पोर्शिया | दुनिया भर में हर साल लगभग 10 करोड़ लोग डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार बन जाते है. आज भी ज्यादातर लोग नही जानते की डेंगू कैसे फैलता है और इसके रोकथाम के तरीके क्या है. ऐसे समय में यह जरुरी हो जाता है की डेंगू के बारे में लोगो को ज्यादा जागरूक किया जाये.
कैसे फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार एक वायरस से फैलता है. इसमें चार प्रकार के वायरस पाए गए है. उनमे से किसी एक प्रकार के डेंगू वायरस से डेंगू बुखार होता है. उनमे से एक वायरस जब एक व्यक्ति को पीड़ित कर देता है, तो वह व्यक्ति ठीक होने के काफी दिन बाद तक उस वायरस से पीड़ित नही होता. परन्तु अन्य तीन वायरस उस व्यक्ति को पीड़ित कर सकते है. दोबारा होने वाला डेंगू बुखार काफी गंभीर होता है जिसे डेंगू हेमोर्रहागिक फेवर कहते है.
डेंगू बुखार संक्रमित मादा जाती के एडीज एग्य्प्ती नामक मच्छर के काटने से होता है. अगर यह मच्छर किसी डेंगू पीड़ित व्यक्ति को काट लेता है तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है. अगर यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो स्वस्थ व्यक्ति भी डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है. यह दिन में ज्यादा सक्रिय होते है. इन मच्छरो के अंडे 12 महीने तक जिन्दा रह सकते है,
आइये जानते है की डेंगू बुखार के क्या लक्षण है.
संक्रमित मछार के काटने के 3 से 14 दिनों के बाद लक्षण दिखने लगते है.
- तेज ठण्ड से बुखार
- सर दर्द
- आँखों , बदन एवं जोड़ो में दर्द
- उलटी, भूख कम लगना
- दस्त लगना
- डेंगू की गंभीर स्थिति में आँख और नाक में से खून भी निकल सकता है.
कैसे कर सकते है बचाव
घर में या आस पास पानी जमा न होने दे. अगर किसी बर्तन में पानी जमा कर रखते है तो उसे ढककर रखे. घर में कीटनाशक का छिडकाव करे. कूलर में पानी न जमा होने दे, उसको सुखा कर रखे. खिड़की एवं दरवाजे में जाली लगाकर रखे. पूरे शरीर को ढककर रखने वाले कपडे ही पहने. रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे. आसपास डेंगू का मरीज हो तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे.
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजो की मृत्यु खून की कमी या प्लेटलेट के आभाव में होती है. जरुरत के समय रक्त दान करने से बिलकुल न घबराये. इसके अलावा पपीते के पत्तो का रस भी डेंगू बुखार में काफी कारगर सिद्ध होता है. पपीता का रस शरीर में प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने में मदद करता है.
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