हिमांशु गुप्ता | आजकल जोड़ो में दर्द होना आम बात हो गयी है. 40 वर्ष की उम्र के बाद यह और भी सामान्य बात है.जोड़ो में दर्द होने के बहुत से कारण हो सकते है.
जिसमे से प्रमुख कारण है-:
- यूरिक एसिड का बढ़ जाना, जिसे गाउट कहते है.
- दूसरा कारण जोड़ो के बीच में गैप का कम हो जाना है जिसे ओस्टियो आर्थेराईटिस कहते है , इसे वियर एंड टियर आर्थेराईटिस भी कहा जाता है.
- एक दूसरी कंडीशन ऐसी होती है जिसमे शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र गलती से शरीर के सारे जोड़ो में आक्रमण कर देता है, जिससे जोड़ो में इन्फ्लेमेसन एवं सूझन हो जाती है. इस प्रकार की आर्थेराईटिस को रिहमोटोएड आर्थेराईटिस कहते है .
रिहमोटोएड आर्थेराईटिस में शरीर के दोनों तरफ के जोड़ प्रभावित होते है. सुबह सुबह जोड़ो में जकडन रहती है. रिहमोटोएड आर्थेराईटिस शरीर के अन्य अंगो को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए इसका जल्दी पता लगना अवय्शय्क है. यदि किसी व्यक्ति को सुबह सुबह जोड़ो में 30 मिनट से ज्यादा जकडन रहती है , या एक से ज्यादा जोड़ो में दर्द हो तो उसे तुरंत अपने ब्लड टेस्ट कराने चाहिए .
लैब टेस्ट
गाउट का पता लगाने के लिएय यूरिक एसिड टेस्ट किया जाता है. ओस्टियो आर्थेराईटिस का पता करने के लिए एक्स रे जोड़ो का किया जाता है. रिहमोटोएड आर्थेराईटिस का पता लगाने के लिए RA फैक्टर , ESR , CRP टेस्ट किये जाते है.
उपचार
गाउट के उपचार के लिए Allopurinol टेबलेट दी जाती है. ओस्टियो आर्थेराईटिस के इलाज के लिए पार्शियल या टोटल knee रिप्लेसमेंट किया जाता है. रिहमोटोएड आर्थेराईटिस में क्योकि शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र शारीर के जोड़ो पर आक्रमण करता है इस्लिएय ऐसी दवायिया दी जाती है जिससे रोग प्रतिरोधक तंत्र को दबाया जाता है ऐसी दवयियो को DMARD( disease-modifying antirheumatic drugs ) का कहा जाता है.
प्रमुख DMRD में Methotrexate , Sulfasalazine ,Hydroxychloroquine ,Leflunomide आदि है Methotrexate एंटी फोलेट ड्रग है इसलिए इसके साथ फोलिक एसिड की टेबलेट ली जाती है. इसको 25 mg से ज्यादा नही लेना चाहिए. इसके अलावा बायोलॉजिकल DMRD भी इस्तेमाल की जाती है. क्योकि बायोलॉजिकल DMRD बहुत ज्यादा महंगी है इसलिए इनका इस्तेमाल कम होता है.
इसके अलावा रिहमोटोएड आर्थेराईटिस के उपचार में Corticosteroid मेडिसिन का उपयोग भी किया जाता है. Corticosteroid के बहुत से साइड इफेक्ट्स होते है इसलिए इसको कम समय अन्तराल के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा रिहमोटोएड आर्थेराईटिस के इलाज में NSAID ( नॉन स्तिरोइड एंटी इन्फ्लामेर्ट्री ड्रग्स ) का इस्तेमाल भी किया जाता है.
नोट :- किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले.