क्या हैं इसका सच :
पोर्न अश्लीलता से दूर नहीं है, और कई लोगों के लिए तो यह एक हानिरहित व्याकुलता है एक मनोविज्ञान टुडे ब्लॉगर दाऊद ले की रिपोर्ट के अनुसार पोर्न लोगों को प्रभावित कर सकता हैं, लेकिन उनके मूल्यों को ओवरराइड नहीं करता है.
आज भी बिना किसी शक के कई लोग अश्लील साहित्य को देखने और पूरी तरह से संतोषजनक संबंधों को निभाने में निपुण हैं इसी तरह डेली मेल अखबार में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, जो पुरुष पोर्नोग्राफी बहुत अधिक देखते हैं उनका दिमाग सिकुड़ जाता है और उनकी सेक्सुअल संवेदनाएं कम हो जाती हैं और इसका उनकी सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ता है ये अपने आप में पहली रिसर्च है जिससे पता चला है कि रोजाना पोर्न देखने से शारीरिक नुकसान भी होता है जो आपके आगे की लाइफ के लिए बुरा हो सकता हैं.
असंतिष्टी की भावना:
पॉर्न मॉडल्स का कमाल का फिगर और सुंदरता काफी हद तक मेकअप, कॉस्मेटिक सर्जरी और फोटोशॉप वगैरह पर निर्भर रहते हैं एय्ह उतना भी रियल नहीं होता हैं जितना की आपको देखने में लगता हैं लेकिन पॉर्न देखने वाले भी निजी जिंदगी में वोही पाना और करना चाहते हैं जो वे पोर्न में देखते हैं कही ना कही उनके दिमाग में यह होता है की उन्हें वास्तविक जीवन में भी इस तरह का कोई पार्टनर या जो चीज़े उसमे हो रही है वो कर सके जिसके कारण लोग असंतुष्टि और हीनभावना के शिकार हो जाते हैं.
इसके कारण आगे चलकर असंतुष्टी होने लगती है और वे अपने पार्टनर से खुश नहीं रहते, कभी ना कभी उसके दिल में आता है के उसका पार्टनर उतना अच्छा नहीं है, सेक्स थेरेपिस्ट और मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, किशोरों और वयस्कों के साथ काम करते हुए उन्होंने पाया कि अधिक से अधिक महिलाएं पोर्न प्रेरित सेक्स की बजाय आत्मीयता से प्रेरित सेक्स के बारे में शिकायत करती है और इसके कारण उनकी लाइफ पर इसका नेगेटिव असर पड़ता हैं.
इससे जुडी अन्य शिकायते:
पोर्न देखने से सेक्स के दौरान लोग एक दूसरे की कम देखभाल करते हैं. उनके अनुसार जो स्क्रिप्ट लिख दी गई है, भावनाओं के लिए वैसा ही पालन करने की आवश्यकता होती है लेकिन कई महिलाएं निकटता की जगह पोर्न उत्तेजना को अपने सेक्स जीवन का अभिन्न अंग मानती है और इस रूप में अंतरंगता के लिए तत्पर रहती हैं जो की गलत हैं.
अगर दोनों दंपती पोर्न देखते हैं तो उस मामले में यह सेक्स का आनंद लेने का एक तरीका हो सकता है लेकिन दोनों में से अगर एक साथी पोर्न में व्यस्त है तो एक संबंध में एक त्रिकोण का काम करता है जिससे दाम्पत्य जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं बहुत से महिलाओं का मानना हैं कि कामोत्तेजना के लिए पोर्न का सहारा लेने से कामोत्तेजना पर असर पड़ता है.
ऑक्सीटोसिन ‘लव हार्मोन’ होता है कम:
ऑक्सीटोसिन एक शक्तिशाली ‘लव हार्मोन’ है, जो पुरुष और महिलाओं दोनों को बंधन में बांधने में मदद करता है ऑक्सीटोसिन साथी के प्रति लगाव की भावना को बढ़ावा देता है और महिला वा पुरुष को एक दुसरे के करीब लाता हैं.
पोर्न फिल्मों में जिस तरह से एक्टर सेक्स करने में अपने किरदार को निभाते हैं. उस निकटतम बंधन से ऑक्सीटोसिन कही खो जाता है. चुंबन एक अंतरंग अधिनियम है, और जोड़े इसका काफी मजा लेते है यह बहुत अच्छा और करीबी अहसास होता है. कई लोगों के लिए तो यह सेक्स की अंतरंगता का हिस्सा बन जाता है और पोर्न का लत वाले लोग किस और फोरप्ले ठीक से नहीं कर पाते हैं.
पोर्न का एक और नुकसान:
पोर्न उत्तेजित व्यक्ति के लिए किस एक बहुत ही धीमी गति से और बहुत अंतरंग होता है. इसलिए वह इनसे जुड़ने की बजाय अपना ध्यान अलग-अलग तरह की यौन स्थितियों को जल्दी-जल्दी करने के लिए केंद्रित करता है.
इस व्यवहार से आपमें अपने साथी के प्रति अलगाव की भावना पैदा कर सकता है जो आपको एक दुसरे से कही ना कही दूर ले जाता हैं एक न्यूरोसाइंटिस्ट के मुताबिक, बहुत ज्यादा पोर्न देखने से दिमाग के विकास पर प्रभाव पड़ता है और इससे मनोविकार भी हो सकता है.
अगर आप ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में हो जो बहुत ज्यादा पोर्न देखता हैं तो आपको अंतरंगता के लिए नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह के लोगों के लिए थैरेपी सही रहती हैं. थैरेपी के जरिये आप मुद्दों का पता लगा सकते हैं और अपने साथी को इससे दूर ले जा सकते हैं.
जिससे आपके और आपके दाम्पत्य जीवन में फिर से प्यार आ सकता हैं वा आप इन चीजों से दूरी बना कर अपना रिश्ता सम्हाल सकते हैं.
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