Reasons of having light bleeding during periods

अक्सर महिलाएं माहवारी से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं से ग्रसित रहती हैं आजकल की लाइफस्टाइल के कारण आपको ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है या इन दिनों बहुत ज्यादा दर्द होता हैं, किसी को भारी मात्रा में रक्तस्त्राव का सामना करना पड़ता है तो किसी को कम. कई महिलाओं को माहवारी के दौरान रक्तस्राव के साथ शरीर में ऐंठन, जी मचलाना और पेट दर्द की भी शिकायत रहती है और फिर बहुत सारी समस्याए होती हैं.

ऐसे में यदि आपकी माहवारी में कुछ परिवर्तन हो जाए जैसे लाइट ब्लीडिंग तो आपको थोड़ी राहत मिलती है. पर हम आपको बता दें कि ऐसी किसी भी परिस्थिति में आपको डॉक्टर से उचित सलाह लेना चाहिए क्योंकि लाइट ब्लीडिंग के कई कारण हो सकते हैं. इन्हीं में से आज हम आपको लाइट ब्लीडिंग होने के कारणों के बारे में बता रहे हैं

लाइट ब्लीडिंग के 8 कारण

हॉर्मोनल परिवर्तन:

शरीर में हॉर्मोनल परिवर्तन आपके महावारी में रक्तस्त्राव की मात्रा को बढ़ा या घटा सकते हैं. यदि आपकी माहवारी सामान्य थी और अब कम रक्तत्राव हो रहा है तो घबराये नहीं और डॉक्टर से परामर्श लें इससे बहुत ज्यादा आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं इसीलिए आप डॉक्टर को ज़रूर दिखा लें.

अधेड़ उम्र की महिलाएँ:

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जो महिलाए रजोनिवृति की पड़ाव पर पहुंच चुंकी हैं उन्हें भी हल्के रक्तस्त्राव का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि इनके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा कम हो जाती है इसीलिए यह समस्या हो जाती हैं.

कम्र उम्र की लड़कियों:

ऐसा इस कारण भी होता है जब लडकियों की उम्र कम हो में भी लाइट ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है. खासकर उन लड़कियों को जिन्हें हाल ही में महावारी शुरू हुई है।. लाइट ब्लीडिंग के साथ है कई बार इन्हें माहवारी नहीं भी होती है यह भी एक कारण है.

जीवनशैली में बदलाव:

लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण या शारीरिक क्रिया के बढ़ने-घटने या तनाव से भी रक्तस्राव की मात्रा पर प्रभाव पड़ता है इसीलिए अगर आप किसी बात का तनाव ले रही है तो उसे कम करे और खुश रहने की कोशिश करे.

कुछ बीमारियों के कारण:

थायरॉइड कंडीशन, खानपान, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी आपके महावारी पर प्रभाव पड़ता है अगर आप इन बीमारियों से ग्रस्त हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें.

कांट्रेसेप्टिव गोलियों:

इन गोलियों के सेवन से भी महावारी में बदलाव आता है जिससे रक्तस्त्राव की मात्रा में कमी आ जाती है.

प्रेग्नेंसी के दौरान:

गर्भावस्था में भी कई बार महिलाओं में म्यूकस डिस्चार्ज होता है जो कि हल्के रक्तस्त्राव जैसा प्रतीत होता है. यदि ये ज्यादा मात्रा में हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

प्रेग्नेंसी के पहले तिमाही में:

गर्भावस्था के दौरान हल्की ब्लीडिंग होती है जो कि मिसकैरिज के भी संकेत हो सकते हैं इसलिए इस मामले में भी आपको बिना लापरवाही फौरन डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए.

क्या करे:

अगर आप इस समस्या से बचना चाहती हैं तो वक्त रहते ही इसका इलाज करें. साथ ही कम रक्तस्त्राव के दौरान अदरक, दालचीनी, धनिया, अजवायन या गर्म चीजों के अत्याधिक मात्रा में सेवन करने से बचें.  इस आर्टिकल में बताई गईं बातें आपकी सहूलियत के लिए लिखी गई हैं इसलिए जरूरी नहीं की हर महिलाओं में ये सामान्य हो इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श ज़रूर कर लें.

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web-title: Reasons of having light bleeding during periods

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