दुनिया भर में चिकनगुनिया स्वास्थ्य सम्बन्धी चिंता का विषय बना हुआ है. पिछले वर्ष इस बीमारी से कई लोगो की जाने भी जा चुकी हैं. एक संक्रमित मच्छर के कांटने से कोई भी व्यक्ति चिकनगुनिया वायरस का शिकार हो सकता है. चिकनगुनिया लम्बे समय तक चलने वाला जोड़ो का रोग है, जिसमे जोड़ो में बहुत दर्द होता है. इस रोग का उग्र चरण तो 2 से 3 दिन रहता है लेकिन जोड़ो में दर्द महीनो या हफ़्तों तक बना रहता है.
जिसके वजह से चिकनगुनिया बुखार होता है, वह वायरस अल्फावायरस नामक वर्ग का होता है, मनुष्यों में यह वायरस मच्छर के काटने से फैलता है. जिनमे से एडीज एजिप्टी (aedes aegypti) मच्छर से सबसे अधिक होता है.चिकनगुनिया के अलावा, एडीज एजिप्टी मच्छर डेंगू और पीतज्वर जैसी अन्य बीमारियों को भी फैला सकता है.
यह मच्छर मनुष्य के शरीर से उत्सर्जित होने वाले कुछ खास तत्वों जैसे अमोनिया, लैक्टिक एसिड, कार्बनडाईऑक्साइड और ओक्टेनोल (octenol) की वजह से मनुष्य के खून की ओर आकर्षित होते हैं.एडीज एजिप्टी मच्छर आमतौर पर अँधेरे में, छायायुक्त स्थानों और इमारतों के अंदर पाए जाते हैं
यह मच्छर ठहरे हुए पानी या कही भरे हुए पानी में पैदा होते है. इसके अंडे ठण्ड और गर्मी के प्रति प्रतिरोधी होते हैं. इसलिए ये मच्छर गर्मी और सर्दी के मौसम के बाद आसानी से वापस आ सकते हैं.
इससे बचने का सबसे बेहतर इलाज ये है कि हम मच्छरों पर रोक लगे उन्हें पैदा होने से रोके,इसके लिए हम अपने आस पास साफ़ सफाई रखे , फूले के गमलो और घर के अस पास गढ्ढो में पानी ना जमा होने दे, घर में टब और बाल्टी में पानी को ना रखे, और कही भी पानी को ठहरने ना दे.
Web-Title: Use these steps to prevent Chickenguniya Viral
Key-Words: Chickenguniya, Viral Fever, Prevent, Muscle Pain
.