अनियमित जीवनशैली तथा उठने-बैठने के गलत तरीकों के कारण नसों में ज्यादा दर्द होता है खासकर कमर से लेकर पैर की नसों तक, जिसे साइटिका का दर्द कहते हैं, इसमें रोगी को पीठ में दर्द की शिकायत होती हैं जिसके कारण रोगी कोई भी काम करने में असमर्थ होता हैं, ऐसे लोग जो टेबल या कंप्यूटर पर घंटों बैठ कर काम करते हैं, उन्हें यह दर्द ज्यादा परेशान करता है, बहुत ज़्यादा देर एक ही जगह पर बैठ के काम करने में ऐसे लोगो की नसों में तनाव उत्पन्न होता है.
इसका प्रमुख लक्षण तब सामने आता है जब पीठ और पैर में दर्द होने लगे, यह दर्द ऐंठन या अकड़न के कारण भी हो सकता है.
साइटिका के दर्द का कारण:
जब नसों के फाइबर इससे प्रभावित होते हैं तो पैर की उँगलियों को हिलाना भी कठिन होता है. अपने पैरों को उठाने में भी तकलीफ होती है, यह रोग अगर गंभीर हो जाए तो खड़े रहना और चलना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए कई बार सर्जरी का सहारा भी लेना पड़ता हैं.
बहुत देर तक एक ही जगह पर बैठे रह कर काम करना.
या तो बहुत देर एक ही जगह पर खड़े हो कर काम करना.
मांशपेशियों में तनाव भी हैं एक कारण.
ऐंठन या अकड़न के कारण भी हो सकता है.
ऊँची एड़ी की चप्पल पहनने के कारण.
ज्यादा मुलायम गद्दों पर सोने के कारण.
साइटिका के दर्द का निवारण:
साइटिका के दर्द से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका हैं व्यायाम. अगर आप इस दर्द से पीड़ित हैं तो आपको चाहिए की आप नियमित तौर पर व्यायाम करे. खासकर वे व्यायाम जिनमें शरीर को आगे की ओर खींचना होता है, क्योंकि इस प्रक्रिया द्वारा आप प्रभावित तंत्रिका जड़ों पर दबाव पड़ता है और आप राहत महसूस करते हैं.
साइटिका के दर्द से निजात पाने के लिए करे यह योगासान:
वज्रासन:
वज्रासन सबसे सरल आसन है, बस पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठना है. पैरों के अँगूठे एक-दूसरे के ऊपर रहेंगे, एड़ियों को बाहर की ओर फैलाकर बैठने के लिए जगह बना लेंगे. हाथों को घुटनों पर रखेंगे, इसको करने से घुटनों का दर्द कम होता है. यही एक ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है.
ताड़ासन:
ताड़ एक पेड़ का नाम है ताड़ की तरह पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचना ही ताड़ासन कहलाता है, इससे पीठ पर जोर पड़ता है और दर्द गायब होता है. पैरों की अंगुलियों के साथ-साथ टखने भी मज़बूत बनते हैं. ये आसन रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है. फलस्वरूप शरीर का क़द बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है तथा स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती. कंधों के जोड़ मज़बूत बनते हैं और गहरी सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया में सुधार होता है.
सेतुबंध आसन:
सेतुबंध आसन रीढ़ की सभी कशेरुकाओं को अपने सही स्थान पर स्थापित करने में सहायक है. ये आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है , पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आँतों में खिंचाव आता है. कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी खुलकर लगती है.
भुजंगासन:
यह आसन पेट को कम करने के साथ-साथ यह आपकी हाइट बढ़ाने में भी मददगार होते हैं. इस आसन में पेट के बल लेटकर कमर के आगे के हिस्से को ऊपर की और उठाया जाता हैं, कमर तथा रीढ़ की हड्डी की एक्सरसाइज तथा हाइट बढ़ाने के लिए यह उपयोगी आसन है.
यह भी हैं उपचार:
अधिक दर्द के समय काम न करके आराम करें, शरीर को आराम दें.
ऊँची एड़ी की चप्पल ना पहने.
ज्यादा मुलायम गद्दों पर ना सोये.
गर्म पानी की थैली से सिकाई करें.
कोई भारी सामान नहीं उठाएं.
वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करें.
नियमित फिजियोथेरेपी, सही मुद्रा में रहना, कसरत और सिंकाई भी करे.
ज़ायद परेशानी होने पर डॉक्टर्स से परामर्श लें ऐसा करने पर आपको इस दर्द से छुटकारा मिल जाएगा.
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