सोरायसिस एक स्किन डिजीज है जिसमें त्वचा पर एक मोटी परत जम जाती है अगर इसे अलग शब्दों में कहें तो स्किन की सतही परत का अधिक बनना ही सोरायसिस है है.
स्किन पर सोरायसिस की बीमारी सामान्यतः हमारी त्वचा पर लाल रंग की सतह के रूप में उभरकर आती है और स्केल्प हाथ-पांव अथवा हाथ की हथेलियों, पांव के तलवों, कोहनी, घुटनों और पीठ पर अधिक होती है.
हालांकि यह रोग केवल 1 या 2 प्रतिशत लोगों में ही पाया जाता है लेकिन यह रोग आनु्वंशिक भी हो सकता है और आनु्वंशिकता के अलावा इसके होने के लिए एनवायरनमेंट भी एक बड़ा कारण माना जाता है.
ये बीमारी कभी भी और किसी को भी हो सकती है और कई बार इलाज के बाद इसे ठीक हुआ समझ कर लोग निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन यह बीमारी दोबारा हो सकती है इसीलिए इसका परमैंनेत इलाज बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता हैं. इसको ठीक करने के लिए कई प्रोडक्ट्स मार्किट में मौजूद है लेकिन कोई भी इसे ठीक करने में सक्षम नहीं है.
क्या है सोरायसिस:
सोरायसिस को छालरोग भी कहा जाता है और इसमें त्वचा पर लाल दाग पड़ जाते हैं, कई बार इस रोग से पहले त्वचा पर बहुत अधिक खुजली होने लगती है हालाँकि ये समस्या बहुत लोगों को होती है. एक आंकडे के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 1 फीसदी लोग स्किन डिज़ीज़ या छालरोग से पीडि़त हैं.
भारत में भी कुल जनसंख्या में से लगभग 1 फीसदी लोग सोरायसिस से पीडि़त हैं. हालांकि सोरायसिस का इलाज संभव है लेकिन बेहतर होगा की इसका इलाज किसी अच्छी क्लिनिक से करवाया जाए और Best Dermatologist in Delhi से ही करवाए.
सोरायसिस कैसे होता है:
सोरायसिस के दौरान त्वचा इतनी कमजोर और हल्की पड़ जाती है कि यह पूरी बनने से पहले ही खराब हो जाती है और इस कारण सोरायसिस की जगह पर लाल चकते और रक्त की बूंदे दिखाई पड़ने लगती है.
जबकि सोरायसिस कोई छूत की बीमारी नहीं हैं और ये ज्यादातर पौष्टिक आहार ना लेने की वजह से होती है यदि आपके खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी है और आप घी-तेल भी बिल्कुल ना के बराबर खाते हैं तो आपको यह रोग आसानी से हो सकता है.
त्वचा की देखभाल ना करना, बहुत अधिक तेज धूप में बाहर रहना, सुबह की हल्की धूप का सेवन ना कर पाना इत्यादि कारणों से सोरायसिस की समस्या होने लगती हैं. सोरायसिस के उपचार के लिए कुछ दवाईयां का सेवन किया जा सकता है लेकिन इससे निजात पाने के लिए आपको त्वचा की सही तरह से देखभाल करना जरूरी है.
सोरायसिस के लक्षण:
सोरायसिस रोग के लक्षणों को आप आराम से पहचान सकते हैं. जब आपकी त्वचा पर छिल्केदार, लाल-लाल पपडि़या सी जमने लगे तो यही रोग सोरायसिस है.
इस रोग की पहचान है कि यह त्वचा के किसी एक हिस्से से शुरू होता है और बाद में बढ़कर फैल जाता है और पूरे में शरीर में हो सकता है, आमतौर पर यह रोग कोहनी, घुटनों, कमर इत्यादि जगहों पर होता है.
साथ ही मौसम के लगातार परिवर्तन से भी सोरायसिस होने लगता हैं और सर्दियों में सोरायसिस की समस्या अधिक बढ़ जाता है जिससे स्किन काफी खराब हो जाती है.
Psoriasis Treatment In Delhi:
सोरायसिस स्किन डिसऑर्डर एक तनावपूर्ण और शर्मनाक हो सकता है. सोरायसिस रोग की गंभीरता और प्रारंभिक उपचार के प्रति इसकी प्रतिक्रिया के अनुसार इलाज किया जाता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
- Topical treatments
- Phototherapy
- Excimer Laser Treatment
- Systemic Treatment
जिनमे से लेज़र द्वारा इस रोग का निवारण करना सबसे सेफ, बेस्ट और क्विक रहेगा. लेकिन इस ट्रीटमेंट को किसी अच्छे क्लिनिक और डॉक्टर से कराना ही बेहतर होता है. इस प्रोसेस को कम्पलीट करने में कुछ सेशंस लगते है और इसकी कॉस्ट सेशंस के नंबर्स और ट्रीटेड साइज के हिसाब से लिया जाता है.
अगर आप इस डिसीज़ से मुक्ति पाना चाहते है और अपनी स्किन को स्मूथ और सुन्दर बनाना चाहते है तो हमारी क्लिनिक आपको सबसे बेस्ट ट्रीटमेंट प्रोवाइड करेगी, हमे सम्पर्क करने के लिए इस नंबर पर कॉल करे 097111 50928.
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