माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं हमारे देश में भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है, सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी. माइग्रेन एक जटिल विकार है जिसमें बार-बार मध्यम से गंभीर सिरदर्द होता है, आमतौर पर सिरदर्द एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है और दर्द सामान्य तौर पर शारीरिक गतिविधियों से बढ़ता है.

माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को ऑरा के माध्यम इसका पूर्वाभास हो जाता है, जो कि क्षणिक दृष्य, संवेदन, भाषा या मोटर गति पैदा करने वाली नसें अवरोध होता है और यह संकेत देता है कि जल्दी ही सिरदर्द होने वाला है.

माना जाता है कि माइग्रेन पर्यावरणीय और आनुवांशिकीय कारकों के मिश्रण से भी होते है लगभग दो तिहाई मामले पारिवारिक ही होते हैं ,माइग्रेन यौवन पूर्व की उम्र वाली लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा थोड़ा अधिक प्रभावित करता है लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ये दो से तीन गुना अधिक प्रभावित करता है. माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं. माइग्रेन की समसया के कई कारण होते है चलिए जानते है क्या है वो और इसका इलाज़.

माइग्रेन के कारण:    

माइग्रेन के कुछ कारण निम्न प्रकार से दिए गए हैं

ज़्यादा काम की थकान और तनाव से माइग्रेन का दर्द सबसे ज़्यादा होता है.

अगर आप समय पर भोजन करते है तो भी माइग्रेन का दर्द होने लगते है.

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अगर आप किसी भी तरह का धूम्रपान करते है तो उससे भी माइग्रेन का दर्द होने लगते है.

अधिक लोगो को तेज गंध वाले परफ्यूम, अगरबत्ती, इत्तर आदि से भी माइग्रेन का दर्द होने लगते है.

बहुत ज्यादा या कम नींद लेना इस कारण भी माइग्रेन का दर्द होने लगते है.

बार-बार मौसम का बदलाव के कारण भी हो सकता है माइग्रेन का दर्द.

हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी हो सकता है माइग्रेन का दर्द.

सिर पर चोट लगना से भी हो सकता है माइग्रेन का दर्द.

आंखों पर स्ट्रेस पड़ना या तेज रोशनी के कारण भी होता है माइग्रेन का दर्द.

एक्सरसाइज न करने से भी माइग्रेन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है.

कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है जिस कारण भी हो सकता है माइग्रेन का दर्द.

तेज़ म्यूजिक के कारण भी अधिक लोगो के होता है माइग्रेन का दर्द.

खली पेट के कारण भी होता है माइग्रेन का दर्द.

जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है.

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इन चीजों को डाइट में शामिल करके आप भी कम कर सकते हैं माइग्रेन का दर्द:

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां खाकर
हरी पत्तेदार सब्ज‍ियों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशि‍यम पाया जाता है, माइग्रेन के दर्द में मैग्नीशियम बहुत ही कारगर तरीके से काम करता है, अनाज, सी-फूड और गेंहूं में भी भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है.

मछली खाना भी रहेगा फायदेमंद
मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ई पाया जाता है, ये दोनों ही चीजें माइग्रेन के दर्द को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

डाइट में जरूर शामिल करें दूध
माइग्रेन में फैट फ्री दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेगा, दूध में विटामिन बी पाया जाता है, जो सेल्स को एनर्जी देने का काम करता है कई बार ऐसा होता है कि दिमाग की नसें सुस्त पड़ जाती हैं और माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है ऐसे में में विटामिन बी उन्हें एनर्जी देने का काम करता है.

कॉफी पीना भी है फायदेमंद
जिस तरह नॉर्मल सि‍र दर्द में कॉफी और चाय पीना फायदेमंद है उसी तरह माइग्रेन में भी ये काफी मददगार है, माइग्रेन अटैक आने पर कॉफी पीने से राहत मिलेगी.

रेड वाइन भी है बेहतर विकल्प
वाइन और बीयर में टायरामाइन पाया जाता है जो माइग्रेन के दर्द को दूर करने में मदद करता है.

ब्रॉकली
ब्रॉकली में भरपूर मात्रा में मैग्नीशि‍यम पाया जाता है, जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है.

माइग्रेन का दर्द कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे:

लैवेंडर का तेल
लैवेंडर की खुशबू तो अच्छी होती ही है साथ ही यह सर दर्द और माइग्रेन के दर्द से आराम देने में लाभदायक साबित हुआ है इसे आप सांस लेकर या अपने ऊपर मलकर इस्तेमाल कर सकते हैं सर दर्द से आराम पाने के लिए हर 2-4 बूँद तेल के लिए 2-3 कप उबलते हुए पानी को एक बर्तन में लें और इसकी भाप को सांस से अंदर ले, तेल की भाप से सर दर्द में आराम मिलेगा बस इस बात का ध्यान रहे कि आप इस तेल को अपने मुंह से अंदर न लें.

पेपरमिंट का तेल
यह एक आरामदायक घरेलू नुस्खा है जिससे चिंता से होने वाले सर दर्द में लाभ मिलता है, इस ताज़ी खुशबू वाले तेल में वास्को-कंस्ट्रिक्टिंग और वास्को -डाईलेटिंग गुण होते हैं जो, खून के बहाव को सही रखने में मदद करते हैं, माइग्रेन और सर दर्द, खून का बहाव सही ना होने की वजह से भी होता है इसलिए पेपरमिंट तेल का इस्तेमाल किया जाता है, यह तेल साइनस से भी आराम प्रदान करता है.

डाइट को बदलना होगा
एक सबसे ज़रूरी काम जो आपके माइग्रेन के दर्द को कम करेगा वह है आपकी डाइट, कुछ खाने वाली चीज़े ऐसी होती है जिन्हें ज़्यादा खाने से आपका सर दर्द बढ़ सकता है, जैसे कि डेरी; चॉकलेट; पीनट बटर; कुच्छ फल जैसे कि अवोकेडो, केला, और साइट्रस; प्याज़; बेकन और हॉट डॉग जैसे मीट; खाना जिसमें एम् एस जी हो; रेड वाइन में मिलने वाला एमिनो एसिड आदि, इन सभी खानों का ध्यान रखे और ध्यान दें कि किसके ज़्यादा खाने से आपका माइग्रेन का दर्द बढ़ जाता है.

फीवरफियू
फीवरफियू , इसे इस्तेमाल किया जाता है आपके फीवर ‘बुखार’ को भगाने के लिए इसे हर्बल हैडेक ट्रीटमेंट भी कहते हैं यह इलाज 1980 के दशक में बहुत ही प्रचलित हुआ था तो इसके बारे में पढ़ने पर पता चला की 70 प्रतिशत लोगों को माइग्रेन की समस्या कम हो गयी जिन्होंने फीवरफियू का रोज़ इस्तेमाल किया.

बेसिल का तेल
बेसिल बहुत ही तेज़ खुशबू वाली जड़ी बूटी है इसे पिज़्ज़ा और पास्ता में भी इस्तेमाल किया जाता है, तो आप समझ गए होंगे कि इसकी खुशबू और स्वाद अच्छा है, जिन लोगों को सर दर्द से छुटकारा चाहिए उनके लिए बेसिल के पौधे से निकला हुआ तेल बहुत ही कमाल का इलाज है, बेसिल का काम होता है मांसपेशियों को आराम देना, तो इसलिए टेंशन और अकड़ी हुई मांसपेशियों के दर्द मिटाने में यह कारगर है.

फ्लैक्स सीड्स ‘अलसी के बीज’
कुछ सर दर्द सूजन के कारण होते है, जिन्हें हम कम कर सकते है ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करके फ्लैक्स सीड सर दर्द से इसलिये आराम देते हैं क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं, अलसी के बीजों को हम काफी तरीको से इस्तेमाल कर सकते हैं.

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