सबसे पहले तो यह बताते हुए चले की आज हम जिस विषय पर बात कर रहे है वो कोई बिमारी नही है यह एक प्रकार की मानसिक समस्या है सम्भोग करते समय स्त्री के चरम सुख प्राप्त करने से पहले या संतुष्ट होने से पहले पुरुष का वीर्यपात होना या स्खलित होना शीघ्रपतन कहलाता है।
क्या है शीघ्रपतन ?
अधिकतर लोग आधुनिक विचार , रहन सहन , और फैशन से प्रभावित है। फिल्मों में और इंटरनेट पर सुलभ कामुक सामग्री देखना आम बात है। इससे मनोवृत्ति कामुक बन जाती है। कामुक चिंतन में रस आने लगता है। कामुकता ज्यादा बढ़ जाने पर व्यक्ति स्वप्नदोष या शीघ्र पतन का शिकार हो जाता है। संभोग के समय जितनी देर तक वीर्यपात होने से रोका जा सके वह समय स्तम्भन शक्ति ( Stambhan shakti ) कहलाती है। हर व्यक्ति की स्तम्भन शक्ति अलग अलग हो सकती है। किसी में ज्यादा , किसी में कम। स्त्री के संतुष्ट होने तक स्तम्भन बना रहना जरुरी होता है। यदि स्तम्भन बना नहीं रहता है और स्त्री की संतुष्टि से पहले ही वीर्यपात हो जाता है तो ये शीघ्रपतन कहलायेगा। कुछ पुरुष यौन क्रिया शुरू करने से पहले की हरकत से ही स्खलित हो जाते है। कुछ का यौन क्रिया शुरू होते ही वीर्यपात हो जाता है। यहाँ तक की कुछ मेल तो सिर्फ बातों से या दृश्यों से ही स्खलित हो जाते है। ये सभी शीघ्र पतन है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आप शीघ्रपतन के शिकार है अन्यथा नहीं। यदि शीघ्रपतन की समस्या हो तो स्तम्भन शक्ति बढ़ाने के उपाय करने चाहिए।
शीघ्रपतन क्यों होता है
शीघ्रपतन मुख्य कारण होता है मनोवृति या आदत। यदि किसी व्यक्ति की अधिक कामुक वृत्ति हो तो वो बार बार कामोत्तेजित हो जाता है। सुन्दर स्त्री को देखने मात्र से उसे उत्तेजना होने लगती है। अधिक कामोत्तेजना के कारण धैर्य और संयम रख पाना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति हस्तमैथुन करना शुरू कर देता है। ऐसा व्यक्ति हस्तमैथुन करके जल्द से जल्द स्खलित होकर कामोत्तेजना को शांत करता है। यही जल्दबाजी और उतावलापन आदत बन जाती है। यही आदत सहवास के समय शीघ्र पतन करा देती है। यौनांग की बनावट और प्रक्रिया के कारण जब भी कोई पुरुष कामुक चिंतन करता है तो उसका शुक्राशय स्राव से भरना शुरू हो जाता है। इसमें Prostate gland और Bulbourethral gland से होने वाले स्राव तथा अंडकोश से आने वाले शुक्राणु मिलते है। इस तरह वीर्य बनता है और शुक्राशय इससे भर जाता है। यदि कामुक चिंतन नहीं होगा तो शुक्राशय वीर्य से नहीं भरेगा। शुक्राशय खाली होगा तो वीर्यपात नहीं होगा। न सपने में न जागते हुए। सिर्फ सहवास के समय ही कामुकता होगी तो शुक्राशय भरने में समय लगेगा। सहवास से पहले की क्रीड़ा आनंद उठा पाएंगे। इससे स्तम्भन शक्ति बढ़ जाएगी। यहाँ क्लीक करके पढ़ें स्तंभन शक्ति बढ़ाने के उपाय। दूसरा कारण आत्म विश्वास की कमी से यानि इस डर से कि कही जल्द वीर्यपात न हो जाये वीर्यपात हो जाता है। मन से डर निकालकर विश्वास पूर्वक संभोग करने से इस तरह की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा पौष्टिक भोजन की कमी और ज्यादा तेज मिर्च मसाले, शराब , खटाई , फ़ास्ट फ़ूड आदि खाने से वीर्य प्रभावित होता है जिसके कारण शीघ्र पतन हो सकता है। मानसिक तनाव ,शोक ,भय आदि की स्थिति में शीघ्र पतन हो सकता है। पार्टनर का सहयोग ना मिले , पार्टनर अरुचि पैदा करता हो , आशंका युक्त वातावरण हो तो इन कारणों से भी शीघ्रपतन ( shighra patan ) हो जाता है।
शीघ्रपतन के आसान नुस्खे
shighra patan ke gharelu upay
जो कारण पहले बताये गए है उन कारणों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा ऐसे कई उपाय है जिनके द्वारा आसानी से शीघ्र पतन पर काबू पाया जा सकता है।
उड़द की धुली हुई दाल आधी कटोरी और पुराने चावल आधा कटोरी मिलाकर खिचड़ी बना लें। सुबह या शाम को इस खिचड़ी को देसी घी डालकर अच्छे से चबा चबा कर खाएं। इसके बाद एक गिलास गुनगुना मीठा दूध पी लें। इसे एक महीने तक खाएं। अपनी पाचन शक्ति के हिसाब से जितनी आसानी से पचा सकें उतनी ही खाएं। शुरू में मात्रा थोड़ी कम लें। फिर हजम हो रही है तो बढ़ाते जाएँ।बहुत अच्छी तरह चबाया जाना जरुरी है ताकि पच सके। पचेगी तभी असर होगा। बहुत लाभकारी और आसान है।
कोंच के शुध्द बीज ( पंसारी के मिलेंगे )- 100 ग्राम बारीक पीस लें। इसे 250 ग्राम मैदा में मिलाकर पानी से गूंथ ले। इसके जामुन के आकार के गोले बना कर देसी घी में तल लें। इन्हे शक्कर की चाशनी बनाकर उसमे डुबोकर निकाल लें। किसी बर्तन में रखें अब इतना शहद डालें की सब गोले शहद में डूब जाएँ। इसमें से एक गोला सुबह और एक शाम को खाली पेट अच्छे से चबा चबा कर खाएं और एक गिलास गुनगुना मीठा दूध पी लें। इसको खाने के बाद एक घंटे तक कुछ भी ना खाएं। आवश्यकता के हिसाब से 6 -7 दिन चल जाये इतने बना लें। ख़त्म होने पर फिर से बना लें। महीने भर तक खाएं। बहुत ही असरदार उपाय है।
शतावर , अश्वगंधा और गोखरू तीनो 100 -100 ग्राम ( पंसारी के मिलेंगे ) लेकर बारीक पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से एक चम्मच लेकर शहद में मिलाकर खा लें। ऊपर से एक गिलास ठण्डा मीठा दूध पी लें। इसे सुबह खाली पेट लें। रात को खाना खाने के दो घंटे बाद लें। तेल ,खटाई कम मात्रा में ही लें या नहीं लें।
बबूल की बिना बीज वाली कच्ची फली , बबूल के पत्ते , बबूल का गोंद तीनो को समान मात्रा में लेकर छाया में सुखा लें। तीनो को बारीक पीस कर चूर्ण बना लें। ये चूर्ण एक चम्मच और एक चम्म्च पिसी मिश्री मिलाकर फांक ले ऊपर से गुनगुना मीठा दूध पी लें। ये चूर्ण दो महीने रोज सुबह लेने से शीघ्र पतन ठीक हो जाता है।
शीतलचीनी (कबाबचीनी ) का बारीक चूर्ण आधा चम्मच सुबह शाम एक सप्ताह तक पानी के साथ लेने से शीघ्रपतन ठीक होता है।
लम्बी और गहरी साँस लेने से उत्तेजना में थोड़ी कमी आ जाती है। सहवास के समय लंबी व गहरी साँस लेकर अवधि बढ़ा सकते है। इसके अलावा बांये नथुने से ज्यादा साँस आ रही हो यानि बायां स्वर चल रहा हो तब स्तम्भन शक्ति ज्यादा होती है ऐसे में सहवास की अवधि लम्बी और आनंद दायक होती है।
जामुन की गुठली का चूर्ण एक चम्मच सुबह शाम गर्म दूध के साथ लेने से शीघ्रपतन मिटता है।
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