हाइड्रोसील एक बीमारी है जो पुरुषों को होती है, यह एक अंडकोष में भी हो सकती है और दोनों अंडकोषों में भी हो सकती है, जब किसी कारण से अंडकोष में पानी जमा हो जाता है तब अंडकोष की थैली फूल जाती है, तो इसे हाइड्रोसील इसे प्रोसेसस वजायनेलिस या पेटेन्ट प्रोसेसस वजायनलिस भी कहते हैं इसके कारण पुरुषो को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं.
हाइड्रोसील क्या हैं:
जब अंडकोष में अधिक पानी भर जाता है तो अंडकोष गुब्बारे की तरह फुला हुआ दिखाई देता है. हाइड्रोसील की चिकित्सा में पानी निकालने की आवश्यकता होती है, अंडकोष में अधिक पानी भर जाने से सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है.
क्या होता हैं कारण:
अंडकोष में सूजन या पानी भरना कई कारणों से होता है
अंडकोष पर चोट लगना
नसों का सूज जाना
स्वास्थ्य समस्याओं
कुछ लोगों में हाइड्रोसील की समस्या वंशानुगत या जन्मजात भी हो सकती है
के कारण भी अंडकोष में सूजन आ सकती है जो की बहुत दर्दनाक होती हैं
किस उम्र में होती हैं यह समस्या:
जन्मजात हाइड्रोसील नवजात बच्चे में होता है और जन्म पहले वर्ष में समाप्त हो सकता है या ज्यादातर बच्चो के यह इस उम्र में खत्म हो जाता हैं वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन 40 वर्ष के बाद इसकी शिकायत अक्सर देखी जाती है,कभी-कभी अंडकोष की सूजन में दर्द बिल्कुल भी नही होता और कभी होता है और वह बढ़ता जाता है.
अंडकोष की जांच
अक्सर, आसपास के तरल पदार्थ की वजह से अंडकोष को महसूस नहीं किया जा सकता.
हाइड्रोसील में तरल पदार्थ का आकार पेट या अंडकोश की थैली के दबाव की वजह से कम या ज्यादा होता जाता है.
अगर शरीर में द्रव के संग्रह का आकार बदलता रहता है, तो यह अधिकतम वक्षण हर्निया के साथ जुड़े होने की सम्भावना होती है.
हाइड्रोसील को आसानी से पहचाना जा सकता है, इसके लक्षण बहुत सामान्य होते हैं.
इसके निदान के लिए अल्ट्रासाउंड तकनीक भी प्रयोग कर सकते हैं, अल्ट्रासाउंड से अंडकोष में भरा द्रव साफ नजर आता है इसके बाद आप डॉक्टर से इसके बारे में जानकारी ले सकते है.
हाइड्रोसील का उपचार:
सर्जरी के द्वारा:
प्रायः हाइड्रोसील खतरनाक नहीं होते पर फिर भी इसमें सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है अगर ये बहुत ज्यादा बढ़ गये है तो आपको इसकी आवश्यकता हो सकती है इसका परिमाण इतना बढ़ गया हो तो इसके अलावा और कोई आप्शन नहीं होता है.
हाइड्रोसील के कारण रक्त संचार में कमी हो सकती है. ऐसे में सर्जरी से इसका उपचार किया जाता है, यदि द्रव साफ हो या कोई इन्फेक्शन या रक्त का रिसाव हो तो इसके निकास के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता हैअगर आपके लक्षण इस तरह के हो तो आपको इसकी जाच डॉक्टर से करवानी चाहिए.
एस्पीरेशन के जरिये
इस प्रक्रिया को सूची वेधन भी कहते हैं, इससे अंडकोष में जमा पानी को निकाला जाता है, एस्पिरेशन करने के बाद छिद्र बन्द करने के लिए स्क्लिरोजिंग औषधि को इंजेक्ट करते हैं और ऐसा करने से भविष्य में भी पानी जमा नहीं होता है यह ज़िन्दगी भर के लिए हो जाता है
हाइड्रोसील की शिकायत दोबारा होने की संभावना भी कम होती है, वैसे तो अंडकोष से पानी निकालने के लिए सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है पर जो सर्जरी का खतरा नही उठाना चाहते तो आप इस प्रोसेस का सहारा ले सकते है
हाइड्रोसीलोक्टोमी
हाइड्रोसील इंग्वाइनल हार्निया होने पर इसे सर्जरी द्वारा शीघ्रातिशीघ्र ठीक किया जाना आवश्यक है अगर आपने इस अवस्था में इसका इलाज नहीं करवाया तो आपको बहुत परेशानी हो सकती है इस तरह का हाइड्रोसील महीनों और सालों तक स्वतः समाप्त नहीं होता है प्रायः हाइड्रोसिलोक्टोमी नामक सर्जरी से हाइड्रोसील ठीक किया जाता है.
वैसे तो हाइड्रोसील का इलाज एस्पिरेशन और स्क्लिरोजिंग से किया जाता है, पर इस तरह से इलाज करने से भी कुछ खतरे हो सकते है इसकी वजह से अंडकोष के आसपास हल्का दर्द, इन्फेक्शन और फाईब्रोसिस की समस्या हो सकती है इसीलिए आपको सावधान रहने की आवश्यकता होगी.
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