आधुनिक जीवनशैली के कारण, और रोज़ मर्रा का तेल चिकना और मिर्च मसाला वाले खाने से कब्ज़ की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही हैं.
यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगो को हो जाती हैं फिर चाहे वो बच्चे हो या बढे या बूढ़े फिर इस समस्या का सामना हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बार ज़रूर करता हैं. कब्ज़ का मतलब बिलकुल मल त्याग न करना या मल त्याग होने में कठिनाई होना . इस बिमारी के कारण कई लोगो के व्यवहार में तनाव वा मन ख़राब होना पाया जाता हैं.
कब्ज़ के कारण
- अपनी भूक से कम खाने पर कब्ज़ का होना पाया जाता हैं
- आहार में फाइबर की का ई का होना
- आहार का पाचन सही से न होना
- पाचन शक्ति ख़राब होना या पाचन क्रिया में की समस्या का होना
- पानी की सही मात्रा न लेना से कब्ज़ हो जाता हैं
- निष्क्रिय जीवनशैली के कारण
- हर वक्त घर में रहना भर न निकलना
- अधिक आराम करना, हर वक्त लेते रहना इन करो से भी कब्ज़ की शिकायत हो जाती हैं
- ऐसा आहार लेना जिसमे चर्बी या फैट की मात्रा अधिक आयी जाती हैं
अत्यधिक चाय या कॉफ़ी पीन - शराब, मसाला या धूम्रपान का अधिक सेवन करने से पाचन क्रिया धवस्त ह जाती हैं
- खाना खाने के तुरंत बाद ढेर सारा पानी पीना जिसके कारण खाना पचने में
- अधिक समय लगता हैं जिसके कारण मल त्यागने में परेशानी आती हैं.
- जंक फ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, आदि का नियमित तौर पर सेंवन करने से
यह सब हमारे खान पान वा हमारी ख़राब जेवनशैली के कारण हैं जो की आजकल इस बिमारी का मुख्य कारण बनी हुई हैं . जो हर वर्ग के लोगो को अपनी चपेट में ले रही हैं
कब्ज़ होने के नुक्सान
जिसे कब्ज़ की बिमारी होती हैं वो व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता हैं
चिड़चिड़ापन होना
दुबलापन
पानी की कमी होना
सुस्त होना
किसी काम में मन न लगना
भूक न लगना
कब्ज़ का इलाज
वैसे कब्ज़ के इलाज के लिए किसी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं होती हैं, ना इसकी कोई ख़ास दवा होती हैं. इस बीमारी का इलाज घरेलू उपायो से किया जा सकता हैं. इसके लिए कई प्रकार के घरेलू उपाय हैं कुछ निम्न प्रकार हैं. लेकिन अगर ये समस्या अधिक समाये तक बनी हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करे
- जितनी भूक हो उतना खाना खाये
- नियमित तौर पर हरी सब्ज़ियों का फल वा पोषित आहार का सेवन करे
- ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिए
- खाना खाने के तुरंत बाद पानी ना पिए बल्कि बीच-बीच में थोड़ा सा पानी पीते रहिये
- जंक फ़ूड जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा, चौमीन इनका सेवन ना करे
- अधिक कैफीन ग्रहण ना करे
- धूम्रपान, शराब, मसाला आदि का सेवन करना छोड़ दें
- लेमन जूस
लेमन जूस में शहद मिला के पीने से कब्ज़ की परेशानी ख़तम होती हैं. इसका उपयोग नियमित तौर पर किया जा सकता है.
गरम पानी
सुबह सुबह नाहार मुह गरम पीने से कब्ज़ की समस्या को दूर किया जा सकता हैं
कब्ज़ से पीड़ित कई लोग इस नुस्खे का उपयोग रोज़ आना करते हैं.
आयुर्वेद
आयुर्वेद में कब्ज़ का इलाज सबसे बेहतर तरीके से बताया गया हैं, इसमें त्रिफला चूर्ण, इसबगोल भूसी जैसी आयुर्वेदिक औषधि से कब्ज़ में आराम मिल सकता हैं .इसके लिए त्रिफला टेबलेट्स का इस भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं.
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