असामान्य मल त्यागने या अनियमित मल की स्थिति में आपको अपनी बड़ी आंत को साफ करने की आवश्यकता होती है अगर आप अपनी बड़ी अंत को साफ़ कर लेते हैं तो आपको अपनी इन समस्याओ से छुटकारा मिल जाता हैं.
लेकिन अगर इनकी सही तरह से सफाई नहीं हो पाती हैं तो ये अपशिष्ट पदार्थ बड़ी आंत में इकट्ठा होता है तो यह अन्य कई परेशानियाँ पैदा कर सकता है जब आप बड़ी आंत को साफ करते हैं, तो यह अपशिष्ट साफ हो जाता है.
कोलोन क्लीजिंग एक प्रसिद्ध शब्द है जिसक नाम आप कई सारे विज्ञापन में देखते होंगे इसके नाम से कई कई प्रॉडक्ट बिक रहे हैं. विज्ञापन किए जाने वाले इन उत्पादों को खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है, आप नमक का शोधक इस्तेमाल कर सकते हैं
नमक के पानी से दूर होगी आपकी यह समस्या:
अगर आप अपनी बड़ी आंत की सफाई करते हैं तो आपको
पेट में सूजन.
गैस या पाचन तंत्र में जलन.
मुह में बदबू इससे दूर होती है.
अच्छी नींद भी आती है.
इन जैसी समस्याओं से निजात मिलती है साथ ही यह त्वचा के लिए भी बेहतर है.
आपको क्या करना होगा:
नमक के पानी के शोधक को सुबह उठते ही काम में लें, एक लीटर पानी में 2 टेबल स्पून समुद्री नमक मिला लें और इसे पी लें. इससे पेट साफ होने का प्रेशर लगेगा जिससे इस पानी से बड़ी आंत की सफाई हो जायेगी.
नमक के पानी को पीते ही यदि आपको उल्टी होती है तो, इसे दोबारा ना पिये. इसके अलावा, यदि आपको ब्लड प्रेशर है और नमक कम खाने की सलाह आपको दी गई है, तो भी इसे प्रयोग में ना लाये.
इसके सेवन के बाद भी यदि आपके मल त्याग में कोई फर्क नहीं पता है तो, इसे फिर से ना पिए इस स्तिथि में आप डॉक्टर से परामर्श लें.
सामान्यतः लोग, ये क्लींजिंग व्रत वाले दिन करते हैं। यदि आप व्रत नहीं करते हैं तो इसे जागते ही खाली पेट करें इसे खाली पेट पीने से आपको बहुत फायदा होगा .
चूंकि नमक का पानी अपशिष्ट को बाहर निकालता है इसलिए जब आप नमक का पानी पीते हैं, तो आपका मुह, खाने की नाली, पेट और आंत ये साड़ी चीज़े सब साफ हो जाती हैं.
इस काम के लिए केवल समुद्री नमक ही इस्तेमाल करें जो कि रिफाइन और आयोडाइज्ड नहीं हो शुद्ध नमक का ही उपयोग करे इस इलाज में सामान्य नमक कारगर नहीं है. इसमें हिमालयन नमक भी काम करता है.
पीने के बाद क्या होता है:
इसके 15-20 मिनट बाद आपको दस्त लगेगा. आपका अपशिष्ट पदार्थ 2-3 बार में निकलेगा इसलिए आपको कई बार फ्रेश होने जाना पड़ेगा इसलिए इसे तब ही करे जब आपकी छुट्टी हो उस दिन जब पर्याप्त समय हो तभी करें.
कुछ लोग इस इलाज को लगातार 5-7 दिनों तक करते हैं, ऐसा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें. 6 महीने में 1 बार से ज्यादा यह क्रिया ना करें अन्यथा आपको नुक्सान हो सकता हैं.
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