पानी पीना सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता हैं यह तो सभी जानते हैं, लेकिन आपको कब कितना, और कैसे इसका सेवन करना चाहिए यहाँ हम आपको बताएंगे, इतना तो सभी जानते हैं की दिन भर में कम से कम 10-12 ग्लास पानी पीना चाहिए, पानी तो हम सब दिन भर पीते हैं लेकिन क्या आपको पता हैं.
लगभग 90% लोग गलत तरीके से पानी पीते हैं और ऐसा करने से उनके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है. यहाँ हम आपको बताएंगे.
पानी मानव शरीर के लिए बेहद आवश्यक तत्वों में से एक हैं, पानी पीने के फायदे से हर कोई वाकिफ है और दिन भर में १.५ से २ लीटर पानी पीना चाहिए यह भी सबको पता हैं और इसके बहुत फायदे भी होते हैं. ये तो सबको मालूम होगा कि पूरे दिन में कितनी दफा पानी पीना चाहिए और इसके क्या फायदे होते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमे पानी कैसे पीना चाहिए शायद नहीं ज्यादातर लोगों को खड़े होकर पानी पीते हुए देखा होगा, और इसे लोग गलत भी नहीं समझते हैं. खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते है और इससे हमारी सेहत को कई तरह के नुक्सान हो सकते हैं इसीलिए इस तरह से पानी पीना हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह हैं. यहा आज हम आपको बतायेंगे की खड़े होकर पानी पीना खतरे से खाली नहीं है.
खड़े होकर पानी पीने के क्या नुकसान हो सकते हैं:
पाचन तंत्र के लिए नुकसान:
जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तब यह आसानी से प्रवाह होता जाता है और एक बड़ी मात्रा में नीचे खाद्य नलिका में जाकर, निचले पेट की दीवार पर गिरता है, इससे पेट की दीवार और आसपास के अंगों को नुकसान पहुंचने की सम्भावना रहती है. लंबे समय तक ऐसा होने से पाचन तंत्र और दिल और गुर्दे की समस्याएं हो जाती हैं.
ऑर्थराइटिस होने का खतरा:
कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, इससे आपके घुटनों पर जोर पड़ता है और ऑर्थराइटिस होने का खतरा रहता है जिसके कारण जोड़ो में बहुत दर्द होता है.
गुर्दे की बीमारी:
जब खड़े होकर पानी का सेवन किया जाता है तब पानी तेज़ी से गुर्दे के माध्यम से, बिना अधिक छने, गुज़र जाता है. इसके कारण मूत्राशय या रक्त में गंदगी इकट्ठा हो सकती है जिससे मूत्राशय, गुर्दे और दिल की बीमारियां होती हैं.
गठिया की समस्या:
खड़े होकर पानी पीने से शरीर में मौजूद अन्य तरल पदार्थों के संतुलन को बिगाड़ देता है. अंततः यह जोड़ क्षेत्रों और जोड़ों में आवश्यक तरल पदार्थ की भी कमी करता है, इससे जोड़ो में दर्द और गठिया जैसी परेशानियां उत्पन्न होती हैं.
पानी पीने के सही तरीके:
जब भी पानी पिए तो जिस तरह से हम लोग चाय या कॉफी पीते हैं, धीमे-धीमे एक-एक घूट कर के उसी प्रकार पानी पिए, अचानक से एक ही सांस में पानी ना पिए.
बोतलबंद पानी पीने से भी बहुत ज़्यादा नुक्सान होते हैं. इसीलिए बोतलबंद पानी बिलकुल ना पिए.
आप खाना खाएं तो उसके तुरंत बाद पेट भरकर पानी बिल्कुल ना पिएं. वरना इससे आपको यह नुक्सान हो सकते हैं.
ताँबे के बर्तन में पानी रख कर पीना:
तांबे का एक बर्तन लीजिए और रात में इस में पानी भरकर रख दीजिये और सुबह उठकर नहार मुंह एक- एक घूंट करके थोड़ा-थोड़ा करके इस पानी को पीजिए. 90 दिन तक ऐसा करने से आपके शरीर में चमत्कारिक रूप से परिवर्तन आएगा और ये आपके शरीर को रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बहुत तेज़ी से बढ़ती हैं और आप इससे कई प्रकार की बिमारियों से भी बचेंगे.
इसके अलावा अगर आपको किसी प्रकार का चर्म रोग है जैसे के कील, मुहांसे या फोड़े फुंसी होते हैं, तो इस रोग में भी आपको तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से बहुत फायदा मिलता है.
ताँबे के बर्तन में पानी रख के पीने का सही तरीका:
पानी को पहले उबालें और ठंडा हो जाए तब उसको पिएं. अगर आप तांबे के बर्तन में पानी रखते हैं तो आपको उस पानी को उबालने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसमे वह सभी गुण आ जाते हैं जो आपको पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद मिलते हैं. ताँबे के बर्तन में पानी रख कर पीने से आपके चेहरे पर भी निखार आता है.
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