हममे से ज़्यादातर लोग घंटो सोफे पर बैठ कर बिता देते हैं, कई लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा सोफे पर बैठे रहते हैं इसके अलावा वही बैठ-बैठे सो तक जाते है, कुछ पर बैठने के बाद बहुत ज्यादा आलस महसूस होता हैं जिसके कारण लोग उसपर घंटो बैठे रखते हैं, आपक घर का फर्नीचर बिना सोफे के पूरा नहीं होता हैं.
पूरे दिन दफ्तर में दौड़भाग और माथापच्ची करके जब आप घर पहुंचते हैं तो अपने काउच पर ही ढंस जाना चाहते हैं। वीकेंड पर काउच पर लेटकर टीवी देखते हुए अपना दिन बिताना आपको बहुत पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं की इस तरहा घंटो सोफे पर बिताने से आपको कितने नुक्सान हो जाते हैं अगर नहीं तो, आज इलाज.कॉम आपको बतायेगा की किस प्रकार आपको सुफे पर बैठना पड़ सकता हैं भारी.
काउच पटैटो ना बन जाए कही आप:
यह तो आप भी जानते होंगे की घंटो इस तरह से काउच पर बैठने से आपको काउच पटैटो हो जाता हैं जिसके करान आपको बहुत ज्यादा परेशानी का समाना पड़ता हैं अपने यह बात सुनी होगी लेकिन इस बात को गंभीरता से लिया ना होगा, काउच पटैटो उन लोगों को कहा जाता है जो लोग बिल्कुल एक्सरसाइज नहीं करते और बहुत अधिक टीवी देखते हैं लेकिन, काउच पर वक्त बिताने से आप सिर्फ काउच पटैटो ही नहीं बनेंगे बल्कि आपकी सेहत को बहुत सी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
कही हो ना जाए आप दिल के रोगी:
दिल की बीमारिया वैसे भी पूरे विश्व में बहुत ज्यादा तेज़ी से बढ़ रही हैं, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल के अलावा और भी इसके होने के कारण इनमे से एक कारण हैं सोफे पर बैठना भी हैं, सोफे पर घंटो बैठने के कारण आपको बलोद प्रेशर की बिमारी हो जाती हैं इसके लावा कोलेस्तेर्ल के होने की आशंका होती हैं जिसके कारण आपको दिल का अटैक भी पड़ सकता हैं.
कैंसर का खतरा:
आपके सोफे में बहुत से फ्लेम-रिटार्डेंट केमिकल्स होते हैं ये केमिकल जहरीले होते हैं और इनसे कैंसर व हार्मोन चक्र में रूकावट का खतरा बढ़ जाता हैं, इन केमिकल्स की वजह से सीखने की क्षमता भी धीमी हो सकती है. दुर्भाग्य से, इन केमिकल्स की पहचान करना और ये पता लगाना कि फर्नीचर में किस जगह हैं यह मुमकिन नहीं हैं.
आंखों और गले को नुकसान:
काउच बनाने में लकड़ियों को जोड़ने के लिए फॉर्मल्डेहाईड का इस्तेमाल किया जाता है, यह एक वाष्पशील ऑर्गैनिक केमिकल होता है जिससे आखों और गले में जलन की समस्या हो सकती है. यह समस्या तभी होती हैं जब आप घंटो बैठकर इस पर काम करते हैं समस्या बढ़ने पर आंखों से पानी आना, मतली होना और सांस लेने में दिक्कत जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
फेफड़ो को पहुचेगा नुक्सान:
काउच और अन्य फर्नीचर में ऐसे बहुत से केमिकल्स होते हैं, जो जलाए जाने पर जहरीला धुंआ छोड़ते हैं जैसा आपने आमतौर पर देखा भी होगा काउच में पैडिंग के लिए पॉलियूरेथेन फोम का इस्तेमाल किया जाता है, जब इसे जलाया जाता है तो इससे आइसोसाइनेट्स केमिकल निकलता है इस केमिकल से फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचता है, जो बाद में जाकर अस्थमा में बदल सकता है इससे आपको बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं.
लेबल्ड फर्नीचर का रूख करें:
काउच के नुकसान से बचना इतना मुश्किल भी नहीं है इसके लिए आपको नेचुरल फर्नीचर का इस्तेमाल करना चाहिए आपको काउच के खतरों से बचा सकता है नेचुरल मटीरियल जैसे कि लकड़ी, वुल, ऑर्गेनिक फेदर्स, नेचुरल लेटेक्स आदि से बने काउच लें। फर्नीचर लेते समय काउच का लेबल जरूर देखें. उनमें ये जानकारी होती है कि वो फ्लेम रेसिस्टेंट नहीं हैं और उनमें कैमिकल नहीं होता हैं.
काउच की सफाई:
अपने काउच की साफ सफाई का खास खयाल रखें हर हफ्ते इसकी सफाई करे उसपर जमने वाली धूल व मिट्टी आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं काउच का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथों को भी अच्छी तरह से धोएं बच्चों को काउच से अधिक समस्या होनी की आशंका रहती है इसलिए उनका खास खयाल रखें, इससे आप कई परेशानियों से बाख सकते हैं.
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