आजकल ग्रीन कॉफी लोगों में एक फैशन ड्रिंक के रूप में बहुत लोकप्रिय हो रहा है, ऐसा कहा जाता है कि यह सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक है और ग्रीन कॉफी से होने वाले फ़ायदों की शुरुआत करें तो यह वेट लॉस से लेकर कैंसर से लड़ने तक में सहायक होती है जो अच्छी सेहत के लिए यह शरीर की कई तरीकों से मदद करती है.

इस आर्टिकल में ग्रीन कॉफी से होने वाले स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करने के साथ साथ हमआपको यह भी बताएँगे की इसे ग्रीन कॉफी क्यों कहा जाता है और इसे किस तरह बनाते है

ग्रीन कॉफी क्या है:

ग्रीन कॉफी भी उन्हीं कॉफी बीन्स से बनती है जिससे कि सामान्य तौर पर पीने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली कॉफी जैसा की हम आप रोज़ मर्रा में पीते है इसमें अंतर सिर्फ इतना होता है कि सामान्य तौर पर पीने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली कॉफी बीन्स रोस्टेड होती है अतः उन्हें एक निश्चित तापमान पर रोस्ट किया जाता है जबकि ग्रीन कॉफी रोस्टेड नहीं होती रोस्टेड कॉफी बीन्स से रंग और गुणवत्ता में अलग होने की वजह से ही इसका नाम मुख्यतः ग्रीन कॉफी रखा गया है, जिसके सेहत लाभ अनेक है और इसको पीने से आप कई प्रकार कोई बीमारियों से बच सकते है.

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रोस्टेड कॉफी की तुलना में इसमें मौजूद तत्व और घटक भिन्न होते हैं जो शरीर के लिए विशेष रूप से लाभकारी और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं लेकिन यह दोनों ही तरह के कॉफी एक ही प्रकार की कॉफी बीन्स से तैयार किए जाते हैं.

वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, यह बात प्रमाणित है की ग्रीन कॉफी में कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर को भिन्न भिन्न तरह से लाभ पहुंचाते हुये शरीर की रोगों से रक्षा भी करते है. कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और कैफीन की उच्च मात्रा के कारण ही यह स्वास्थ्य लाभ से जुड़े इन परिणामों को प्रदान करते हैं जो की बेहतरीन हैं.

रिसर्च के अनुसार निम्नलिखित रोगों या शारीरिक समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन कॉफी बहुत फायदेमंद होती है, ग्रीन काफी से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं जो नीचे दिए हुए हैं.

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ग्रीन कॉफी कैसे बनाएँ:

अगर आप सेहत से जुड़े ये सभी लाभ लेने के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन करने जा रहे हैं तो ग्रीन कॉफी खरीदने से पहले इसकी गुणवत्ता की जांच अच्छी तरह कर लें, तभी इसे खरीदें वरना ना लें.

ग्रीन कॉफी बनाने का तरीका बहुत ही आसान है:

इसे पीने के लिए रोस्टेड कॉफी की जगह ग्रीन कॉफी बीन्स का इस्तेमाल करें, ग्रीन कॉफी बीन्स को पानी में उबालने की बजाय गरम पानी में कॉफी बीन्स को कुछ देर तक भिगो के रखें और इसे दो मिनट के लिए ढक दें.

इस बात का विशेष ध्यान रखें की पानी अत्यधिक गरम न हो इससे ग्रीन कॉफी बीन्स के लाभकारी तत्वों के नष्ट होने की संभावना रहती है इसीलिए इस बात का ध्यान रखे.

ब्लड शुगर :

डायबिटीज़ के मरीजों के लिए ग्रीन कॉफी को एक बहुत ही फायदेमंद ड्रिंक माना गया है, इसका नियमित रूप से किया गया सेवन शरीर के ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखता है और यह डायबिटीज के लिए अच्छा हो जाता हैं.

आपने देखा होगा या अगर आपके घर में कोई डायबिटीज़ का मरीज है तो उनके लिए किसी भी तरह के ड्रिंक को लेकर कई समस्याएँ रहती हैं. चाय या सामान्य कॉफी की जगह ग्रीन कॉफी का इस्तेमाल एक अच्छे हेल्थ ड्रिंक का भी काम करता है और ग्रीन कॉफी का सेवन भोजन के पहले किया जाना बेहतर होता है, इससे ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड सक्रिय होकर रक्त में उपस्थित ग्लोकोज़ का स्तर नियंत्रण में रखता है.

 

हार्ट के लिए:

ग्रीन कॉफी में मौजूद जो क्लोरोजेनिक एसिड डायबिटीज़ के नियंत्रण में मदद करता है वही क्लोरोजेनिक घटक दिल के लिए भी फायदेमंद होता है इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रक्त नलिकाओं को फैलने में मदद करते हैं और इससे प्राकृतिक तरीके से रक्तचाप कम होता है जो आपके दिल लिए अच्छा होता हैं.

रक्तचाप कम होने पर हृदय की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण हृदय लंबे समय तक सेहतमंद बना रहता है. अगर आप अपने कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्त चाप या हाइ ब्लडप्रेशर को काबू में रखना चाहते हैं तो आपको ग्रीन कॉफी का सेवन निश्चित रूप से करना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा ना पिए की दिन में चार पांच कप पी जाये.

वेट लॉस के लिए:

कई शोधों में यह प्रमाणित किया गया है की ग्रीन कॉफी में मौजूद घटक बढ़ते वजन को कम करने में सहायक होते हैं. ये सभी तत्वों को हमारा शरीर आसानी से अवशोषित करने में सक्षम होता है और साथ ही इसके सकारात्मक परिणाम भी जल्दी मिलते हैं.

ऐसा माना जाता है कि ग्रीन कॉफी में उपस्थित तत्व भूख को कम करने में भी मदद करते हैं. अपने बढ़ते हुये वजन को कम करने के लिए खाने के 30 मिनट पहले ग्रीन कॉफी का सेवन करना चाहिए, इससे आपकी बढ़ती हुई कैलोरी की मात्रा भी कम होने लगती है, इसे लेने के साथ साथ नियमित रूप से सही व्यायाम और उपयुक्त आहार लेना ना भूले.

बेहतर मूड के लिए:

ग्रीन कॉफी का सीधा असर आफरी मनोदशा पर भी पड़ता है. इसमें कैफीन की उच्च मात्रा होने की वजह से यह ग्रीन कॉफी हमारे दिमाग पर असर डालती है और हमारे मूड को बेहतर करने का प्रयास करती है इससे हैप्पी होर्मोनेस का स्त्राव होता हैं.

इसके अलावा कैफीन कि उपयुक्त मात्रा का असर हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है. रोस्टेड कॉफी की ही तरह ग्रीन कॉफी भी हमें नींद या आलस के एहसास से दूर करती है और लंबे समय तक ऊर्जावान बने रहने में सहायक होती है.

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सिरदर्द का घरेलू इलाज:

जिस तरह सामान्य तरह के सिर दर्द के लिए रोस्टेड कॉफी असरकारक होती है ठीक उसू तरह ग्रीन कॉफी भी सिर के दर्द को ठीक करने के लिए सहयोगी है, इसमें मौजूद कैफीन सिर के दर्द को तेजी से कम करने के साथ दूर करने में सहायता करता है.

अगर आपको सामान्य तौर पर या काम के दबाव की वजह से सिर में दर्द रहता है तो नियमित रूप से आपको ग्रीन कॉफी का सेवन करना चाहिए और अपने इस दद से छुटकारा पाना चाहिए.

कैंसर रोग का प्राकृतिक इलाज:

कैंसर के बड़ी बिमारी हैं ग्रीन कॉफी में उपस्थित क्लोरोजेनिक एसिड एक बहुत ही प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो ट्यूमर आदि रोगों के निर्माण को रोकता है, इसकी मदद से कैंसर जैसी बिमारी को नियंत्रण में रखकर उसकी वृद्धि को भी रोका जा सकता है. यह शरीर में होने वाले चार तरह के कैंसर को रोकने में शरीर की मदद करता है. इसे अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल कर आप कैंसर जैसी प्राणघातक बिमारी से बच सकते हैं और अपनी सेहत के लिए अच्छा बना सकते हैं.

डिमेन्शिया या मतिभ्रम :

हर कोई जवान बना रहना चाहता है और जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि क्लोरोजेनिक एसिड दिमागी सेहत के लिए बहुत प्रभावी है, यह संज्ञानात्मक क्रियाओं को बेहतर करने के साथ साथ मानसिक समस्याओं को भी ठीक करने में सहायक होता है बढ़ती उम्र के साथ साथ डिमेन्शिया या मतिभ्रम कि स्थिति में भी इसका सेवन बहुत लाभदायक समझा जाता है.

अब तक ऐसे कोई शोध में इसे प्रमाणित तो नहीं किया गया है लेकिन यह बात पूर्णतः सत्य है कि ये घटक दिमाग से जुड़ी क्रियाओं को बेहतर कर मानसिक स्वस्थता प्रदान करते हैं.

बढ़ती उम्र के चिन्हों को कम:

ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा पर पड़ने वाले उम्र के निशानों को कम करता है. बढ़ती उम्र की वजह से हमारी त्वचा में कई तरह के दाग धब्बे या महीन लकीरें साफ दिखाई देने लगती है जो हमारी बढ़ी हुई उम्र का प्रदर्शन करती है.

एंटीऑक्सीडेंट तत्व इन सभी निशानों को कम करने में सहायक होते हैं और त्वचा को एक नया जीवन देते हैं. इसके नियमित सेवन से झाइयाँ, पतली रेखाएँ, डार्क सर्कल्स आदि जल्दी ही दूर होने लगते हैं.

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