नींद में बोलना एक नुकसानदायक और असामान्य व्यवहार है कई बार ऐसा होता हैं की हम सोते हैं तो हम नींद में अचानक से बोलना शुरू कर देते है 3 से 10 साल की उम्र के बच्चों में यह सामान्य माना जाता है पर इसे कई बार वयस्कों में भी देखा गया है. नींद में बोलने की आदत को सपनों से जोड़ कर देखा जाता है जो पुरुष व महिलाओं दोनों में ही देखा जा सकता है.
क्यों बड़बड़ाते हैं नींद में लोग
नींद में बोलने को बड़बड़ा कहते हैं क्योंकि जब आप बड़बड़ाते हैं तो आपके वाक्य आधे-अधूरे और अस्पष्ट होते हैं, ये एक प्रकार का पैरासोमनिया है जिसका मतलब होता है सोते समय अस्वाभाविक व्यवहार का करना लेकिन इसे बीमारी नहीं माना जाता हैं.
रात में बड़बड़ाते हुए आप कभी-कभी ख़ुद से ही बात करने लगते हैं जो ज़ाहिर है सुनने वाले को अजीब या भद्दा लग सकता है, लेकिन नींद में बड़बड़ाने वाले एक समय में 30 सेकेंड से ज्यादा नहीं बोलते है.
क्या है कारण नींद में बोलने के कारण :
इसके अलावा मानसिक असंतुलन.
किसी प्रकार का भावनात्मक दबाव.
कुछ दवाओं का प्रभाव के कारण.
साथियों के द्वारा किया गया अभद्र व्यवहार.
बुखार के दौरान मूर्छा या अचेतना की वजह से भी नींद में बोलने की बीमारी हो सकती है.
इसके अलावा नींद से जुड़ी अन्य बिमारियाँ जैसे नींद में भय लगना.
नींद में चलना या खाने की वजह से नींद सी जुड़ी कुछ अन्य समस्याएँ भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं.
यह असामान्य व्यवहार इससे पीड़ित व्यक्ति को चिल्लाने, रोने या किसी प्रकार की हिंसा आदि के लिए प्रोत्साहित करता है.
अगर नींद में बोलने की आदत से पीड़ित व्यक्ति और साथ ही नजदीकी लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती तो यह ठीक है लेकिन अगर इसकी वजह से वह व्यक्ति स्वयं और आस पास के लोग भी प्रभावित होते हैं तो इसका इलाज करना वाकई बहुत ज़रूरी है.
क्या करे उपचार के लिए:
आप इसके उपचार के लिए निद्रारोग विशेषज्ञ के पास जाकर उनकी सलाह ले सकते हैं, अगर आप माता या पिता हैं और आपके बच्चे को इस तरह की परेशानी है तो आपका चिंतित होना भी सामान्य है.
कई बार नींद में बोलने की यह आदत केवल बोलने तक ही नहीं रहती बल्कि बोलने के साथ पीड़ित व्यक्ति, धक्का देना, मुक्के या घूंसे मारने जैसी हरकतें भी करता है.
यह नींद से जुड़ी बीमारी का एक लक्षण है जिसका तुरंत उपचार ज़रूरी है, यहाँ हम आपको कुछ उपचार बता रहे है जिसके बाद आप अपनी इस समस्या से बच सकेंगे.
नींद में बोलने की समस्या से ऐसे पाए छुटकारा:
नींद में बोलने की आदत से बचने के लिए पर्याप्त आराम ज़रूरी होता है. कभी-कभी व्यक्ति जब बहुत ज्यादा थका हुआ होता है तो वो नींद में बोलने की समस्या से पीड़ित हो जाता हैं.
इसके लिए आपकी नींद अच्छी तरह पूरी होनी चाहिए अगर हो सके तो आपको दिन के वक़्त भी बिना किसी व्यवधान के कुछ समय की नींद लेना चाहिए इससे आपका मन शांत होगा और आपकी यह समस्या कम हो जाएगी.
अगर आप लगातार तनाव से गुजर रहें हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है.
इसके लिए अपने दिमाग को पर्याप्त आराम का मौका देना चाहिए और खुद भी रिलैक्स करना चाहिए अगर ऑफिस के कामों से आप खुद को बहुत उलझा हुआ महसूस कर रहे हैं तो कुछ दिनों के लिए काम से छुट्टी ले लें.
अपने आपको थोडा टाइम दें कहीं घूमने जाएँ, इससे आपके दिमाग को भी काफी आराम मिलेगा, इससे आपका तनाव कम होता है.
अगर आप अकेले हैं या अकेलापन हसूस करते है तो अपने किसी दोस्त या करीबी से मिलने जाएँ और उनसे बातें करें. अपनी बातें उनके साथ शेयर करें इससे आपके मन की बातें खुलकर बाहर आएंगी और आपका मन भी हल्का होगा तथा अप बेहतर महसूस करेंगे इससे आपका अकेलापन भी दूर हो जाएगा.
कई बार बहुत ज़्यादा कैफीन के सेवन से भी नींद में बोलने की समस्या होती है इसके इलाज के लिए कैफीन की मात्रा कम करें अगर आप इसके शौक़ीन हैं तो इसे तुरंत छोड़ दें.
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