कई लोगो के साथ यह समस्या होती हैं की कई लोगो को पेशाब करते वक़्त दर्द महसूस होता हैं या फिर पेशाब करते वक़्त किसी प्रकार की समस्या होती हैं, यह अनेकों कारणों से हो सकता है पेशाब करने की अचानक इच्छा होना, मूत्राशय के पीछे के झिल्ली की सूजन, पथरी अथवा किसी अनियमित कोशिका-वृद्धि के कारण हो सकती है, इसके अन्य कारण इस प्रकार से हैं, जिनकी वजह से दर्द के साथ एकदम ही पेशाब की हाजत उठती है.

इस कारण लोगो इस समस्या से बहुत ज़्यादा तकलीफ उठानी पड़ती नहीं जिसके बारे में वो किसी से बोल भी नहीं पाते हैं अगर आपको भी पेशाब करते वक़्त यह समस्याएं होती नहीं तो आप उनका निवारण इस प्रकार कर सकते हैं.

पेशाब करते समय दर्द होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

मूत्राशय एवं गुर्दे संबंधी रोग अनेक कारणों से हो सकते हैं. आजकल विकसित देशों में इन रोगियों की संख्या अधिक बढ़ी हुई हैं, गुर्दे संबंधी बीमारियां मुख्य रूप से बुखार की स्थिति में, थकान, वजन गिरते जाना, उल्टी होना, जी मिचलाना, कमजोरी एवं रक्तहीनता की परेशानियां होने पर होती नहीं इसके लिए आपको गुर्दे की जाच करवाना भी आवश्यक हैं.

मूत्राशय में सूजन का होना.
प्रोस्टेट ग्रंथियों की सूजन.
पेशाब के रास्ते यूरंथ्रा की सूजन.
क्षयरोग की वजह से गुर्दे / मूत्राशय में गांठे बनने के कारण.
मूत्राशय में पथरी होने के कारण.
बुढ़ापे में प्रोस्टेट ग्रंथि के अनियमित रूप से बढ़ जाने के कारण.
मूत्राशय में कैंसर होना भी एक करण हैं.
स्त्रियों में गर्भाशय में गांठ बनने के कारण या पेट में बच्चा होने के कारण.
मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण भी होता हैं.

पेशाब संबंधी रोग के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाये इस प्रकार से:

सारसापेरिला :

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पेशाब करते वक़्त किसी प्रकार का कष्ट होना, गर्म चीजों के सेवन से कष्ट बढ़ना,बैठकर पेशाब करने में तकलीफ के साथ-साथ बूंद-बूंद करके पेशाब होना , खड़े होकर करने पर पेशाब आसानी से होना, पेशाब में सफेद पदार्थ का निकलना और पेशाब का मटमैला होने की स्थिति में इस दवा का सेवन करे. यह दवा ६ शक्ति में प्रयोग करनी चाहिए.

केंथेरिस :

मूत्र-मार्ग में अगर किसी प्रकार का संक्रमण हैं तो , बार-बार पेशाब जाना, असंयम, पेशाब रोक पाने में असमर्थता होना, पेशाब रोकने पर दर्द होना, बूंद-बूंद करके पेशाब होना, पेशाब से पहले एवं पेशाब के बाद में जलन होते रहना, हर वक्त पेशाब की इच्छा होना, जेलीयुक्त पेशाब आदि लक्षण मिलने पर दवा 30 शक्ति में प्रयोग करनी चाहिए.

नाइट्रिक एसिड :

हर बार थोड़ा-थोड़ा पेशाब होना, घोड़े के बदबूदार पेशाब जैसी दुर्गंध आना, जलन, चुभन पेशाब में खून एवं सफेद पदार्थ का आना, ठंडा पेशाब, साथ ही किसी चौपहिया गाड़ी में चलने पर सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं, तो 30 शक्ति में औषधि का सेवन करना चाहिए, इससे आपकोप बहुत फायदा मिलेगा.

केप्सिकम :

यह दवा तब ली जानी चाहिए जब आपको पेशाब करते वक़्त इस प्रकार की समस्याएं हो पेशाब करते समय जलन रहना जैसी जलन लाल मिर्च खाने से होती है, वैसी ही भयंकर जलन रोगी महसूस करता है, पाखाना करते समय भी ऐसी ही जलन रहती हैऔर बहुत ज़्यादा तकलीफ होती हैं , खांसी होने पर खांसते समय रोगी के सिर में भयंकर दर्द उठता है, धसक-सी लगती है हैं तो आपको ईयोस दवाई को 30 शक्ति में, दिन में 3 बार 7 दिन तक खानी चाहिए. इससे आपको आराम मिलेगा.

टेरेबिंथ :

अगर आपको पेशाब करते वक़्त यह समस्याएं हैं जैसे पेशाब में रक्त, रुक-रुक कर जलन के साथ पेशाब होना, गुर्दो का संक्रमण, पीठ दर्द, मूत्र-मार्ग में स्थायी जलन एवं दर्द, पेशाब में बनकशा पुष्पों (बैंगनी पुष्प) की गंध आदि लक्षण मिलने पर 6 × शक्ति में सेवन करना लाभप्रद रहता है.

एपिस :

अगर आपको पेशाब करते वक़्त यह समस्याएं हैं, पेशाब में जलन वा किसी प्रकार की दुखन होना, कम मात्रा में कतरे आना, बार-बार हाजत, चुभन जैसा दर्द, गाढ़े पीले रंग का पेशाब, पेशाब की हाजत होने पर रोक पाना मुश्किल हो जाना, आखिरी बूंद पर अत्यधिक जलन एवं दर्द महसूस होना आदि लक्षण मिलने पर तो आप इस दवा का सेवन इस प्रकार कर सकते नहीं 30 शक्ति में सेवन करना लाभप्रद रहता है.

हेमेमिलिस :

बार-बार पेशाब की हाजत के साथ ही पेशाब में खून आना (काले रंग का रक्त स्राव, स्त्रियों में उपनियमित माहवारी) मूल अर्क में 5-10 बूंद औषधि दिन में तीन बार नियमित रूप से लेने पर आराम मिलता है, इसे आप 30 शक्ति में भी आप इसका सेवन कर सकते नहीं.

अगर आपको पेशाब करते वक़्त यह समस्याएं आ रहे हैं तो आप इन होम्योपैथिक का इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा बेहतर होगा अगर आप इन दवाओं का उपयोग किसी एक्सपर्ट से पूछ कर करे, इन दवाओ से आपको फायदा मिलेगा, इसके लिया आप जाच भी करवा सकते हैं.

if you have any of these urine problem, then here we are giving you some tips about it that will give you relief

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