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जाने थायराइड के कारण वा इन चीजों से परहेज़ कर इसे करे अपनी मुट्ठी में

थायराइड के बारे में हम बचपन से पढ़ रहे हैं की थायराइड एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है, यह ग्रंथि आपके शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है. यानी जो भोजन आप  खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है,  इसके अलावा यह आपके हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है.

लेकिन आजकल थायराइड की बिमारी बहुत बुरी तरह से हर जगह फैली हुई हुई हैं जिसे देखो वो इस बिमारी का शिकार हो रहा हैं खासकर महिलाए इस चीज़ से ज्यादा प्रभावित हो रही है.

हम सभी यह जानना चाहते है कि आखिर क्या कारण हो सकते है जिनसे की थायराइड होता है पर इसके कारणों के बारे में अभी तक बहुत कम लोग जानते है, आइए हम आपको बताते है कुछ अतिसक्रिय कारण जो थायराइड में योगदान देते है और आपको इस बिमारी से पीड़ित करते हैं.

थायराइड के कारण:

थायरायडिस:

यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण आप इस रोग से ग्रस्त हो जाते हैं.

सोया उत्पाद:

इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा सेवन भी थायराइड होने के कारण हो सकते है इसीलिए इसकी अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए.

दवाएं:

कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण भी  थायराइड की वजह होते हैं आप किसी रोग की दवा ले रहे है इसके साइड इफेक्ट्स से भी आपको यह समस्या हो सकती हैं

ह्य्पोथालमिक रोग:

थायराइड  की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायराइड  ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती जिस कारण आप इस रोग के शिकार हो जाते हैं.

आयोडीन की कमी:

भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या में इजाफा करता है यह तो बचपन से सुनते चले आ रहे हैं की बहुत ज्यादा नमक खाने से या कम खाने से यह रोग हो जाता हैं इसीलिए इस बात का खासकर ध्यान रखे.

विकिरण थैरेपी:

सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण्‍ा यह रोग आपको अपनी चपेट में ले लेता हैं.

तनाव:

जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है. यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती  है जिससे आप इस बिमारी के रोगी हो जाते हैं.

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परिवार का इतिहास:

यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती हैजिसे आनुवंशिकता कहते हैं थायराइड का सबसे अहम कारणों में से एक कारण हैं.

ग्रेव्स रोग:

ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है. इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है, ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है अगर आपके परिवार में किसी को यह रोग हैं तो आपको भी हो सकती है.

गर्भावस्था:

थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था , जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है, गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है जिससे वो इस रोग से पीड़ित हो जाती हैं.

रजोनिवृत्ति:

रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है. जो कई बार थायराइड की वजह बन जाती हैं.

अगर आप हाइपर थायराइड के शिकार हैं तो ना खाए यह खाद्य पदार्थ:
अधिक शुगर वाले आहार से परहेज़:

हाइपर-थाइरॉइडिस्म से ग्रस्त लोगों को गन्ना, डेक्सट्रोस, हाई फ्रूटस कॉर्न सिरप आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योकि इनमे मौजूद कैलोरी और शुगर से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और हाई ब्लड प्रेशर, हाइपर थाइरॉइड वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है, आपको इन चीज़ से परहेज़ करना चाहिए जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, पैन केक, जैम/जैली, कुकीज़, केक, पेस्ट्रीज, कैंडीज, फाइट फ्री जमा हुआ दही आदि का सेवन ना करें.

अधिक नमक वाले आहार

नमक से थाइराइड ग्रंथि ज्यादा प्रभावित होती है इसलिए हाइपर-थाइराइड से ग्रसित लोगों को ज्यादा नमक का खाना नजरअंदाज करना चाहिए या इसका सेवन नाममात्र करना चाहिए जैसे समुद्री शैवाल, कैल्प और कोई सी-फूड ना लें जिसमें आयोडीन ज्यादा होता है. हाइपर-थाइरॉइडिस्म वालों को ये बिल्कुल सेवन नहीं करने चाहियें.

शुद्ध दूध

हाइपर- थाइरॉइडिस्म में शुद्ध दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. इसका उपभोग सही नहीं है, इसलिए आपको से नजर अंदाज करना चाहिए. मलाई या क्रीम निकाला हुआ दूध लें जो कि पचाने में आसान और स्वास्थ्यकर होता है.

कैफीन

इसे भी नजरअंदाज करना चाहिए चाय काफी के  आप शौक़ीन हैं तो इससे दूर रहे. इनसे थाइरॉक्सिन ज्यादा पैदा होता है. यदि आप पहले से ही हाइपर थाइरॉइडिस्म से पीड़ित हैं तो आपको कॉफ़ी, शुगर और अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, इनके बजाय आपकोपानी और फ्रूट जूस ले सकते हैं.

रेड मीट

रेड मीट में कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा की अधिकता होती है इसलिए हाइपर-थाइरॉइडिस्म में इसका सेवन नहीं करना चाहिए, इससे दिल की बीमारियाँ और टाइप 2 डाइबिटीज़ का खतरा रहता है इसीलिए सकी मात्रा कम करने से हाइपर-थाइरॉइडिस्म के लक्षण भी कम होते हैं.

डेयरी उत्पाद

हाइपर-थाइरॉइडिस्म वालों को इनसे भी बचना चाहिए. अलग-अलग खाद्यों का लोगों पर अलग-अलग प्रभाव होता है, कुछ लोगों में इनसे लैक्टोज सहन नहीं होना और दूध जैसे उत्पाद पचाने में समस्या होती है. यदि आपको दूध उत्पाद जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि से अपच, सूजन, थकान आदि होती है तो इनसे परहेज करें और अपने आपको स्वस्थ्य रखे.

The most common thyroid problems involve abnormal production of thyroid hormones and Pituitary gland malfunctions or cancerous growths in the thyroid gland.

web-title: thyroid disease causes and its treatment

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