दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो हकलाने की समस्या से पीड़ित हैं इस हकलाहट की समस्या से पीड़ित लोग किसी शब्द या वाक्य को शुरू करने में अटकते हैं या अटक-अटक कर बोलते हैं. इस समस्या से पीड़ित लोग हकलाने की वजह से आत्मविश्वास की कमी का शिकार हो जाते हैं और इसकी वजह से कई बार जीवन में बेहतरीन मौके गंवा देते हैं वैसे आमतौर पर ये समस्या बच्चों में पाई जाती है लेकिन कई बार वयस्कों में भी ये समस्या देखने को मिलती है.
आप हकलाते हैं तो यह आपके लिए बहुत बढ़ी समस्या खड़ी कर सकता हैं सबसे पहले तो यह आपको हर जगह शर्मिंदा करेगा आप हँसी के पात्र बन जाते नहीं और किसी भी अच्छी नौकरी के लिए तरसने लगते हैओं क्योंकि किसी भी सेक्टर में जाने के लिए जो सबसे ज़्यादा ज़रूरी चीज़ होती हैं वो आपकी कम्युनिकेशन स्किल और अगर आप हकलाने के शिकार हैं तो यह समस्या आपकी ज़िन्दगी के लिए मुसीबत बन सकती हैं आईये यहाँ हम आपको बताएंगे के की हकलाने के क्या कारण होते नहीं और आप इस समस्या से छुटकारा कैसे पा सकते हैं आईये जानते हैं.
हकलाने का कारण:
जल्दी ही वैज्ञानिक हकलाने की समस्या से निजात दिलाने की तरकीब ढून्ढ लेंगे इसपर अभी रिसर्च चल रहा हैं लेकिन यह हम आपको बताएंगे की आखिर लोग किस वजह से हकलाते हैं.
वैज्ञानिकों ने हकलाने की समस्या की वजह खोज निकाली है एक हालिया स्टडी के मुताबिक हकलाने की समस्या दिमाग के स्पीच प्रोसेसिंग क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन के घटने की वजह से होती है, जिसके कारण लोह हकलाने लगते हैं.
इस स्टडी के मुताबिक दिमाग स्पीच उत्पादन से जुड़े फ्रंटल लोब एरिया, ब्रोसा एरिया में रीजनल सेलिब्रल बल्ड फ्लो घट जाता है. इसके अतिरिक्त पॉस्चिरियर लैंग्वेज लूप में सेरिब्रल ब्लड फ्लो में ज्यादा अनियमितता के कारण इसका संबंध हमारे द्वारा सुने जाने वाले शब्दों की प्रोसेसिंग से संबंधित होता है, जिसका सीधा संबंध ज्यादा हकलाने से होता है.
इस स्टडी के प्रमुख लेखक लॉस एंजिलस के चिल्ड्रेन हॉस्पिटल्स के क्लीनिकल न्यरोलॉजिस्ट, एमडी जय देसाई के मुताबिक जब स्पीच (बातचीत) से जुड़े दिमाग के अन्य सर्किट भी हमारे ब्लड फ्लो मेजरमेंट के अनुसार प्रभावित हुए तो हमने बच्चों और वयस्कों दोनों में ही ज्यादा गंभीर हकलाहट की समस्या देखी.
इस स्टडी में रिसर्चर्स ब्रोसा और स्पीच से संबंधित अन्य एरिया में ब्लड फ्लो शून्य करने में कामयाब रहे, इसके लिए उन्होंने रीजनल सेरिब्रल ब्लड फ्लो का प्रयोग दिमाग की गतिविधि मापने के तौर पर किया हैं.
देसाई के मुताबिक ब्ल्ड फ्लो और हकलाहट के स्तर में उल्टा संबंध देखा गया. जितनी ज्यादा हकलाहट की समस्या थी, दिमाग के इस हिस्से में ब्लड फ्लो उतना ही कम था, यह स्टडी जर्नल ह्यूमन ब्रेन मैपिंग में प्रकाशित हुई है.
हकलाने की समस्या से इस प्रकार पाए निजात:
इन उपायो के द्वारा आप इस समस्या से छुटकारा पाने में कामयाब हो जायेंगे.
छुआरों का सेवन:
हकलाने की समस्या से निजात पाने के लिए आपको चाहिए की आप छुआरों का सेवन करे, इस उपाय के लिए आपको सोने से पहले इसका सेवन करना होगा लेकिन कम से कम दो घंटे पानी न पिएं, ऐसा करने से हकलाहट की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी.
बादाम का सेवन:
बादाम हमारी सेहत के लिए बहुत ज़्यादा फायदेमंद होता हैं, इसके लिए आपको 12 बादाम रात भर पानी में भिगो दें और सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें और फिर उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ खाएं, इससे भी हकलाहट की समस्या दूर होगी
आवला हैं कारगर:
आवला के फायदे आप हमारी पहली पोस्ट में भी पढ़ चुके हैं लेकिन की आप जानते हैं की यह आपकी हकलाने की समस्या से भी निजात दिलाता हैं, रोज सुबह एक चम्मच सूखे आंवले का पाउडर और एक चम्मच देसी घी के सेवन से भी इस समस्या से छुटकारा मिलता है.
गाय का घी:
गाय के घी के नियमित सेवन से भी आपको हकलाहट की समस्या से निजात मिल सकता है. अगर आप इसका सेवन सुबह निहार मुह करेंगे तो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा.
काली मिर्च:
इस समस्या से निजात पाने के लिए 10 बादाम और 10 काली मिर्च और मिश्री के साथ पीसकर 10 दिन तक सेवन करें इससे आपकी यह समस्या समाप्त हो जाएगी.
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