मुँह में छाले होने बहुत आम सी बात है, जीवन में लगभग सभी को कभी न कभी एक बार मुंह में छाले अवश्य ही हुआ होगा इसका दर्द तो केवल वही जानता है जिसे कभी मुँह में छाले हुए हों, मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है कुछ लोगों के तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं. ये छाले शरीर में पौष्टिकता की कमी के कारण भी होते हैं, लेकिन कभी-कभी खराब जीवनशैली या खान-पान में गड़बड़ी के कारण भी मुँह में छाला पड़ने की समस्या उत्पन्न होती है.
छाले क्या होते है:
मुंह का छाला श्लेष्मल झिल्ली, होंठों पर या मुंह के आस-पास स्थित उपकला में दरार के कारण मुंह के भीतर दिखाई देने वाले एक खुले घाव का नाम है, इनसे जुड़े कारणों की बहुतायत के साथ मुंह के छालों के विविध प्रकार होते हैं, जिनमें निम्नलिखित कारण शामिल हैं.
भौतिक या रासायनिक चोट, सूक्ष्मजीवों से संक्रमण, चिकित्सीय स्थितियां या औषधियां, कैंसरयुक्त और गैर-विशिष्ट प्रक्रियायें. एक बार निर्मित हो जाने पर, जलन या द्वितीयक संक्रमण के द्वारा छाला बना रहता है, मुंह के छाले के दो आम प्रकार एफ्थस छाले और बुखार के छाले हैं. होंठों के आस-पास बुखार के छाले हर्पस सिम्प्लेक्स वायरस के कारण भी होते हैं.
वैसे तो डॉक्टर इलाज के रूप में मल्टीविटामिन देते हैं जिससे छाले धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं मगर दर्द से जल्दी राहत पाने के लिए घरेलु नुस्ख़ो को भी आजमाया जा सकता हैं चलिए जानते है मुँह के छालों का घरेलु उपचार.
मुंह के छाले होने का कारण:
आयुर्वेद के अनुसार मुँह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गरमी की वजह से होते हैं, बदहजमी इसका मूल कारण है.
कई बार कोई चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले उत्पन्न हो जाते हैं, ऐसे छाले मुँह की लार से अपने-आप ठीक हो जाते हैं.
एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से, अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है. नतीजतन मुँह में छाले पैदा हो जाते हैं.
दाँतों की गलत संरचना की वजह से मुँह में छाले होना आम बात है, यदि दाँत आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए हैं और इसकी वजह से वे जीभ या मुँह में चुभते हैं या उनसे लगातार रगड़ लगती रहती है, तो वहाँ छाले उत्पन्न हो जाते हैं, यदि कोई तीखा दाँत लंबे समय तक जीभ या गाल से घर्षण करता रहे या चुभता रहे, इससे आगे चलकर कैन्सर होने की भी संभावना रहती है.
नकली बत्तीसी यदि सही बनी नहीं हो या उसका किनारा चुभता हो, तो भी छाले हो सकते हैं.
सुपारी आदि खाने के बाद बिना कुल्ले किए रात को सो जाने से भी छाले हो जाते हैं, इसके अलावा तंबाखू, पान-मसाला और धूम्रपान भी मुँह के छालों का कारण बनते हैं.
मानसिक तनाव भी एक वजह है मुँह के छालों की, यह तनाव चाहे परीक्षा का हो या नौकरी पेशे का या अन्य किसी बात का.
यदि छाले कैन्सर में बदल जाते हैं तो शुरू-शुरू में उनमें कोई दर्द नहीं होता, लेकिन बाद में थूक के साथ खून रिसना भी शुरू हो सकता है, यहाँ तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होता है.
मुँह के छाले के लक्षण:
मुँह के अंदर कटा हुआ सा महसूस होना.
कई बार बुखार भी आ जाता है.
मुँह में सूजन.
गले में दर्द होना.
कोई चीज़ निगलने में तकलीफ होना.
मुँह के छालों का असरदार घरेलु उपचार:
मेथी
मेथी का इस्तेमाल सिर्फ व्यंजन में ज़ायका लाने के लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि इसके कुछ स्वास्थ्यवर्द्धक और दर्दनिवारक गुण भी है, मेथी के कुछ पत्तों को एक कप पानी में डालकर उबालें और दस मिनट तक ठंडा होने के लिए रख दें, फिर दिन में छह-सात बार इस पानी से गरारा करें, इससे दर्द तो कम होता ही है साथ ही छालें सूखने लगते हैं.
मुलेठी
मुलेठी का एन्टी-इन्फ्लैमटोरी गुण मुँह के छाले के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है, ज़रूरत के अनुसार मुलेठी लेकर उसको पीस लें और उसको शहद के साथ मिलाकर छाले के ऊपर लगायें, कुछ देर में दर्द से आराम मिल जाएगा, यहाँ तक कि हल्दी के दूध में मुलेठी का पावडर मिलाकर पीने से भी दर्द से तो राहत मिलता ही हैं साथ ही छाले भी ठीक होने लगते हैं.
खसखस
खसखस पेट को ठंडक प्रदान करता है, कभी-कभी खान-पान में गड़बड़ी के कारण शरीर गर्म हो जाता है जिसके कारण मु्ँह में छाले पड़ जाते हैं, खसखस का सेवन करने से इस समस्या से राहत पाया जा सकता है.
आइस क्यूब
मुँह के छाले के जगह पर आइस क्यूब लगाने से वह ठीक तो नहीं होता है मगर दर्द से राहत मिलता है.
हल्दी
हल्दी का एन्टीसेप्टिक और एन्टी-इन्फ्लैमटोरी गुण छालों को न सिर्फ ठीक करते हैं बल्कि फिर से होने से भी रोकते हैं, हल्दी का पावडर में कुछ बूंद पानी डालकर पेस्ट बना लें और छालों पर लगायें, इससे दर्द से तुरन्त राहत मिल जाएगा.
नारियल
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नारियल, नारियल का तेल और नारियल का पानी तीनों मुँह के छालों के लिए दर्दनिवारक का काम करते हैं, नारियल का पानी पीने से शरीर ठंडा होता है, ताजा नारियल को घिसकर मुँह के छाले के ऊपर लगाने से दर्द से राहत मिलता है.
तुलसी
तुलसी के अनेक स्वास्थ्यवर्द्धक और दर्दनिवारक गुण हैं, दिन में दो से तीन बार चार-पाँच तुलसी के पत्तों को चबाकर खाने से सिर्फ दर्द से ही राहत नहीं मिलता है बल्कि धीरे-धीरे छाले ठीक भी होने लगते हैं.
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