माना कि हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए सेक्स बहुत जरुरी होता है यह हमारी ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा भी हैं लेकिन कई बार सेक्स हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए ज़रूरी है, पर कुछ स्थितियों में सेक्स से दूर रहना आपके लिए ही नहीं, बल्कि आपके लाइफपार्टनर के हेल्थ के लिए भी ज़रूरी है जो आर आपने इन परिस्तिथियों में भी इसे जारी रखा तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं.
आइए जानते हैं कि किन स्थितियों में सेक्स नहीं करना चाहिए. सेक्स के दौरान दर्द अपने आप में एक अलार्म है, अगर आपके पार्टनर को सेक्स के दौरान दर्द होता है, तो इसे सामान्य समझकर अनदेखा ना करे बहुत से लोग ऐसा करते हैं लेकिन ज़रूरी हैं की आप डॉक्टर से इसकी जाच करवाए.
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ (एसटीडी) होने पर:
अगर एक पार्टनर एसटीडी से पीड़ित है, तो दूसरे को यह ट्रांसफर ना हो, इसलिए दोनों को सेक्स से दूर रहना चाहिए, जब तक की आपकी प्रॉब्लम सही ना हो जाए वैसे आमतौर पर भी एसटीडी के मामले, जैसे- एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस-बी, सिफिलिस आदि की संभावना होने पर डॉक्टर टेस्ट्स के रिपोर्ट्स आने तक सेक्स से बचने की सलाह देते हैं, तो आप इस बात का ध्यान ज़रूर रखे की आपको इस प्रकार की कोई संसय तो नहीं हैं.
सेक्सुअल रिलेशन के ज़रिए फैलनेवाली इन समस्याओं से निपटने और अपने पार्टनर को संक्रमण से बचाने के लिए सेक्स से परहेज़ करना आपकी ज़िम्मेदारी है. नियमित रूप से सेक्सुअल हाइजीन का ध्यान रखें और सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें और डॉक्टरी सलाह का पूरा पालन करें जब तक आप बेहतर ना हो जाये सेक्स को ना कहे.
अन्य संक्रामक बीमारियां:
एसटीडी के अलावा अन्य संक्रामक बीमारियां, जैसे- टी.बी., हर्पिस, चिकनपॉक्स या बैक्टीरियल इंफेक्शन त्वचा सम्बन्धी बिमारिय जो की संकरामक हो , जो इंटीमेट फिज़िकल कॉन्टैक्ट के ज़रिए फैलती हैं, इस दौरान भी सेक्स की मनाही होती है लेकिन यह बात ज़यादात्र लोग नहीं जानते हैं.
बहुत-से लोगों को पता ही नहीं होता कि इस तरह की संक्रामक बीमारियों में सेक्स से परहेज़ बहुत ज़रूरी हो जाता है, वरना आपके साथ-साथ आपका पार्टनर भी इनकी चपेट में आ सकता है जो की खतरनाक हो सकता हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान:
इस दौरान सेक्स को लेकर लोगों के मन में कई उलझनें रहती हैं. इस दौरान सेक्स करें या ना करें, कब करें, जैसे कई सवाल उन्हें परेशान करते रहते हैं लेकिन विशेषज्ञों की माने तो प्रेग्नेंसी के छठे हफ़्ते से लेकर बारहवें हफ़्ते तक सेक्स नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान गर्भपात की संभावना सबसे अधिक होती है जो आपकी इस गलती के कारण भी हो सकता हैं इसके अलावा प्रेग्नेंसी के आख़िरी दो महीनों में भी सेक्स से परहेज़ करना चाहिए, क्योंकि सेक्स से एम्नियोटिक फ्लूइड के लीक होने की संभावना रहती है.
डिलीवरी के बाद:
बच्चे के जन्म के साथ-साथ एक मां का भी जन्म होता है. ख़ासतौर से पहली बार मां बनी महिलाओं के लिए उनका बच्चा ही सब कुछ हो जाता है और बाकी चीज़ें उनके लिए उतनी मायने नहीं रखतीं है इसीलिए डिलीवरी के बाद शारीरिक कमज़ोरी के अलावा उनमें कई भावनात्मक बदलाव आते हैं, जिससे उनकी सेक्स की इच्छा लगभग ख़त्म हो जाती है इसीलिए इस दौरान अपनी पत्नी से जबरदस्ती ना करे.
लेकिन 3-6 महीनों के बाद पीरियड्स वापस आ जाने से वो प्री-प्रेग्नेंसी पीरियड में वापस आने लगती हैं और उनकी सेक्सुअल डिज़ायर भी वापस लौट आती है इसीलिए इस बात का ध्यान रखे.
हार्ट प्रॉब्लम्स हो तो:
हार्ट अटैक या हार्ट प्रॉब्लम्स में जब बेड रेस्ट की सलाह दी गई हो, तब सेक्स से परहेज़ करना ज़रूरी हो जाता है. दरअसल, सेक्स के दौरान उत्तेजना के कारण हृदय पर दबाव पड़ता है, जिससे आपकी समस्या बढ़ सकती है. इसलिए अगर आपको या आपके पार्टनर को हार्ट प्रॉब्लम्स हैं, तो थोड़ी सावधानी आपको बरतनी चाहिए.
मानसिक बीमारी:
अगर आपके पार्टनर में कोई मान्सिल बिमैर हैं तो सेक्स से बचे. सेक्स ना केवल शरीर का मिलन है, बल्कि इसमें दो लोगों के मन आपस में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. इसके लिए शरीर के साथ-साथ आपका मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी ज़रूरी है.
ऐसे में अगर किसी भी तरह की मानसिक बीमारी, डिप्रेशन, तनाव की स्थिति में सेक्स की इच्छा अपने आप ख़त्म हो जाती है, इसलिए पार्टनर की भावनाओं की कद्र करें और उसे थोडा वक़्त दें आपका प्यार व सकारात्मक व्यवहार आपके पार्टनर के जीवन को नए ढंग से जीने व आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा
स्टिल बर्थ की स्थिति में:
जन्म से पूर्व गर्भाशय में ही गर्भ का दम तोड़ देना स्टिल बर्थ कहलाता है. ज़्यादातर मामलों में यह 5वें महीने के बाद होता है इसीलिए ऐसी स्थिति में डॉक्टर पति-पत्नी दोनों को ही क़रीब 6 महीनों के लिए शारीरिक संबंध बनाने से मना करते हैं, क्योंकि महिला शारीरिक वा मानसिक रूप से बहुत कमज़ोर होती है. शारीरिक व मानसिक पीड़ा से जूझ रही ऐसी महिला को पति के प्यार वा सहारे की बहुत ज़रूरत होती है इसीलिए पत्नी को प्यार वा सहारा दें व उसका मनोबल बढ़ाएं
झगड़ा या मनमुटाव होने पर:
ज़्यादातर लोगों को यह लगता हैं की तक़रार की स्थिति में सेक्स के ज़रिए आप रिश्ते को सुधार सकते हैं, पर कभी-कभी ये दांव उल्टा भी पड़ सकता है. सेक्स का मतलब आपसी प्यार को दर्शाना है ना की जोर ज़बर्दस्ती करना होता हैं झगड़े को ठीक करने के लिए किया गया सेक्स महज़ एक शारीरिक क्रिया बन जाती है, जिसमें भावनाएं ना के बराबर होती हैं.
पीड़ादायक सेक्स:
कुछ लोगों को यह सामान्य लगता है, पर पीड़ादायक सेक्स के कारण शारीरिक वा मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जो आपकी सेक्सुअल रिलेशनशिप को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं. ऐसी स्थिति में डॉक्टर दर्द बर्दाश्त करने की सलाह नहीं देते है जब तक डॉक्टर दर्द का सही कारण पता करके इलाज पूरा न कर ले, तब तक सेक्स से परहेज़ करना आप दोनों लिए अच्छा होगा.
If you will not stop doing sex these situation it can be very harmful for you so say no to sex if you and your partner are dealing with these medical issues.
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