चलिए सबसे पहले जानते है कि कैंसर है क्या ?
कैंसर एक किस्म की बिमारी नहीं होती, बल्कि यह कई रूप में होता है, कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं जिनमें वे शुरू होते हैं- उदाहरण के लिए, बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है, कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है बेसल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है.
कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं, कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं. लेकिन हमको कैंसर को जीवन का अंत नहीं समझ लेना चाहिए.
क्यों कि वैज्ञानिकों को पता लग चुका है कि यह बीमारी होती कैसे है और फिर बचने के उपाय भी हो सकते हैं. कैंसर के खतरे से बचने के लिए आपको कुछ चीज़ें अवश्य करनी चाहिए और कुछ चीज़ें कभी नहीं करनी चाहिए, यदि यह आपके जींस ‘वंशाणु’ में है तो आप कुछ नहीं कर सकते परन्तु जीवनशैली और व्यवहार से संबंधित कुछ ऐसे परिवर्तन है जिनका पालन करके कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.
कैंसर के खतरे से बचने के लिए आपको क्या काम करने चाहिए और क्या नहीं:
किस्मत अपने हाथ
विशेषज्ञ बताते हैं कि कैंसर के लगभग आधे मामले कम किए जा सकते हैं, कैंसर के ट्यूमर का हर पांचवां मामला सिगरेट पीने से होता है, इससे फेफड़ों के कैंसर के अलावा कई और तरह के ट्यूमर भी हो सकते हैं. धूम्रपान से कैंसर होता है, यह एक जाना माना सच है. अत: आपको धूम्रपान का शिकार नहीं बनना चाहिए धूम्रपान के कारण फेफड़े, गले, अन्न नलिका, मुंह, अग्नाशय और पेट का कैंसर हो सकता है जितनी जल्दी हो इसे छोड़ने का प्रयत्न करें.
आलसी मत बनिए
लंबे रिसर्च से पता चला है कि नियमित व्यायाम से ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है, कारण है कसरत से शरीर में रासायनिक सूत्र का स्तर कम होना जरूरी नहीं कि आप बहुत भागदौड़ वाले खेल ही खेलें, आप को साइकिल चलाने और टहलने से भी फायदा होगा.
‘रेड मीट’ कम खाये
मछली के मीट को छोड़ कर आंतों के कैंसर के लिए रेड मीट जिम्मेदार माना जाता है जबकि दूसरी ओर मछली का मांस कैंसर से बचाता है.
आधुनिक दवाएं भी दोषी
एक्सरे से जीनोम यानि आनुवांशिक संरचना पर असर पड़ता है, लेकिन बदलती रोजमर्रा में मुश्किलें बहुत हैं, हवाई जहाजों में सफर के दौरान भी लोग कैंसर पैदा करने वाले विकिरण के संपर्क में आते हैं.
इतनी बुरी नहीं गर्भनिरोधक गोलियां
इन गोलियों से स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है, लेकिन ओवरी या अंडाशय के कैंसर से काफी हद तक बचा जा सकता है, कम से कम कैंसर के मामले में तो गोलियां लेना अच्छा है.
मोटापे से खतरा
कैंसर की दूसरी सबसे बड़ी वजह मोटापा है, शरीर में जब रासायनिक सूत्र बढ़ता है तो वह हर तरह के कैंसर का खतरा बढ़ा देता है, मोटी महिलाओं की वसा कोशिकाओं में सेक्स हॉर्मोन भी ज्यादा निकलते हैं जिससे गर्भाशय या स्तन कैंसर हो सकते हैं.
ज्यादा ना पीजिए
शराब से मुंह, गले और खाने की नली में ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है, धूम्रपान और शराब साथ लेने से कैंसर का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है, अधिक से अधिक वाइन का एक ग्लास ही सेहत के लिए ठीक होता है.
ज्यादा धूप नहीं
सूरज की पराबैंगनी किरणें शरीर में इतने अंदर तक जा सकती हैं कि कोशिकाओं में घुस कर जीनोम यानि आनुवांशिक संरचना बदल दें. ‘सन टैन’ के शौकीनों को ध्यान देना होगा क्योंकि ज्यादा धूप से त्वचा का कैंसर हो सकता है.
संक्रमण से कैंसर
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के संक्रमण से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है, एक तरह का बैक्टीरिया है जो पेट में पहुंच जाता है और वहां कैंसर पैदा करता है, इन संक्रमणों से बचने के टीके लिए जा सकते हैं.
बाकी प्रकृति जिम्मेदार
कुछ लोग तो कुक भी नही करते न ही नाश न कोई शराब फिर भी कई बार सारी अच्छी आदतों के बावजूद बीमारी हो सकती है, कभी उम्र का तकाजा ले डूबता है तो कभी पीढ़ी दर पीढ़ी जीन से होने वाली बीमारी.
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