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    Categories: Health

चौकाने वाली खबर दुनिया में करीब 5.5 अरब लोग मोटापे के शिकार हैं

मोटापा एक बिमारी के रूप में उभर कर रहा हैं जिसके कारण बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं, और यह मोटापा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा हैं,  लोगो की संख्या साल
दर साल बढ़ रही हैं जिसके कारण लोगो में कई प्रकार की बीमारियां जन्म ले रही हैं. इसके कारण दिल की बिमारी, कॉलेस्टेरोल हाई बीपी, मधुमेह आदि बीमारियां हो रही हैं जो की जानलेवा साबित हो सकती हैं.

नए शोध के मुताबिक, एक आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि विश्व की 76 प्रतिशत आबादी यानी करीब 5.5 अरब लोग मोटापे के शिकार हैं. शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि यह धीरे-धीरे यह आकड़ां विकराल रूप लेता जा रहा है और आगे भी इसी प्रकार बढ़ता रहेगा, इसके साथ ही इससे जटिल व पाचन संबंधी गंभीर बीमारियों के खिलाफ वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों में अब बदलाव करने की अपील की है.

क्या कहता हैं शोध:

शोधकर्ताओं ने मोटापे के पीछे की एक विशिष्ट धारणा को स्पेसिफाई किया है कि जरूरत से ज्यादा फैट होने से स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं, इस शोध में न्यूजीलैंड स्तिथ ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता भी शामिल थे.

मौजूदा आंकड़ों के अनुसार यह बात सामने आयी है कि अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या में हुई वृद्धि को दकहते हुए इसको मोटापे की उस श्रेणी में डाल दिया गया हैं जिसमें सामान्य वजन के लोग भी शामिल हैं.

व्यायाम करने वाले भी हैं शामिल:

इसके मुख्य अध्ययनकर्ता और ऑस्ट्रेलिया के मैफ फिटनेस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ फिलिप मैफेटोन ने कहा मोटापे के इस विकराल रूप ने उन लोगों को भी अपने आगोश में ले लिया है जो लोग व्यायाम करते हैं और यह आश्चर्यजनक बाद हैं और यहां तक कि वे लोग भी जो खेलों में काफी अच्छे हैं वो भी शामिल हैं.

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मैफेटोन ने बताया मोटापे की इस श्रेणी में सामान्य वजन के लोग भी शामिल हैं जिससे जटिल बीमारियों के लिए खतरा और बढ़ गया है, यह खतरा ज्यादा मोटे लोगों के साथ-साथ उनके लिए भी है जिनको सामान्य वजन का समझा जाता है, इस प्राकार जिन लोगो को यह लगता हैं की वो सामान्य वज़न के हैं ओ उन्हें कोई खतरा नहीं होगा तो इस बात पर प्रश्नचिंह हैं.

जागरूकता फैलाने की हैं ज़रूरत:

पिछले तीन से चार दशकों में मोटापे का यह भयावह चेहरा काफी हद तक बढ़ गया है जिससे ज्यादातर लोग अस्वस्थ होने की कगार पर हैं. मैफेटोन ने बताया कि हम लोग इन खतरनाक कारकों में हो रहे इजाफे को लेकर जागरूकता फैलाना चाहते हैं, जहां ओवरवेट और अंडरफैट शब्दावलियों को नये सिरे से व्याख्या की जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि यह शब्दावली आम प्रयोगों में शामिल होगी जिससे विश्व स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार करने में मदद मिलेगी.

यह मोटापे पर किया गया नया शोध हैं, जो आजकल हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ हैं.

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