बिमारी चाहे किसी भी प्रकार की हो चाहे वो छोटी हो या बड़ी हर तरह की बिमारी का पता लगाने के लिए हमे पैथॉलॉजि सेंटर्स के ढेरो चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसके कारण मरीज़ों को और उनके घरवालो को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. कई बार मरीज़ चलने फिरने से भी मजबूर होता हैं , तब भी मरीज़ों को बीमारी के निरिक्षण के लिए लैब जाना ही पड़ता है.
इन्ही सब परेशानियों के चलते, वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक बेहद सस्ता पोर्टेबल लैबोरेट्री डवलप किया है जो कि आपके स्मार्टफोन में मौजूद होगा. अब मेडिकल टेस्ट करना ना सिर्फ आसान होगा बल्कि उनके रिजल्ट भी आसानी से उपलब्ध होंगे.
क्या हैं स्मार्टफोन स्पेक्ट्रोमीटर:
शोधकर्ताओं की टीम ने आठ चैनल स्मार्टफोन स्पेक्ट्रोमीटर क्रिएट किया है जो कि ह्यूमन इंटरल्यूकिन-6 (IL-6), बायोमार्कर (जिसे लंग्स, प्रोस्टेट, लीवर, ब्रेस्ट कैंसर्स के लिए जाना जाता है.) को डिटेक्ट करेगा. ये स्पेक्ट्रोमीटर लाइट स्पेक्ट्र्म के जरिए सैंपल में जांचेगा कि कैमिकल किस टाइप का है और कितने अमाउंट में है.
क्या होंगे फायदे स्मार्टफोन स्पेक्टरोमीटर के:
कई बार ऐसा होता है कि पेशेंट और डॉक्टर्स को तुरंत रिजल्ट्स चाहिए होते हैं जो की नहीं मिल पाते है और सही समय पर इलाज नहीं शुरू हो पाता हैं इसके लिए ये स्मार्टफोन स्पेक्ट्रोमीटर इस तरह की परेशानियों का समाधान बन कर आया हैं.
इससे रिजल्ट्स जल्दी और आसानी से मिलेंगे
र्स्माटफोन स्पेक्ट्रोमीटर से एक बार में केवल एक ही सैंपल मोनीटर या जांचा जा सकता है
मल्टी चैनल स्पेक्ट्रोमीटर से आठ अलग-अलग सैंपल्स एक बार में एक ही टेस्ट से लिए जा सकते हैं.
इस टेस्ट का नाम है एलिसा. ये टेस्ट एंटीबॉडीज और कलर चेंज को डिजीज मार्कर के तौर पर पहचान करता है.
ये स्पेक्ट्रोमीटर उन डॉक्टर्स के लिए भी उपयोगी है जो विदेशों में या फिर रिमोट एरिया में प्रैक्टिस कर रहे हैं क्योंकि डॉक्टर्स अपने साथ पूरी लैब लेकर नहीं जा सकते. ऐसे में इन्हें पोर्टेबल डिवाइस की जरूरत होती है.
स्मार्टफोन स्पेक्ट्रोमीटर का उपयोग:
इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता लेई ली का कहना है कि स्पेक्ट्रोमीटर खासतौर पर हॉस्पीटल्स और क्लीनिक पर इस्तेमाल होता है.
ये लैबोरेट्री आईफोन 5 में काम कर रही है. हालांकि इस पर अभी और काम चल रहा है जिससे सभी स्मार्टफोन पर इसका इस्तेमाल किया जा सके.
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