पेट के अल्सर को पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है जो की बहुत ज्यादा तकलीफदेह होता हैं, पेट के अल्सर से बचने के लिए आपको खाद्य पदार्थों का ध्यानपूर्वक सेवन करना और उचित आहार को अपनाना बहुत आवश्यक है अगर आपका खान-पान सही होगा तो आप इस बिमारी से बच जायेंगे.
आज इस लेख में हम पेट के अल्सर के रोगियों के लिए आहार से संबंधित कुछ सुझाव देंगे जैसे उन्हें कौन से पदार्थ खाने चाहिए इसे साथ ही यहा बतायेंगे की क्या हैं इसके लक्सहं वा कारण और पेट के अल्सर से बचने के लिए किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
आपको इस इलाज जल्द से जल्द कर लेना चाहिए क्योंकि यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो यह पेट के कैंसर में बदल सकता है जो की एक जानलेवा बिमारी.
पेट में अल्सर के कारण:
यह कुछ मुख्य कारण हैं जो पेट में अल्सर के होने का प्रमाण देते हैं अगर आप इन लक्षणों को देखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता है.
खानपान की गलत आदतों और उसके कारण बनने वाला एसिड इस बीमारी को अधिक बढ़ा देता है इसके अलावा अनियमित दिनचर्या, खानपान की गलत आदतें और उसकी वजह से बनने वाला एसिड अल्सर की प्रमुख वजह है, इसका मुख्य कारण जंक फ़ूड भी है.
कई पेनकिलर्स और दवाओं की वजह से भी यह बीमारी हो जाती है जो लोग हर बात पर दवाये खाते हैं उन्हें यह परेशानी पहले हो जाती हैं इसके अलावा तनाव भी अल्सर का बड़ा कारण है, क्योंकि इससे एसिड ज्यादा बनता है और आप अल्सर के शिकार हो जाते हैं.
सिर्फ खानपान और पेट में एसिड बनने से पेप्टिक अल्सर नहीं होते, बल्कि हेलिकोबैक्टर पायलोरी बैक्टीरिया भी इसका एक कारण है. धूम्रपान भी अल्सर के खतरे को बढ़ा देता है, जो लोग धुम्रपान करते हैं उन्हें यह बिमारी होने के असार जायद होते हैं
गैस्ट्रिक अल्सर में खाने के बाद पेट में दर्द होने लगता है. वहीं ड्यूडिनल अल्सर में खाली पेट रहने से दर्द होता है और भोजन करते ही दर्द ठीक हो जाता है तो अगर आपके साथ इस प्रकार का दर्द होता हो तो आप तुरंत चेकअप कराये.
अल्सर के लक्षण :
पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द होना अल्सर का पहला लक्षण हो सकता है या हर वक़्त पेट में दर्द बने रहना.
भोजन के बाद जब पेट में दर्द हो और डाइजिन जैसी एंटी-एसिड दवाओं से राहत मिले, तो इसे गैस्ट्रिक अल्सर का लक्षण माना जाता है.
ड्यूडिनल अल्सर में खाली पेट हो तो दर्द होता है और भोजन के बाद दर्द से राहत मिलती है.
पेप्टिक अल्सर होने से मरीज को भूख कम लगती है और भूख मर जाती हैं
इसके अलावा पेट में दर्द, जलन, उल्टी या मिचली आती है.
कई बार उल्टियों में खून भी आने लगता है. अल्सर के पकने पर काले रंग का पौटी होने लगता है.
अल्सर के लिए घरेलू उपाय :
लहसुन:
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाते हैं और पेट के अल्सर को जल्दी ठीक करते हैं इसे सब्जियां पकाते समय उनमें कटा हुआ लहसुन डालकर इसका सेवन किया जा सकता हैआ उर खाली भी किया जा सकता हैं.
सेब:
यदि आप पेट के अल्सर से पीड़ित हैं तो तो एक अन्य पदार्थ जो आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए वह है सेब अहिं आपने सुना होगा की सेब खाने से बिमारिय दूर होती हैं इसमें फाइबर और फ्लेवोनाइड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं.
ग्रीन टी:
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह पेट का अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में सहायक है और आपकी सेहत का भी ख्याल रखती हैं प्रतिदिन दो कप ग्रीन टी पीयें.
दही:
दही में प्रोबायोटिक गुण पाए जाते हैं अक्सर आपने सुना होगी की पेट में जलन हो तो दही खाए इसी प्रकार यह अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक है. इसके अलावा यदि आप पेट के अल्सर के लिए एंटीबायोटिक्स का सेवन कर रहे हैं तो दही आपको एंटीबायोटिक्स के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से बचाता है.
मसालेदार खाना करे अवॉयड:
यदि आप पेट के अल्सर से पीड़ित हैं तो मसालेदार खाना बिलकुल ना खाए. इससे पेट में जलन होती है और इसका प्रभाव अल्सर पर पड़ता है.
मटन न खाएं:
अगर आप अल्सर से बचना चाहते हैं या आपको अल्सर हैं तो आपक मीट, विशेष रूप से मटन में फैट और प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है जो पचने में बहुत अधिक समय लेता है, इस प्रक्रिया में बहुत अधिक एसिड बनता है जो पेट में जलन पैदा करता है.
खट्टे फल से बनाये दूरी:
खट्टे फल पेट में एसिडिटी को बढ़ाते हैं और पेट के अल्सर में जलन को बढ़ाते हैं इसीलिए अल्सर के रोगियों को खट्टे फल जैसे संतरे, नीबू और अंगूर नहीं खाने चाहिए.
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