गैस्ट्राइटिस एक प्रकार की पेट की बिमारी हैं, जो हमारे दर्द का कारण बन जाती हैं, पेट में सूजन होने को बोला जाता हैं इसके अलावा जब पेट के म्यूकोस सूजन आ जाती है तो उसे गैस्ट्राइटिस होना बोला जाता हैं, गैस्ट्राइटिस में कुछ मामलों में सूजन केवल म्यूकोसा तक ही सीमित नहीं किया जा सकता हैं यह कभी कभी मांसपेशियों को ऊपर, पेट की गहरी ऊतकों को प्रभावित करने में सक्षम होती हैं इसीलिए इसके कारण रोगी को बहुत तेज़ पेट में दर्द होता हैं, ऐसे रोगियों को अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता हैं.
अगर आप गैस्ट्राइटिस की समस्या से ग्रसित हैं तो यह आपके लिए काफी पीड़ादायक होगा लेकिन यहाँ हम आपको बताएंगे की कसी प्रकार आप इस समस्या से बच सकते हैं. यह टिप्स आपको इस तकलीफ से बचाने में सक्षम होंगे.
गैस्ट्राइटिस से बचने के लिए उपचार:
इन चीज़ों को रखे ध्यान में:
गैस्ट्राइटिस की समस्या में पेट में गैस बन जाती हैं, जब खाना खाये तो इस बात का ध्यान ज़रूर रखे की कौन स हैं वो खाद्य पदार्थ जिनके कारण आपका पेट फूलता हैं या खाना सही से पच नहीं पाता हैं जिसके कारण पेट में गैस बनती हैं, यानि किसी खाने के पदार्थ से आपको यह परेशानी हो रही है, तो गैस्ट्राइटिस से बचने के लिए उसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए.
गैस बनाने वाला भोजन से करे परहेज़:
गैस्ट्राइटिस की समस्या का सबसे बड़ा कारण है गैस बनाने वाले भोजन का सेवन करना. जैसे- सेम, मटर, केक, कार्बोनेट युक्त सामग्री, खट्टा फल, फूल गोभी, बंद गोभी और सुपारी आदि यह साड़ी चीज़े बाड़ी होती हैं और यह पेट में गैस बनाती हैं,यदि आप गैस बनाने के लिए जिम्मेदार भोजन का सेवन ज्यादा करते हैं, तो इनका सेवन बंद कर दें, क्योंकि इन भोजन के सेवन के बाद आपको सारी रात जागना पड़ सकता है.
भूखे ना रहे:
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनक भूखे रहने के कारण गैस्ट्राइटिस की समस्या का सामना करना पड़ता हैं इसीलिए ऐसे लोगो को भूख नहीं रहना चाहिए कुछ लोगो को खाली पेट होने के कारण पेट में गैस बनती हैं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और दिन में एक साथ ज्यादा खा लेते है, ऐसे लोगो को भी यह समस्या हो जाती हैं. समय पर नाश्ता और भोजन करने से गैस की समस्या कम होती है.
कम मसालेदार खाना:
ज्यादा तेल और मिर्च मसाले वाला तला हुआ गरिष्ठ भोजन भी गैस्ट्राइटिस का कारण होता है, इस तरह के खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शमिल करने से परहेज करें. आहार में हरी सब्जियों को शामिल करें, भूख से हमेशा थोड़ा कम ही खाए ताकि भोजन आसानी से पच सकें. इसीलिए बहुत ज़्यादा मसालेदार खाना खाने से परहेज़ करे, तीखा वा मिर्च मसाला भी कम खाये.
चाय कॉफी का सेवन ना करे:
जो लोग बहुत ज़्यादा चाय कॉफी पीते हैं उनमे यह समस्या उतपन्न हो जाती हैं ऐसे लोगो को चाय कॉफी नहीं पीनी चाहिए इससे उनको सिर्फ नुक्सान ही होगा और खाली पेट तो बिलकुल भी चाय ना पिए यह गैस बनाती नहीं और इसके साथ कई बीमारियां भी लाती नहीं.
शराब को कहे ना:
ज्यादा शराब पीने की आदत गैस्ट्राइटिस की समस्या को बढ़ाती है शराब को ना लेने या इसका सेवन सीमित करने से भविष्य में होने वाले गैस्ट्राइटिस के जोखिम से बचा जा सकता है. इसलिए आपको शराब बिलकुल नहीं पीना चाहिए.
हर दो घण्टे में खाये:
जिन लोगो को यह समस्या होती हैं उन्हें चाहिए की वो हर दो घण्टे में रुक रुक कर खाना खाये इसके अलावा उन्हें खाना चबा-चबा कर खाना चाहिए इससे उन्हें इस समस्या से आराम मिलेगा.
बचे इन दवाओं से:
जब आपको गैस्ट्राइटिस की समस्या हो तो आपको इन दवाओ के सेवन से बचना चाहिए, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि एस्पिरिन और NSAIDs (नॉन-स्टेरॉइडल-एंटी-इंफ्लेमेटरी-ड्रग) जैसी दवाओं से बचें.
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