यह हर कोई जानता है कि जन्मे बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी होता है। मां का दूध बहुत पौष्टिक और प्राथमिक भोज्य पदार्थ होता है किसी भी नवजात के लिए।
हर मां चाहती है कि उनका बच्चा हमेशा स्वस्थ रहे इसलिए वह अपना दूध पीलाती है, लेकिन यह स्वभाग्य हर मां को नहीं मिलता क्योंकि कभी-कभी पहली बार मां बनी महिलाओं को दूध की कमी के चलते स्तनपान कराने में दिक्कत आ जाती है और बच्चे का पेट नहीं भर पाता। आइए हम आपको बताते हैं कि इस समस्या से आप कैसे निदान पा सकते हैं।
वॉर्म कम्प्रेस का ले सहारा:
बहुत सी महिलाओं को यह दिक्कत स्तन में खून के प्रवाह में हुई कमी की वजह से होती है। यही वह वजह है जिससे दूध पूरा बनने के बाद भी नहीं उतर पाता है। वार्म कम्प्रेस की मदद से स्तन में खून का प्रवाह सही किया जा सकता है, जिससे स्तनपान कराने में बच्चे को दिक्कत नहीं होती।
वॉर्म कम्प्रेस के लिए क्या करें :
- महिला अपने स्तन पर हल्के हाथ से 5 मिनट मालिश करें।
- इंतज़ाम करें एक साफ सूती कपड़े का, फिर उसे गरम पानी में भिगोकर छोड़ दें। बाद में पानी से निकालकर उसे अच्छे से निचोड़ लें।
- अब आप स्तन पर गरम कपड़े से हल्के हाथों से मालिश करें।
वॉर्म कम्प्रेस से फायदा:
- दूध आसानी से उतरेगा और स्तन में दर्द भी नहीं होगा।
रोज़ यह खाएंगी तो बच्चे का भरेगा पेट, जानें कैसे :
- ओटमील : नाश्ते में रोजाना ओटमील खाएं। मां के दूध में बढ़ोतरी जरूर होगी।
- मेथी : कहते हैं मेथी दूध बनाने वाली ग्रंथियों के लिए एक अच्छी प्रेरक है। मेथी में फाइटोएस्ट्रोजन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो कि ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का काम करती है।
- सौंफ : सौंफ भी ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में बहुत लाभकारी है। साथ ही यह बच्चों को पेट में होने वाले दर्द में फायदा करती है।
- जीरा : शरीर में दूध के उत्पादन को बढ़ाने का काम जीरा भी करता है। यह खाना पचाने में मदद तो करता ही है, साथ ही कब्ज, एसिडिटी और सूजन को भी कम करता है। आपको बता दें कि जीरे में आयरन की भी भरपूर मात्रा होती है, जो प्रसूता को ऊर्जा देने का काम भी करती है।
- दालचीनी : आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने में बहुत कारगार है। नई-नई मां अगर दालचीनी का उपयोग करती है तो इससे ब्रेस्ट मिल्क का स्वाद अच्छा होता है, जो बच्चे को भी पसंद आता है।
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