबसे बड़ा सपना होता हैं. गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं जिनके कारण उन्हें अपना खास धयान रखना अत्यधिक ज़रूरी होता हैं फिर चाहे वो उनकी लाइफ स्टाइल हो या फिर उनका खान पान हो. लेकिन अगर गर्भावस्था के दौरान आपको थाइरोइड की प्रॉब्लम है तो आपको इस समय सावधान रहने की ज़्यादा ज़रूरत हैं.

थायरॉयड की परेशानी आजकल भारत में 5 में से 3 महिलाओ को होती ही होती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण आजकल की लाइफ स्टाइल से जिससे हम किसी भी प्रकार से परहेज़ नहीं करते हैं. महिलाओ में यह परेशानी ज़्यादा होती हैं इसीलिए उन्हें इसपर ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत हैं.

थायरॉयड किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं होता हैं फिर जब आप गर्भवती हो और आपको थाइरोइड की भी बिमारी हैं तो आपको अपना ज़्यादा ही धयान रखना होगा, अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो आपको इसका बहुत बुरा परिणाम देखने को भी मिल सकता हैं.

हम जो कुछ भी खाते है उसके उर्जा में बदलने की प्रक्रिया को मेटाबोलिज्म कहते है. इसलिए मेटाबोलिज्म का नियंत्रण में रहना बड़ा ही आवश्यक है. इस मेटाबोलिज्म दर को थाइरोइड ग्रंथि से बनने वाले T3 और T4 हारमोंस नियंत्रित करते है. यदि इन T3 एवं T4 हारमोंस का संतुलन बिगड़ जाए तो शरीर में कई तरह की परेशानिया उत्पन हो सकती है.

इस बीमारी के होने के बाद प्रेग्नेंसी में कई तरह की दिक्कतें आती हैं. थायरॉयड की समस्या के गंभीर होने पर मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है. माँ और बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता हैं या गर्भपात का खतरा बहुत तेज़ी से बढ़ जाता हैं.

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प्रेग्नेंसी के दौरान कैसे बचा जाए थाइरोइड के साइड इफेक्ट्स से:

  • प्रेगनेंसी के दौरान समय-समय पर जांच करते रहे, की कही आपका थायरॉयड       बहुत ज़्यादा बढ़ या घट तो नहीं रहा हैं. इसके लिए डॉक्टर्स से परामर्श करते         रहे.
  • थायरॉयड की दवा रोज़ खाने वाली होती हैं, लेकिन प्रेगनेंसी में इसका कितना          डोज़ खाना हैं यह ज़रूर पता करे. दवा को घटाया या बढ़ाया जा सकता हैं          उसकी आवश्यकता के अनुसार.
  • थायरॉयड की दवा की डोज़ पर ज़रूर धयान दें इससे बच्चे को हने वाले             नुक्सान से बचाया जा सकता हैं.
  • थायरॉयड का सही इलाज होना इस बिमारी में बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी होता हैं,       अगर इसका सही इलाज नहीं हुआ तो गर्भपात का खतरा बढ़ जाता हैं.
  • हाइपोथायरॉयड होने से गर्भपात होने का खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ जाता हैं.             इतना ही नहीं भ्रूण के गर्भ में ही मृत्यु होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इस          अवस्था में खान पान पर बहुत धयान देने की ज़रूरत होती हैं और ज्यादा हो तो      आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकती हैं.
  • थायरॉयड के कारण बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव       पड़ता है, बच्चा असमान्य भी हो सकता है.
  • प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी को एक्टिव बनाएं रखें और डॉक्टर की सलाह पर योग      और हल्के वर्कऑउट की आदत डालें.
  • नवजात शिशुओं का नियोनेटल हाइपोथायरॉयड की समस्या हो सकती हैं.            इसलिए यदि गर्भवती महिला थायरॉयड की शिकार हो तो उसका डॉक्टर्स से          चेकअप ज़रूर कराये.

Thyroid disease is effects you bad in all way if you are pregnant do not be careless about it. there is some important facts about thyroid disease when you are pregnant. How much its effects on your child and you can not take it for granted.

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