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    Categories: Health

जाने मस्सो के बारे में कुछ रोचक बाते

मस्से हर किसी को होता हैं ज़्यादातर लोगो के मस्से होते ही हैं लेकिन क्या आपको पता हैं मस्से होने के कारण आपको कई प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं मस्से लोगो में वायरस के कारण होते हैं यह वायरस शरीर में शरीर में ऐसी जगह से प्रवेश करता है जहां की त्वचा कटी-फटी हो और बाहर को छोटे गुमड़े के रूप में बढ़कर यह त्वचा की बाहरी परत को प्रभावित करता है.

यह शरीर में किसी भी जगह पर हो सकते हैं लेकिन ज़्यादातर यह हाथ पैरो या चेहरे पर होते हैं. कई मस्से इतने बड़े हो जाते हैं की यह कैंसर होने का कारण बन जाते हैं .

मस्सो के प्रकार:

मस्से कई प्रकार के होएत नहीं जिनमे से कुछ इस प्रकार से दिए गए हैं

चपटे वा फ्लैट वार्टस:

ये अन्य वार्टस की अपेक्षा छोटे और मुलायम होते हैं, इनके सिरे फ्लैट होते हैं और ये आमतौर से चेहरे, बांहों और टांगों पर पाये जाते हैं. यह उभरे हुए नहीं होते हैं इसीलिए यह कई दफा टिल जैसे भी नज़र आते हैं.

कॉमन वार्टस:

उभरे हुए वार्टस जिनकी बनावट खुरदुरी हो अक्सर हाथों पर पाये जाते हैं लेकिन ये शरीर में कहीं भी हो सकते हैं. यह आम तौर पर लोगों में पाए जाते हैं.

प्लांटर वार्टस:

आमतौर से पैरों के तलुवों में पाये जाते हैं और जब ये गुच्छों में बनते हैं तो मोजॉइक वार्टस के रूप में जाने जाते हैं. ये कड़े और मोटे पैच होते है जिनमें छोटे-छोटे काले बिंदु होते हैं जो कि वास्तव में रक्त वाहिनियां होती हैं. मूवमेंट जैसे कि चलने-फिरने और दौड़ने के दौरान इन वाट्र्स में दर्द होता हैं लेकिन इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.

निटक वार्टस:

यह प्रजनन संबंधी वार्ट्स होते हैं, ये सैक्सुअली ट्रांसमिंटेड डिजीजे-एसटीडी का सबसे प्रचलित रूप हैं. ये शरीर के प्रजनन संबंधी हिस्सों जैसे कि योनि, लिंग, गुदा और अंडकोष (स्क्रोटम) पर बनते हैं. जो की सेक्स के कारण आयी बीमारियों के कारण होता हैं, ये उभरे हुए या चपटे, अकेले या गुच्छों में बन सकते हैं और सैक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान त्वचा के संपर्क से फैलते हैं. इनके होने पर आपको तुरंर डॉक्टर्स से चैकअप कराना चाहिए.

फिलीफार्म वार्टस:

यह मस्से इस प्रकार के होते हैं ये बढ़कर धागों जैसे दिखते हैं और ऐसे अधिकतर चेहरे पर पाये जाते हैं.

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पेरिंयगुअल वार्टस:

ये अंगुलियों और अंगूठों के नाखूनों के नीचे और इर्द-गिर्द बनते हैं. इनकी सतह खुरदुरी होती है और ये नाखूनों की बढोत्तरी को प्रभावित कर सकते हैं. कई बार इनमे व्यक्ति को दर्द भी महसूस होता हैं.

मस्सो के कारण:

मस्से होने के कई कारण होते हैं जिनमे से कुछ कारण इस प्रकार से दिए गए हैं.

मस्से ह्यूमन पैपिलोवाइरस (एचपीवी) वायरस के कारण उत्पन्न होते हैं जो बहुत संक्रामक और प्रत्यक्ष संपर्क द्वारा फैलता है, यह किस को भी कभी भी हो सकता हैं.

क्योंकि यह एक संक्रामक चीज़ हैं इसीलिए आप अपने वार्टस को छूने और उसके बाद अपने शरीर के दूसरे हिस्से को छूने भर से ही खुद को नये सिरे से संक्रमित कर सकते हैं.

जिन लोगो को मस्से होते हैं अगर कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की तौलिया या निजी उपयोग की दूसरी चीजों को मिल बांटकर इस्तेमाल करने से यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में पहुंच सकता है.

वार्ट्स होने के एक कारण हमारा इम्यून सिस्टम भी होता हैं, प्रत्येक व्यक्ति एचपीवी के खिलाफ अपने इम्यून सिस्टम की मज़बूती के अनुसार प्रतिक्रिया करता है, कुछ लोगों में वार्टस् की संभावना ज़्यादा होती है जबकि अन्य इस वायरस से प्रतिरक्षित रहते हैं. जेनिटल वार्टस बहुत संक्रामक होते हैं. इसीलिए अगर यह मस्से लोगो में पाए जाते हैं तो उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता हैं.

अन्य कारण:

व्यक्ति से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क जैसे कि पब्लिक टॉयलेट्स या डोर नॉब्स के ज़रिये संपर्क भी आपको जोखिम में डाल सकता है, इसीलिए ऐसे समय लोगो को सावधानी रखने की आवश्यकता होती हैं, त्वचा की सतह पर कटने-फटने से यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे में फैल सकता है. जेनिटल वार्टस सैक्सुअल कांटेक्ट्स के जरिये फैलते हैं, और यह व्यक्ति के लिए खतरा भी पैदा कर सकते हैं इसीलिए लोगो को अगर इस प्रकार के कोई लक्षण दिखाए दें तो आपको चाहिए की आप इसके लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करे.

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