गर्भावस्था धारण करना हर महिला का सपना होता हैं ये एक बेहद सुखद एहसास होता हैं. जो हर विवाहित दम्पती का सबसे बड़ा सपना होता हैं. गर्भावस्था धारण करना यूँ तो एक अत्यंत हे आनंदमय और जीवन का सबसे सुखद लम्हा होता है, लेकिन यह आसान नहीं होता. कुछ महिलाओ के लिए गर्भावस्था आसान होती हैं लेकिन कुछ महिलाओ के लिए ये अत्यंत पीड़ादायक अनुभव हो जाता हैं.
गर्भावस्था में गैस की प्रॉब्लम बहुत ज़्यादा देखि जाती हैं जो कई प्रकार से गर्भवती महिला को तकलीफ पहुँचाती हैंजिसके कारण महिलाओ को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. गर्भावस्था के दौरान महिलाओ में कई प्रकार के शारीरिक व हार्मोनल चेंजेस आते हैं इसके कारण उनमे उल्टी, भारीपन, मूड में बदलाव, स्तनों में भारीपन, थकान, भूक ना लग्न आदि बदलाव होते हैं लेकिन गैस की समस्या गर्भवती के लिए बहुत पीड़ादायक होता हैं, वैसे तो गर्भावस्था के दौरान गैस की समस्या शारीरिक बदलाव के कारण होती है.
लेकिन गैस के होने का मुख्या कारण इसका मुख्य कारण प्रोजेस्टेरोन स्तर के बढ़ने से आंतों का ढीला पड़ना और भोजन का ना पाचन होता हैं गर्भावस्था के दौरान भोजन में बदलाव के कारण भी गैस की समस्या हो जाती है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि गैस की समस्या होने पर गर्भवती को खुद से किसी प्रकार इलाज वा दवा नहीं खानी चाहिए बल्कि किसी डॉक्टर को दिखाने में ही भलाई हैं.
इन उपायो से करे गैस का निवारण गर्भावस्था में:
गैस बनाने वाले और फ्राइड भोजन से बचे:
गर्भावस्था के दौरान ऐसे आहार खाने से बचना चाहिए जिससे गैस बनती हो, कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिनसे गैस बनती हैं जैसे प्याज, सेम, गोभी और ब्रोकली गैसे को बढ़ा सकते है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन चीज़ों के सेवन से परहेज़ करे.
तला हुआ खाना गैस का कारण तो नहीं होता हैं लेकिन यह पैहन क्रिया को धीमा कर देता हैं , इसीलिए बहुत ज़्यादा तला खाना खाने से बचे, और ज़्यादा फैटी कहना न खाये. यह गैस का कारण होते हैं.
फाइबर से भरपूर आहार का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा करे:
फायबर के सबसे अच्छे ज़रूर हैं यह आहार जैसे चावल, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और होल ग्रेन जो पाचन तंत्र में पानी को अवशोषित कर आंतों के माध्यम से आहार को आगे बढ़ाते हैं जिनसे गैस की समस्या होने का खतरा बहुत कम होता हैं क्योंकि यह मॉल त्यागने में आसानी प्रदान करते हैं.
फायबर को अपने भोजन में धीमे-धीमे शामिल करे क्योंकि हमे फायबर खाने की आदत कम होती हैं.
भोजन की मात्रा को घटाए और धीमे-धीमे खाये:
बहुत ज्यादा खाने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी से गैसी ही समस्या होने लगती है इसीलिए एक ही बार में बहुत ज्यादा खाना खा लेने से गैस की दिक्कत हो जाती हैं, इसलिए इस समस्या से बचने के लिए एक ही बार में इक्कठा खाना ना खाये बल्कि धीमे-धीमे और कुछ टाइम रुक रुक कर खाना खाये. भोजन को देर तक चबा कर खाये इससे खाना पचने में बहुत आसानी हो जाती हैं, सुर गैस की समस्या दूर हो जाती हैं.
करे तरल पदार्थों का सेवन:
पानी पीना बहुत ज़्यादा अच्छा होता हैं यह कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखता हैं इसी प्रकार गर्भावस्था में खूब सारे पानी को सेवन आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करने के साथ ही मॉल त्यागने में आसानी प्रदान करता हैं, खूब सारा पानी पीने से कब्ज़ की शिकायत को भी ख़त्म करता हैं,
अपने दिन की शुरआत एक ग्लास पानी से करे और दिन भर पानी पीते रहने से कब्ज़ की या अस की समस्या से निजात पायी जा सकती हैं, इसके अलावा अपने आहार में ताजे फलों के जूस को पीना भी अच्छा होता हैं लेकिन ध्यान रखें कि खाना खाते समय पानी न पीएं क्योंकि ऐसा करने से आपकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती , खाना खाने के एक गहनता बाद पानी पीना उचित होगा.
करे हलकी एक्सरसाइज और दूर करे गैस की समस्या:
पूरा दिन एक ही जगह बैठे रहने से भी गैस की समस्या होने लगती है, इसीलिए गर्भावस्था में अपने डॉक्टर से सलाह लें की कौन सी एक्सरसाइज गर्भावस्था में आपको फायदा करेगी खाने के बाद 10 से 15 मिनट की वॉक करे इससे गर्भावस्था में गयास की दिक्कत से बचा सकता हैं , इसके अलावा नियमित और हल्की एक्सरसाइज, अपने घर या बगीचे के आस-पास वॉक करिये जिससे पाचन तंत्र अच्छा रहेगा और गैस नहीं होगी.
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